अपनी बेटी के साथ बच्चों के लिए लिखी गईं कुछ पुस्तकें पढ़ने के बाद मैंने उस से कहा कि अब मैं बड़ों के लिए लिखी गई एक पुस्तक पढ़ना चाहूँगी, और फिर बाद में हम बच्चों की और पुस्तकें पढ़ेंगे। यह कहकर मैंने अपनी पुस्तक उठाई और उसे खोलकर खामोशी से पढ़ना आरंभ कर दिया। कुछ देर तक मुझे पढ़ते देखने के पश्चात मेरी बेटी बोली, "मम्मी आप वास्तव में पढ़ नहीं रही हैं।" उसे लगा क्योंकि मैं सुनाई दे सकने वाले स्वर में नहीं पढ़ रही थी, जैसा कि उसके साथ करती हूँ, इसलिए मैं वास्तव में पढ़ नहीं रही हूँ।
पढ़ने के समान ही प्रार्थना भी शान्त रहकर करी जा सकती है। परमेश्वर के वचन बाइबल की एक पात्र, हन्ना नामक एक महिला, जो बाँझ थी और सन्तान की बहुत लालसा रखती थी, परमेश्वर के मन्दिर में जा कर इस विषय पर मन ही मन प्रार्थना कर रही थी; उसके होंठ तो हिल रहे थे पर शब्द सुनाई नही दे रहे थे (1 शमूएल 1:13)। मन्दिर के प्रधान पुरोहित एली ने यह देखा और उसने गलत समझा कि हन्ना नशे में बुड़बुड़ा रही है। हन्ना ने एली को समझाया कि वह परमेश्वर के सम्मुख अपने मन की बात कह रही है। परमेश्वर ने हन्ना की प्रार्थना सुनी और उसे पुत्र दिया (1 शमूएल 1:20)।
क्योंकि परमेश्वर मनों और हृदयों को जाँचता है (यर्मियाह 17:10), वह प्रत्येक प्रार्थना को भी देख और सुन सकता है, कभी मुँह से निकले बिना मन ही में कही जाने वाली भी। परमेश्वर के सर्वज्ञानी होने के गुण के कारण हम पूरे निश्चय के साथ प्रार्थना कर सकते हैं कि वह हमारी प्रार्थना सुन रहा है और उत्तर भी देगा (मत्ती 6:8, 32)। इसीलिए चाहे मन ही में, हम निरन्तर परमेश्वर की आराधना और स्तुति भी कर सकते हैं, उससे सहायता की याचना भी कर सकते हैं, और उससे मिलने वाली सभी आशीषों के लिए उसका धन्यवाद भी कर सकते हैं; क्योंकि चाहे किसी को हमारे मन की बात सुनाई दे अथवा नही, परमेश्वर को सब सुनता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
जब हम अपने मन परमेश्वर के आगे खोलते हैं वह उन्हें अपनी शान्ति से भर देता है।
प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाईं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी। सो तुम उन की नाईं न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या क्या आवश्यक्ता है। - मत्ती 6:7-8
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 1:9-20
1 Samuel 1:9 तब शीलो में खाने और पीने के बाद हन्ना उठी। और यहोवा के मन्दिर के चौखट के एक अलंग के पास एली याजक कुर्सी पर बैठा हुआ था।
1 Samuel 1:10 और यह मन में व्याकुल हो कर यहोवा से प्रार्थना करने और बिलख बिलखकर रोने लगी।
1 Samuel 1:11 और उसने यह मन्नत मानी, कि हे सेनाओं के यहोवा, यदि तू अपनी दासी के दु:ख पर सचमुच दृष्टि करे, और मेरी सुधि ले, और अपनी दासी को भूल न जाए, और अपनी दासी को पुत्र दे, तो मैं उसे उसके जीवन भर के लिये यहोवा को अर्पण करूंगी, और उसके सिर पर छुरा फिरने न पाएगा।
1 Samuel 1:12 जब वह यहोवा के साम्हने ऐसी प्रार्थना कर रही थी, तब एली उसके मुंह की ओर ताक रहा था।
1 Samuel 1:13 हन्ना मन ही मन कह रही थी; उसके होंठ तो हिलते थे परन्तु उसका शब्द न सुन पड़ता था; इसलिये एली ने समझा कि वह नशे में है।
1 Samuel 1:14 तब एली ने उस से कहा, तू कब तक नशे में रहेगी? अपना नशा उतार।
1 Samuel 1:15 हन्ना ने कहा, नहीं, हे मेरे प्रभु, मैं तो दु:खिया हूं; मैं ने न तो दाखमधु पिया है और न मदिरा, मैं ने अपने मन की बात खोल कर यहोवा से कही है।
1 Samuel 1:16 अपनी दासी को ओछी स्त्री न जान जो कुछ मैं ने अब तक कहा है, वह बहुत ही शोकित होने और चिढ़ाई जाने के कारण कहा है।
1 Samuel 1:17 एली ने कहा, कुशल से चली जा; इस्राएल का परमेश्वर तुझे मन चाहा वर दे।
1 Samuel 1:18 उसे ने कहा, तेरी दासी तेरी दृष्टि में अनुग्रह पाए। तब वह स्त्री चली गई और खाना खाया, और उसका मुंह फिर उदास न रहा।
1 Samuel 1:19 बिहान को वे सवेरे उठ यहोवा को दण्डवत कर के रामा में अपने घर लौट गए। और एलकाना अपनी स्त्री हन्ना के पास गया, और यहोवा ने उसकी सुधि ली;
1 Samuel 1:20 तब हन्ना गर्भवती हुई और समय पर उसके एक पुत्र हुआ, और उसका नाम शमूएल रखा, क्योंकि वह कहने लगी, मैं ने यहोवा से मांगकर इसे पाया है।
एक साल में बाइबल:
- निर्गमन 27-28
- मत्ती 21:1-22