बात मेरे बचपन की है, मैं रसोई में बैठा था और अपनी माँ को नाश्ता बनाते हुए देख रहा था। उन्होंने तवे पर तलने के लिए कुछ डाला, और घी के छिटकने से एक दम आग लग गई, और ऊँची लपटें उठीं। मेरी माँ बाहर भागी कि आग बुझाने के लिए उस पर डालने को कुछ ला सके, और मैं एकदम ज़ोर से चिल्लाया, "सहायता करो!" और फिर स्वाभाविक रूप से साथ ही कह बैठा, "काश प्रार्थना के लिए समय भी होता!" हमारे घर में "प्रार्थना के लिए समय" एक बहु-प्रचलित वाक्यांश था, और मैं समझता था कि प्रार्थना बस कुछ निर्धारित समयों पर ही करी जा सकती है।
लेकिन हर समय प्रार्थना के लिए समय है, विशेषकर मसीही विश्वासियों के लिए; क्योंकि अपने परमेश्वर पिता के पास अपने निवेदन लेकर जाने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता, और किसी संकट के समय तो बिलकुल भी नहीं। प्रभु यीशु में मिली पापों से क्षमा और उद्धार के साथ ही हर मसीही विश्वासी को परमेश्वर को "हे अब्बा; हे पिता" कह कर संबोधित करने का अधिकार भी मिला है (रोमियों 8:15)। भय, चिंता, परेशानी, आवश्यकता आदि प्रार्थना के बहुत आम कारण हैं। जब हम उदास, त्यागे हुए और सभी मानवीय सहायता स्त्रोतों से वंचित होते हैं, तो स्वाभाविक रूप से प्रार्थना में ही उपाय ढूँढ़ते हैं। लेकिन परमेश्वर चाहता है कि केवल संकट में ही नहीं वरन हर परिस्थिति में हम हर बात उसके साथ बांटें, उसे बताएं और उससे मार्गदर्शन लें जिससे गलती करने से सदा बचे रहें।
इस्त्राएल के राजा दाऊद ने भी अपने एक भजन में यह पुकार लगाई: "हे परमेश्वर मुझे छुड़ाने के लिये, हे यहोवा मेरी सहायता करने के लिये फुर्ती कर!" (भजन 70:1)। पाँचवीं शताब्दी के एक मसीही विश्वासी और लेखक जौन कैसियन ने इस पद की व्याख्या में लिखा, "यह एक ऐसे भयभीत व्यक्ति की पुकार है जो शत्रु के फन्दे में हो, जो दिन और रात शत्रुओं के घेरे में हो और जानता हो कि ईश्वरीय सहायता के बगैर वह छूट नहीं सकता।"
लेकिन हमें परमेश्वर कि सहायता माँगने के लिए किसी संकट में पड़ने की आवश्यकता नहीं है। हमारे लिए परमेश्वर की सहायता सदा उपलब्ध है, हर कार्य के लिए, हर बात के लिए; वह सदैव हमारा मार्गदर्शन और हमारी सहायता करने को तैयार और तत्पर रहता है। हमें बस विश्वास के साथ अपने परमेश्वर पिता से कहना भर है, "हे परमेश्वर सहायता कीजिए!"; चाहे बोल के, चाहे मन में ही कह कर, वह सब एक समान सुनता है।
एक मसीही विश्वासी के लिए हर समय प्रार्थना का समय है। - डेविड रोपर
ऐसा कोई स्थान या समय नहीं है जिसमें हम प्रार्थना ना कर सकें।
क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं। - रोमियों 8:15
बाइबल पाठ: भजन 70
Psalms 70:1 हे परमेश्वर मुझे छुड़ाने के लिये, हे यहोवा मेरी सहायता करने के लिये फुर्ती कर!
Psalms 70:2 जो मेरे प्राण के खोजी हैं, उनकी आशा टूटे, और मुंह काला हो जाए! जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं, वे पीछे हटाए और निरादर किए जाएं।
Psalms 70:3 जो कहते हैं, आहा, आहा, वे अपनी लज्जा के मारे उलटे फेरे जाएं।
Psalms 70:4 जितने तुझे ढूंढ़ते हैं, वे सब तेरे कारण हर्षित और आनन्दित हों! और जो तेरा उद्धार चाहते हैं, वे निरन्तर कहते रहें, कि परमेश्वर की बड़ाई हो।
Psalms 70:5 मैं तो दीन और दरिद्र हूं; हे परमेश्वर मेरे लिये फुर्ती कर! तू मेरा सहायक और छुड़ाने वाला है; हे यहोवा विलम्ब न कर!
एक साल में बाइबल:
- 1 राजा 19-20
- लूका 23:1-25