शरद
ऋतु के लिए खरीदे गए एक वस्त्र पर से उसकी कीमत का लेबल हटाते हुए मेरा ध्यान उस
लेबल की पिछली ओर लिखी हुई बात पर गया। वस्त्र को बनाने वालों ने लिखा था,
“चेतावनी: इस अद्भुत वस्त्र को पहिनने के पश्चात आप बाहर जाना एवँ रहना चाहेंगे।”
मैं उनकी बात को पढ़कर मुस्कुराया। यदि ऋतु के अनुसार ठीक से वस्त्र पहिनें हों तो
व्यक्ति कठोर मौसम में भी सुरक्षित रह सकता है।
यही
सिद्धांत हमारे आत्मिक जीवन में भी लागू होता है। प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी होने
के नाते, प्रभु ने हमें जीवन के प्रत्येक ‘मौसम’ के लिए आवश्यक उचित ‘वस्त्र’ अपने
वचन बाइबल में प्रदान किए हैं। कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखी पत्री में
प्रेरित पौलुस उन्हें लिखता है, “इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो
पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता,
और सहनशीलता धारण करो। और यदि किसी को किसी पर दोष देने को
कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और
एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो” (कुलुस्सियों 3:12-13)।
जो
वस्त्र परमेश्वर उपलब्ध करवाता है, जैसे कि करुणा, भलाई, दीनता, और नम्रता, वे हमें
सक्षम करते हैं कि हम विरोध, और आलोचना का सामना धैर्य, क्षमा, और प्रेम के साथ
करें। जीवन की आँधी-तूफानों में उन ‘वस्त्रों’ से हमें स्थिर बने रहने की शक्ति
मिलती है।
जब
हम घर, स्कूल, या कार्यस्थल पर विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हैं, तो जो
“वस्त्र” परमेश्वर हमें पहिनने के लिए कहता है, वे हमारी सुरक्षा करते हैं, और
हमें सक्षम करते हैं कि हम सकारात्मक प्रभाव डाल सकें। परमेश्वर के मार्गदर्शन के
अनुसार ‘वस्त्र’ पहिनने से हमारे लिए मौसम तो नहीं बदलता है, परन्तु वे वस्त्र
हमें उस मौसम को सहने और उसमें सुरक्षित रहने की क्षमता प्रदान करते हैं। - डेविड
मैक्कैस्लैंड
भलाई वह तेल है जो जीवन से घर्षण को दूर
करता है।
वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाशाओं को पूरा करने का उपाय न करो। - रोमियों 13:14
बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:8-17
Colossians 3:8 पर अब तुम भी इन सब को
अर्थात क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्दा, और मुंह से गालियां बकना ये सब बातें छोड़
दो।
Colossians 3:9 एक दूसरे से झूठ मत बोलो
क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्व को उसके कामों समेत उतार डाला है।
Colossians 3:10 और नए मनुष्यत्व को पहिन
लिया है जो अपने सृजनहार के स्वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया
बनता जाता है।
Colossians 3:11 उस में न तो यूनानी रहा,
न यहूदी, न खतना, न
खतनारिहत, न जंगली, न स्कूती, न दास और न स्वतंत्र: केवल मसीह सब कुछ और सब में है।
Colossians 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने
हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता,
और सहनशीलता धारण करो।
Colossians 3:13 और यदि किसी को किसी पर
दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए,
वैसे ही तुम भी करो।
Colossians 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को
जो सिद्धता का कटिबन्ध है बान्ध लो।
Colossians 3:15 और मसीह की शान्ति जिस के
लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में
राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।
Colossians 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय
में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को
सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में
अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।
Colossians 3:17 और वचन से या काम से जो
कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा
परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 3-4
- गलातियों 6