कभी-कभी
मैं और मेरी पत्नि, हम एक दूसरे के वाक्यों को पूरा कर देते हैं। तीस वर्ष से अधिक
के विवाहित जीवन में साथ रहते-रहते हम एक दूसरे के विचार और बात करने के बारे में बहुत
अच्छे से परिचित हैं। कभी-कभी तो हमें वाक्य को पूरा भी नहीं करना पड़ता है; केवल
एक शब्द या एक-दूसरे की ओर एक झलक ही हमारी सोच को एक दूसरे से व्यक्त करने के लिए
पर्याप्त होती है।
इसमें
ऐसी सुख-शान्ति है जैसे पैरों में अच्छे से आ जाने वाले पुराने जूतों की जोड़ी को
पहनने में मिलती है। हम कभी-कभी एक दूसरे को प्यार से “मेरी पुरानी जूती” भी कह
देते हैं – जो ऐसा अभिवादन है जिसे तब तक समझ पाना कठिन है जब तक आप हमें अच्छे से
नहीं जानते हों। वर्षों के साथ में हमारे संबंध की एक अपनी ही भाषा विक्सित हो गई
है, जिनमें ऐसी अभिव्यक्तियाँ हैं जो दशकों के प्रेम और भरोसे का परिणाम हैं।
ऐसे
ही इस जानकारी में संतोष और सुख है कि परमेश्वर हमें भली-भांति जानता है और हमसे
प्रेम बहुत करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार दाऊद ने लिखा, “हे यहोवा,
मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो” (भजन 139:4)। कल्पना कीजिए प्रभु यीशु के साथ बिना कुछ बोले वार्तालाप
करने की, जिस में आप अपने हृदय की सभी बातें उससे निःसंकोच कहना चाहते हैं। परन्तु
इससे पहले कि आप अपनी बात को शब्दों में लाने पाएँ, प्रभु आपकी ओर देखकर
मुस्कुराता है और जो आप कहना चाहते हैं उसे व्यक्त कर देता है। यह जानने में कितना
संतोष है कि हमें प्रभु परमेश्वर से वार्तालाप करने के लिए सही शब्दों का उपयोग
करने की मजबूरी नहीं है। वह हमें जानता है, हमें अच्छे से समझता है। - जेम्स
बैंक्स
परमेश्वर हमारे शब्दों से बढ़कर हमारे
हृदयों को देखता है।
और हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के
परमेश्वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी
सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जांचता और विचार में जो
कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे
तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा। - 1 इतिहास 28:9
बाइबल पाठ: भजन 139:1-12
Psalms 139:1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है।
Psalms 139:2 तू मेरा उठना बैठना जानता है;
और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।
Psalms 139:3 मेरे चलने और लेटने की तू भली
भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है।
Psalms 139:4 हे यहोवा, मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो।
Psalms 139:5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा
है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है।
Psalms 139:6 यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन
है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।
Psalms 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर
किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं?
Psalms 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं,
तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी
तू है!
Psalms 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़
कर समुद्र के पार जा बसूं,
Psalms 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से
मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।
Psalms 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में
तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का
अन्धेरा हो जाएगा,
Psalms 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न
छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।
एक साल में बाइबल:
- गिनती 31-33
- मरकुस 9:1-29