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सोमवार, 4 अप्रैल 2011

असफलता से सफलता

महान अविष्कारक चार्लस केटरिंग का सुझाव है कि हम बुद्धिमानी से असफल होना सीखें। उन्होंने कहा, "जब आप असफल हों तो उसका विशलेषण करें और पता लगाएं कि ऐसा क्यूँ हुआ, क्योंकि प्रत्येक असफलता सफलता के मन्दिर तक पहुँचाने वाला कदम है; और सुनिश्चित कर लें कि आप अपने अन्तिम प्रयास में असफल न हों।"

असफलता को सफलता में परिवर्तित करने के लिए तीन सुझाव हैं:

१. असफलता का ईमानदारी से सामना करें, कभी भी दिखाने भर को सफलता का स्वांग न करें।

२. असफलता का उपयोग करें, उसे व्यर्थ न जाने दें। उससे जो भी और जितना भी आप सीख सकते हैं वह अवश्य सीखें। हर कड़वा अनुभव आपको कुछ न कुछ अच्छा सिखा सकता है।

३. कभी भी असफलता को बहाना बना कर एक और प्रयत्न करने का इरादा न छोड़ दें। चाहे हम असफलता से हुए नुकसान की भरपाई कभी न कर पाएं, या उसके दुषप्रभावों को कभी न पलट सकें तौ भी एक नया आरंभ करने के लिए सदा तैयार रहें।

परमेश्वर अपने बच्चों को सिर्फ इसलिए कि हम उसकी सन्तान हैं, हमें अपने द्वारा लिए गए गलत निर्णयों और किए गए गलत कार्यों के दुषप्रभावों से बचा कर नहीं रखता; क्योंकि वह चाहता है कि हम उसकी आज्ञाकारिता की आशीशों और अनआज्ञाकारिता के परिणामों को अनुभव कर सकें और उनसे सीख सकें। साथ ही वह हमें एक बात और सिखाना चाहता है - उसकी सन्तान के लिए असफलता कभी अन्त नहीं है क्योंकि उसका पवित्र आत्मा हमारे अन्दर रहकर लगातार हमें परमेश्वर के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उभारता रहता है। वह हमें असफलता को परिपक्वता तक पहुँचने की सीढ़ी की तरह प्रयोग करने को उकसाता रहता है। परमेश्वर प्रत्येक परिस्थिति में हमारी भलाई ही के लिए कार्य करता है, असफलता में भी, और हमें उस भलाई में चलना है जिससे हम और बढ़ सकें।

असफलता से भी लाभ उठाना ही सफलता की कुँजी है, विशेषकर तब जब हम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर हम में होकर कार्य करता रहता है कि हम उसकी सुइच्छा की पूर्ति करें। - डेनिस डी हॉन


असफलता को उसके विपरीत रूप में बदलना ही सफलता है।

क्‍योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्‍छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है। - फिलिप्पियों २:१३

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों २:१२-१७
Php 2:12 सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष करके अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ।
Php 2:13 क्‍योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्‍छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है।
Php 2:14 सब काम बिना कुड़कुड़ाए और बिना विवाद के किया करो।
Php 2:15 ताकि तुम निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्‍तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)।
Php 2:16 कि मसीह के दिन मुझे घमण्‍ड करने का कारण हो, कि न मेरा दौड़ना और न मेरा परिश्रम करना व्यर्थ हुआ।
Php 2:17 और यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लोहू भी बहाना पड़े तौभी मैं आनन्‍दित हूं, और तुम सब के साथ आनन्‍द करता हूं।

एक साल में बाइबल:
  • रूथ १-४
  • लूका ८:१-२५