ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 23 अक्तूबर 2014

भरोसेमंद प्रेम


   संभवतः सुनने में सबसे दुखदायी बात है किसी प्रीय से सुनना, "मैं अब तुम से प्रेम नहीं रखता।" ये शब्द रिश्ते समाप्त कर देते हैं, हृदय तोड़ देते हैं और सपनों को चूर-चूर कर देते हैं। अकसर जो लोग ऐसा धोखा खाए हुए होते हैं वे अपने आप को और दुख से बचाने के लिए किसी के प्रेम पर फिर कभी भरोसा रखना छोड़ देते हैं, यहाँ तक कि कुछ का भरोसा परमेश्वर के प्रेम पर से भी उठ जाता है।

   लेकिन मनुष्य के प्रति परमेश्वर के प्रेम की अद्भुत बात यह है कि वह मनुष्य के प्रत्युत्तर पर आधारित नहीं है और ना ही मनुष्य के लिए परमेश्वर का प्रेम कभी समाप्त होता है। भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह को भयानक और विनाशकारी परिस्थितियों को देखना तथा झेलना पड़ा जिससे वह भावानात्मक रूप में टूट गया (विलापगीत 3:13-20)। उसके अपने लोगों ने परमेश्वर के प्रेम को स्वीकार करने और परमेश्वर का अनुसरण करने की उसकी बार बार दी गई चेतावनियों को मानने से इन्कार कर दिया, और वे परमेश्वर के भयानक कोप के भागी हुए। इस विनाश के दुख की चरम सीमा पर यिर्मयाह ने कहा, "...मेरा बल नाश हुआ, और मेरी आश जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है" (विलापगीत 3:18)।

   लेकिन फिर भी अपनी निराशा के इस घोर अन्धकार में यिर्मयाह ने परमेश्वर के प्रेम को ही अपना आधार बनाया, उसे स्मरण किया और परमेश्वर पर उसकी आशा फिर बन्ध गई (विलापगीत 3:21-24)। मनुष्य हमसे सदा प्रेम करते रहने का वायदा कर के भी अपने वायदे से पलट सकता है, धोखा दे सकता है, लेकिन परमेश्वर का प्रेम कभी ना बदलने वाला प्रेम है, वह अपने बच्चों के साथ सदा बना रहता है, उन्हें कभी नहीं छोड़ता और कभी नहीं त्यागता: "तू हियाव बान्ध और दृढ़ हो, उन से न डर और न भयभीत हो; क्योंकि तेरे संग चलने वाला तेरा परमेश्वर यहोवा है; वह तुझ को धोखा न देगा और न छोड़ेगा" (व्यवस्थाविवरण 31:6)। परमेश्वर का प्रेम वास्तव में भरोसेमन्द प्रेम है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


परमेश्वर का प्रेम कभी बदलता नहीं कभी धोखा नहीं देता।

क्षण भर ही के लिये मैं ने तुझे छोड़ दिया था, परन्तु अब बड़ी दया कर के मैं फिर तुझे रख लूंगा। क्रोध के झकोरे में आकर मैं ने पल भर के लिये तुझ से मुंह छिपाया था, परन्तु अब अनन्त करूणा से मैं तुझ पर दया करूंगा, तेरे छुड़ाने वाले यहोवा का यही वचन है। - यशायाह 54:7-8

बाइबल पाठ: विलापगीत 3:12-26
Lamentations 3:12 उसने धनुष चढ़ा कर मुझे अपने तीर का निशाना बनाया है। 
Lamentations 3:13 उसने अपनी तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है; 
Lamentations 3:14 सब लोग मुझ पर हंसते हैं और दिन भर मुझ पर ढालकर गीत गाते हैं, 
Lamentations 3:15 उसने मुझे कठिन दु:ख से भर दिया, और नागदौना पिलाकर तृप्त किया है। 
Lamentations 3:16 उसने मेरे दांतों को कंकरी से तोड़ डाला, और मुझे राख से ढांप दिया है; 
Lamentations 3:17 और मुझ को मन से उतार कर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ; 
Lamentations 3:18 इसलिऐ मैं ने कहा, मेरा बल नाश हुआ, और मेरी आश जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है। 
Lamentations 3:19 मेरा दु:ख और मारा मारा फिरना, मेरा नागदौने और-और विष का पीना स्मरण कर! 
Lamentations 3:20 मैं उन्हीं पर सोचता रहता हूँ, इस से मेरा प्राण ढला जाता है। 
Lamentations 3:21 परन्तु मैं यह स्मरण करता हूँ, इसीलिये मुझे आाशा है: 
Lamentations 3:22 हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। 
Lamentations 3:23 प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। 
Lamentations 3:24 मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा। 
Lamentations 3:25 जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है। 
Lamentations 3:26 यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है।

एक साल में बाइबल: 
  • मरकुस 7-10