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गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

प्रार्थना

 

          साल का वह समय आ गया है जब परिवार एकत्रित होते हैं और उत्सव मनाते हैं। किन्तु हम में से कुछ लोग अपने उन “चिंतित” रिश्तेदारों से मिलने से संकोच करते हैं जो अटपटे और व्यक्तिगत प्रश्न पूछते हैं, जैसे कि अविवाहित होने या संतान न होने, या अन्य किसी व्यक्तिगत बात के विषय, और यह एहसास करवाते हैं कि हम में कुछ कमी है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में इलीशिबा की स्थित की कल्पना करें, जो कई वर्ष से विवाहित थे, किन्तु निःसंतान थी। उस समय के समाज की परंपराओं के अनुसार, बाँझ होना परमेश्वर द्वारा उपेक्षित होने का चिह्न समझा जाता था (देखें 1 शमूएल 1:5-6), और लज्जाजनक बात समझी जाती थी। इसलिए यद्यपि इलीशिबा धार्मिकता का जीवन व्यतीत कर रही थी (लूका 1:6), किन्तु संभव है कि उसके पड़ौसी तथा संबंधी कुछ और ही विचार रखते हों।

          लेकिन इलीशिबा और उसका पति विश्वासयोग्यता से परमेश्वर की सेवा करते रहे। फिर, जब दोनों ही आयु में काफ़ी प्रौढ़ हो गए थे, तो एक आश्चर्यकर्म हुआ। परमेश्वर ने उनकी प्रार्थना को सुना (पद 13)। उसे, अपने समय और योजना के अनुसार, हम पर अपनी कृपा दिखाना पसंद है (पद 25)। और यद्यपि हमें लग सकता है कि वह विलम्ब कर रहा है, किन्तु उसकी बुद्धिमत्ता सदैव सिद्ध होती है और उसका समय सदा सही होता है। इलीशिबा और उसके पति के लिए परमेश्वर के पास एक विशेष उपहार था – वह पुत्र जो जगत के उद्धारकर्ता का अग्रदूत और संसार को मसीहा का परिचय करवाने वाला बनेगा (यशायाह 40:3-5)।

          क्या आपको कभी अपने जीवन में किसी बात की कमी खलती है, और जिसके विषय आप प्रार्थनाएं भी करते रहे हैं – विश्वविद्यालय की कोई डिग्री, विवाह, बच्चा, नौकरी, घर, इत्यादि? परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य बने रहिए, और भरोसे के साथ उसके कार्य को करता रहिए; उसके समय और योजना की धैर्य के साथ प्रतीक्षा करते रहिए, जैसा कि इलीशिबा ने किया।

          हमारी आवश्यकताएँ तथा परिस्थितियाँ चाहे जो भी हों, परमेश्वर हम में, हमारे द्वारा, और हमारे लिए कार्य कर रहा है। वह हमारे मन की दशा को जानता है। वह हमारी प्रार्थना सुनता है और उत्तर भी देता है। - पोह फैंग चिया

 

परमेश्वर के प्रति वफादारी से कार्य करते रहिए, जीवन व्यतीत करते रहिए।


इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। - 1 पतरस 5:6-7

बाइबल पाठ: लूका 1:18-25

लूका 1:18 ज़कर्याह ने स्वर्गदूत से पूछा; यह मैं कैसे जानूं? क्योंकि मैं तो बूढ़ा हूं; और मेरी पत्नी भी बूढ़ी हो गई है।

लूका 1:19 स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, कि मैं जिब्राईल हूँ, जो परमेश्वर के सामने खड़ा रहता हूँ; और मैं तुझ से बातें करने और तुझे यह सुसमाचार सुनाने को भेजा गया हूँ।

लूका 1:20 और देख जिस दिन तक ये बातें पूरी न हो लें, उस दिन तक तू मौन रहेगा, और बोल न सकेगा, इसलिये कि तू ने मेरी बातों की जो अपने समय पर पूरी होंगी, प्रतीति न की।

लूका 1:21 और लोग ज़कर्याह की बाट देखते रहे और अचम्भा करने लगे कि उसे मन्दिर में ऐसी देर क्यों लगी?

लूका 1:22 जब वह बाहर आया, तो उन से बोल न सका: सो वे जान गए, कि उसने मन्दिर में कोई दर्शन पाया है; और वह उन से संकेत करता रहा, और गूंगा रह गया।

लूका 1:23 जब उस की सेवा के दिन पूरे हुए, तो वह अपने घर चला गया।

लूका 1:24 इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुई; और पांच महीने तक अपने आप को यह कह के छिपाए रखा।

लूका 1:25 कि मनुष्यों में मेरा अपमान दूर करने के लिये प्रभु ने इन दिनों में कृपा दृष्टि कर के मेरे लिये ऐसा किया है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • आमोस 7-9
  • प्रकाशितवाक्य 8