प्रेरितों के विश्वास वचन को दोहराते समय हम एक वाक्य बोलते हैं, "मैं पवित्र आत्मा में विश्वास करता हूँ"। बाइबल विद्वान और लेखक जे०बी०फिलिप्स ने इस वाक्य के संबंध में कहा, "जब हम यह कहते हैं तो इसका तात्पर्य होता है कि हम यह मानते हैं कि पवित्र आत्मा जीवित परमेश्वर है जो मानव व्यक्तित्व में आने और उसे संवारने की क्षमता तथा इच्छा रखता है"।
कई बार हम पवित्र आत्मा को एक अव्यैक्तिक शक्ति मान लेते हैं लेकिन यह सही नहीं है। परमेश्वर का वचन बाइबल पवित्र आत्मा को परमेश्वर बताती है। उसमें परमेश्वर के गुण हैं: वह सर्वविद्यमान है (भजन 139:7-8); वह सब कुछ जानता है (1कुरिन्थियों 2:10-11); उसकी शक्ति असीम है (लूका 1:35)। पवित्र आत्मा ऐसे कार्य करता है जो केवल परमेश्वर ही कर सकता है: उत्पन्न करना (उत्पत्ति 1:2), जीवन देना (रोमियों 8:2)। पवित्र आत्मा त्रिएक परमेश्वर में, पिता और पुत्र के साथ तथा उनके बराबर है।
पवित्र आत्मा एक व्यक्ति है जो हमारे साथ व्यक्तिगत रीति से सम्बंध बनाए रखता है। जब हम पाप करते हैं तो वह दुखी होता है (इफीसियों 4:30); वह हमें सिखाता है (1कुरिन्थियों 2:13); हमारे लिए प्रार्थना करता है (रोमियों 8:26); हमारा मार्गदर्शन करता है (यूहन्ना 16:13); वह हमें आत्मिक वर्दान देता है (1कुरिन्थियों 12:11); और हमें हमारे उद्धार के विषय में आश्वस्त करता है (रोमियों 8:16)।
यदि हमने पापों से पश्चाताप करके प्रभु यीशु से उनके लिए क्षमा प्राप्त करी है तो पवित्र आत्मा हमारे अन्दर निवास करता है। वह चाहता है कि हमें परिवर्तित करे कि हम और भी मसीह यीशु की समानता में होते चले जाएं। जितना हम परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ने और परमेश्वर की सामर्थ पर निर्भर करते हुए बाइबल की आज्ञाकारिता में बढ़ते जाएंगे, उतना ही अधिक हम पवित्र आत्मा के साथ सहयोग करते हुए उसे अपने जीवनों में प्रभावी कार्य करने तथा परिवर्तित करने देने वाले बनते चले जाएंगे, प्रभु यीशु की समानता में बदलते चले जाएंगे। - मार्विन विलियम्स
जो मसीही विश्वासी पवित्र आत्मा की अवहेलना करता है वह उस दीपक के समान है जो बिना ऊर्जा स्त्रोत के है।
मनुष्यों में से कौन किसी मनुष्य की बातें जानता है, केवल मनुष्य की आत्मा जो उस में है? वैसे ही परमेश्वर की बातें भी कोई नहीं जानता, केवल परमेश्वर का आत्मा। - 1 कुरिन्थियों 2:11
बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 2:6-16
1 Corinthians 2:6 फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं: परन्तु इस संसार का और इस संसार के नाश होने वाले हाकिमों का ज्ञान नहीं।
1 Corinthians 2:7 परन्तु हम परमेश्वर का वह गुप्त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया।
1 Corinthians 2:8 जिसे इस संसार के हाकिमों में से किसी ने नहीं जाना, क्योंकि यदि जानते, तो तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते।
1 Corinthians 2:9 परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं।
1 Corinthians 2:10 परन्तु परमेश्वर ने उन को अपने आत्मा के द्वारा हम पर प्रगट किया; क्योंकि आत्मा सब बातें, वरन परमेश्वर की गूढ़ बातें भी जांचता है।
1 Corinthians 2:11 मनुष्यों में से कौन किसी मनुष्य की बातें जानता है, केवल मनुष्य की आत्मा जो उस में है? वैसे ही परमेश्वर की बातें भी कोई नहीं जानता, केवल परमेश्वर का आत्मा।
1 Corinthians 2:12 परन्तु हम ने संसार की आत्मा नहीं, परन्तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है, कि हम उन बातों को जानें, जो परमेश्वर ने हमें दी हैं।
1 Corinthians 2:13 जिन को हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिला कर सुनाते हैं।
1 Corinthians 2:14 परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उस की दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है।
1 Corinthians 2:15 आत्मिक जन सब कुछ जांचता है, परन्तु वह आप किसी से जांचा नहीं जाता।
1 Corinthians 2:16 क्योंकि प्रभु का मन किस ने जाना है, कि उसे सिखलाए? परन्तु हम में मसीह का मन है।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 37-38
- कुलुस्सियों 3