मैं जानती थी कि अपने जन्मदिवस के उपहार में संसार का नक्शा पाना मेरे बेटे को अच्छा लगेगा। कुछ प्रयास के पश्चात मैंने महाद्वीपों का एक रंगबिरंगा नक्शा खोज लिया, जिसमें प्रत्येक भू-भाग पर उस भाग से संबंधित कुछ चित्र बने हुए थे। पापुआ न्यू गिनि पर वहाँ की एक विशेष तितली बनी हुई थी, चिली पर पर्वत श्रंखला दिखाई दे रही थी, दक्षिण अफ्रीका पर एक हीरा बना हुआ था। उसे देख कर मैं बहुत प्रसन्न हुई, परन्तु नक्शे के नीचे लगे लेबल "हमारा संसार" को पढ़कर मैं कुछ सोच में पड़ गई।
एक अर्थ में पृथ्वी हमारा संसार है क्योंकि हम इसमें रहते हैं। हमें इसका पानी पीने, इसके अन्दर से खनीज़ और रत्न खोद कर निकालने, इसके जल से मछली पकड़ने आदि के अधिकार केवल इसलिए हैं क्योंकि परमेश्वर ने हमें ऐसा करने की अनुमति दे रखी है (उत्पत्ति 1:28-30)। वास्तव में यह हमारा नहीं, वरन परमेश्वर का संसार है, जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है, "पृथ्वी और जो कुछ उस में है यहोवा ही का है; जगत और उस में निवास करने वाले भी" (भजन 24:1)। मुझे आश्चर्य होता है कि परमेश्वर ने अपनी यह विलक्षण रचना हम निरे मनुष्यों को सौंपी है। वह जानता था कि हम में से कुछ इसका दुरुपयोग करेंगे, इस बात का भी इन्कार करेंगे कि इसे परमेश्वर ने रचा है, और इसके स्वामी होने का दावा करेंगे। परन्तु फिर भी वह हमें इसे अपना घर कहने देता है, और अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु के द्वारा इसे संभाले रहता है (कुलुस्सियों 1:16)।
आज परमेश्वर के संसार में जीवन का आनन्द लेने के लिए कुछ समय बिताएं; उसके बनाए किसी फल का स्वाद लें; उसके रचे किसी पक्षी के गीत की धुन सुनें; सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोरम दृश्य से पुलकित हों। प्रयास करें कि जिस संसार में आप रहते हैं, उससे प्रेरित होकर उसके रचियता, सृष्टिकर्ता परमेश्वर की स्तुति और आराधना करें, उसका धन्यवाद करें, उसके कृतज्ञ हों। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
सृष्टि की सुन्दरता हमें परमेश्वर का स्तुतिगान करने की प्रेरणा देती है।
जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है। वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहिलौठा है। क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। - कुलुस्सियों 1:14-16
बाइबल पाठ: भजन 24
Psalms 24:1 पृथ्वी और जो कुछ उस में है यहोवा ही का है; जगत और उस में निवास करने वाले भी।
Psalms 24:2 क्योंकि उसी ने उसकी नींव समुद्रों के ऊपर दृढ़ कर के रखी, और महानदों के ऊपर स्थिर किया है।
Psalms 24:3 यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है? और उसके पवित्र स्थान में कौन खड़ा हो सकता है?
Psalms 24:4 जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध है, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया, और न कपट से शपथ खाई है।
Psalms 24:5 वह यहोवा की ओर से आशीष पाएगा, और अपने उद्धार करने वाले परमेश्वर की ओर से धर्मी ठहरेगा।
Psalms 24:6 ऐसे ही लोग उसके खोजी हैं, वे तेरे दर्शन के खोजी याकूब वंशी हैं।
Psalms 24:7 हे फाटकों, अपने सिर ऊंचे करो। हे सनातन के द्वारों, ऊंचे हो जाओ। क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा।
Psalms 24:8 वह प्रतापी राजा कौन है? परमेश्वर जो सामर्थी और पराक्रमी है, परमेश्वर जो युद्ध में पराक्रमी है!
Psalms 24:9 हे फाटकों, अपने सिर ऊंचे करो हे सनातन के द्वारों तुम भी खुल जाओ! क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा!
Psalms 24:10 वह प्रतापी राजा कौन है? सेनाओं का यहोवा, वही प्रतापी राजा है।
एक साल में बाइबल:
- 2 शमूएल 6-8
- लूका 15:1-10