मैं कैलिफोर्निया के एक चर्च में चर्च की संचालन समिति का सदस्य रहा था। उस समिति का एक अन्य सदस्य, बॉब स्मिथ, हम सभी से उम्र में बड़ा था, वह समस्याओं में सही मार्गदर्शन पाने के लिए हमें बार बार परमेश्वर के वचन बाइबल की ओर जाने का परामर्श देता था।
एक बार हम चर्च में अगुवों की कमी के बारे में चर्चा कर रहे थे, और संभव हल खोजने के विकलपों की चर्चा में हमने घंटे से अधिक बिता दिया था। इस सारी चर्चा में बॉब बिलकुल चुप बैठा रहा था; आखिरकर उसने बड़े शान्त लहज़े में हम सब से कहा, "श्रीमन, हम अगुवों की कमी की इस समस्या के लिए प्रभु यीशु के निर्देशों को भूल बैठे हैं। हमारे कुछ भी करने से पहले हमें लूका 10:2 में प्रभु के निर्देश "और उसने उन से कहा; पके खेत बहुत हैं; परन्तु मजदूर थोड़े हैं: इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो, कि वह अपने खेत काटने को मजदूर भेज दे" का पालन करना चाहिए। उसकी बात सुनकर हम सब पानी-पानी हो गए; तब नम्र और दीन होकर हमने शेष समय प्रभु से अपने खेत में कार्य करने के लिए उपयुक्त मज़दूर भेजने की प्रार्थना करने में बिताया।
प्रसिद्ध लेखक सी. ऐस. लूइस ने कहा था, "यदि स्वयं बुद्धिमान ना बन सकें तो भला रहेगा यदि बुद्धिमान लोगों की संगति में बने रहें।" लूइस की यह बात परमेश्वर के वचन बाइबल पर आधारित है: "बुद्धिमान सुन कर अपनी विद्या बढ़ाए, और समझदार बुद्धि का उपदेश पाए" (नीतिवचन 1:5)। हमारे साथी बॉब द्वारा हमें दी गई सलाह ऐसे बुद्धिमान लोगों की संगति में, जो स्वयं प्रभु यीशु की संगति में रहते हों और जिनके मन तथा मस्तिष्क परमेश्वर के वचन की बातों से भरे हुए हों, रहने से होने वाली भलाई का एक उदाहरण। प्रेरित यूहन्ना ने भी अपनी पत्री में उन भिन्न लोगों को संबोधित किया जो प्रभु यीशु को जानते थे और उसके साथ रहते थे (1 यूहन्ना 2)।
हमारे लिए यह बहुत लाभप्रद होगा कि हम ऐसे लोगों के खोजी रहें जो प्रभु यीशु की उपस्थिति में रहते हैं, उसके वचन के साथ चलते हैं तथा प्रभु से मिलने वाली बुद्धिमता से परिपूर्ण रहते हैं। ऐसे बुद्धिमान लोग हमारे तथा हमारी मण्डलियों के लिए परमेश्वर के उपहार होते हैं। - डेविड रोपर
वह वास्तव में बुद्धिमान है जो दूसरों के अनुभव से स्वयं शिक्षा लेता है।
बुद्धिमान का मन उसके मुंह पर भी बुद्धिमानी प्रगट करता है, और उसके वचन में विद्या रहती है। - नीतिवचन 16:23
बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 2:12-17
1 John 2:12 हे बालकों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि उसके नाम से तुम्हारे पाप क्षमा हुए।
1 John 2:13 हे पितरों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि जो आदि से है, तुम उसे जानते हो: हे जवानों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है: हे लड़कों मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम पिता को जान गए हो।
1 John 2:14 हे पितरों, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि जो आदि से है तुम उसे जान गए हो: हे जवानो, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम बलवन्त हो, और परमेश्वर का वचन तुम में बना रहता है, और तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है।
1 John 2:15 तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है।
1 John 2:16 क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है।
1 John 2:17 और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- फिलेमोन