रवि
के पिता के शब्दों ने रवि के मन में गहरी चोट करी। उसके पिता उस डांट रहे थे, “तुम
पूर्णतः असफल रहे हो, परिवार के लिए तुम शर्मिन्दगी का कारण हो।” अपने भाई-बहनों की
तुलना में रवि को एक कलंक के रूप में देखा जाता था। उसने खेल-कूद में अच्छे
प्रदर्शन करने के प्रयास किए, और वह इसमें सफल भी हुआ, परन्तु फिर भी वह अपने आप
को जीवन में असफल अनुभव करता था। वह सोचता था, “मेरा क्या होगा? क्या मैं ऐसे ही पूर्णतः
असफल ही बना रहूँगा? क्या कोई विधि है कि मैं जीवन समाप्त कर सकूँ, बिना किसी पीड़ा
के?” वह इन विचारों से जूझता तो रहता था परन्तु उन्हें किसी के साथ बाँटता नहीं था;
उसकी संस्कृति में ऐसा किया ही नहीं जाता था। उसे तो यही सिखाया गया था कि अपनी
व्यक्तिगत समस्याओं को व्यक्तिगत ही रखो; और पने गिरते हुए जीवन को संभाले रखो।”
इस
कारण वह अपनी परेशानी से अकेले ही जूझता रहा, और उसने आत्म-हत्या का प्रयास किया।
इस विफल प्रयास से अस्पताल में स्वस्थ होते समय, एक मिलने वाले ने उसे परमेश्वर के
वचन बाइबल की एक प्रति दी जो यूहन्ना 14 अध्याय पर खुली हुई थी। रवि की माँ ने उसे
बाइबल से पढ़ कर सुनाया, और वहाँ एक स्थान पर प्रभु यीशु ने कहा है, “इसलिये कि
मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे” (पद 19)। रवि को लगा कि उसके लिए यही एकमात्र आशा है, जीवन जीने का एक
नया तरीका। जीवन के रचनाकार के द्वारा दी गई जीवन की परिभाषा “मार्ग और सच्चाई
और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के
पास नहीं पहुंच सकता” (पद 6); रवि ने परभु यीशु की बात
पर विश्वास कर के प्रार्थना की, “यीशु, यदि आप ही हैं जो सार्थक जीवन देते हैं, तो
मुझे आप से वह जीवन चाहिए।”
जीवन
में घोर निराशा के पल भी आ सकते हैं; परन्तु हमारी हर परेशानी में हम रवि के समान जीवन
के रचियता, प्रभु यीशु मसीह के पास जाकर आशा का संचार प्राप्त कर सकते हैं।
परमेश्वर चाहता है कि हम एक अच्छा और संतुष्टि का जीवन जीएँ। - पोह फैंग चिया
केवल प्रभु यीशु ही नया जीवन दे सकता है।
सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि
है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे
सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17
बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:5-14
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू हां जाता है तो मार्ग
कैसे जानें?
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे
द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।
John 14:7 यदि तुम ने मुझे जाना होता,
तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो,
और उसे देखा भी है।
John 14:8 फिलेप्पुस ने उस से कहा, हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे: यही हमारे लिये
बहुत है।
John 14:9 यीशु ने उस से कहा; हे फिलेप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूं,
और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा
है उसने पिता को देखा है: तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा।
John 14:10 क्या तू प्रतीति नहीं करता,
कि मैं पिता में हूं, और पिता मुझ में हैं?
ये बातें जो मैं तुम से कहता हूं, अपनी ओर से
नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है।
John 14:11 मेरी ही प्रतीति करो, कि मैं पिता में हूं; और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरी प्रतीति करो।
John 14:12 मैं तुम से सच सच कहता हूं,
कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं
करता हूं वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं।
John 14:13 और जो कुछ तुम मेरे नाम से
मांगोगे, वही मैं करूंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा
हो।
John 14:14 यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ
मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 41-42
- मत्ती 12:1-23