जब हौलेंड के महान चित्रकार रेम्ब्रान्ड्ट की
63 वर्ष की आयु में अनेपक्षित मृत्यु हुई, तो चित्र बनाने के उनके पटल पर एक अधूरा
चित्र लगा हुआ था। वह चित्र परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु के जन्म से
संबंधित पात्र शमौन की उस समय की भावनाओं पर केंद्रित है, जब शिशु यीशु को उनके
जन्म के 40 दिन के बाद यरुशलेम के मंदिर में लाया गया और शमौन ने शिशु यीशु को गोद
में लिया। इस चित्र की पृष्ठभूमि और अन्य विवरण अधूरे हैं। कुछ कला-विशेषज्ञों का
मानना है कि रेम्ब्रान्ड्ट जानता था कि उसके जीवन का अन्त निकट है, और शमौन के
समान, वह भी विदा होने के लिए तैयार था।
परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि शमौन पर
पवित्र-आत्मा का प्रभाव था (पद 25), इसलिए इसमें कोई संयोग नहीं है कि जब यूसुफ और
मरियम अपने पहलौठे को परमेश्वर को अर्पित करने के लिए लेकर आए तो वह मंदिर में
उपस्थित था। शमौन ने, जो वायदा किए हुए आनेवाले मसीहा की प्रतीक्षा में था, शिशु
को गोद में लिया और परमेश्वर की बढ़ाई करते हुए कहा, “हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा करता है। क्योंकि
मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है। जिसे तू ने सब देशों के लोगों के
साम्हने तैयार किया है। कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति,
और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो”
(लूका 2:29-32)।
शमौन इस्राएल के इतिहास के स्वर्णिम दिनों की
प्रतीक्षा नहीं कर रहा था, वरन इस्राएल से आने वाले उस मसीहा की प्रतीक्षा में था
जो आकर सारे सँसार के सभी लोगों के लिए पापों से छुड़ाए जाने का मार्ग बना कर देने
वाला था।
शमौन के समान हम मसीही विश्वासी भी जीवन में
आशावान रह सकते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि एक दिन हम प्रभु परमेश्वर को अवश्य
देखेंगे। - डेविड मैक्कैस्लैंड
जो
इन बातों की गवाही देता है,
वह यह कहता है, हां शीघ्र आने वाला हूं। आमीन।
हे प्रभु यीशु आ। - प्रकाशिवाक्य 22:20
बाइबल
पाठ: लूका 2:21-35
Luke 2:21 जब आठ दिन पूरे हुए, और उसके खतने का समय आया,
तो उसका नाम यीशु रखा गया, जो स्वर्गदूत ने
उसके पेट में आने से पहिले कहा था।
Luke 2:22 और जब मूसा की व्यवस्था के अनुसार उन के शुद्ध होने के दिन पूरे हुए
तो वे उसे यरूशलेम में ले गए, कि प्रभु के सामने लाएं।
Luke 2:23 (जैसा कि प्रभु की व्यवस्था में लिखा है कि हर एक पहिलौठा प्रभु के
लिये पवित्र ठहरेगा)।
Luke 2:24 और प्रभु की व्यवस्था के वचन के अनुसार पंडुकों का एक जोड़ा, या कबूतर के दो बच्चे ला कर बलिदान करें।
Luke 2:25 और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम एक मनुष्य था,
और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की
शान्ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था।
Luke 2:26 और पवित्र आत्मा से उसको चितावनी हुई थी, कि जब
तक तू प्रभु के मसीह को देख ने लेगा, तक तक मृत्यु को न
देखेगा।
Luke 2:27 और वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और
जब माता-पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये
व्यवस्था की रीति के अनुसार करें।
Luke 2:28 तो उसने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद कर के कहा,
Luke 2:29 हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के
अनुसार शान्ति से विदा करता है।
Luke 2:30 क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है।
Luke 2:31 जिसे तू ने सब देशों के लोगों के साम्हने तैयार किया है।
Luke 2:32 कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो।
Luke 2:33 और उसका पिता और उस की माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती
थीं, आश्चर्य करते थे।
Luke 2:34 तब शमौन ने उन को आशीष देकर, उस की माता मरियम
से कहा; देख, वह तो इस्राएल में बहुतों
के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा
चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें
की जाएगीं --
Luke 2:35 वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा-- इस से बहुत हृदयों
के विचार प्रगट होंगे।
एक
साल में बाइबल:
- गिनती 9-11
- मरकुस 5:1-20