ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 19 जुलाई 2018

प्रतीक्षा



      सैन्य आज्ञा, “अंकन समय; कदम ताल” का अर्थ होता है अपने स्थान पर खड़े-खड़े कदम चलाना। यह आगे बढ़ने की चाल में एक सक्रीय विराम है, जिसमें सचेत मन के साथ अगली आज्ञा की प्रतीक्षा की जाती है। प्रतिदिन के जीवन में “अंकन करने” का अर्थ होता है “बिना आगे बढ़े गतिवान होना, सचल होते हुए भी कहीं पहुंचना नहीं, और प्रतीक्षा करते हुए कुछ महत्वपूर्ण नहीं करना।” इससे एक निरुपयोगी, अर्थहीन प्रतीक्षा का अभिप्राय सामने आता है।

      इसकी तुलना में, परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रतीक्षा करने का अधिकाँशतः अर्थ होता है, “उत्सुकता से देखना, आशा रखना, और अपेक्षा से देखना।” भजनकार ने बहुत कठिनाईयों का सामना करते हुए लिखा: “हे मेरे परमेश्वर, मैं ने तुझी पर भरोसा रखा है, मुझे लज्जित होने न दे; मेरे शत्रु मुझ पर जयजयकार करने न पाएं। वरन जितने तेरी बाट जोहते हैं उन में से कोई लज्जित न होगा; परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही लज्जित होंगे” (भजन 25:2-3)।

      अकसर हमारे पास जिन बातों के लिए हम प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनके लिए कोई विकल्प अथवा चुनाव करने के कुछ नहीं होता है – रोग के निदान के लिए की गई चिकित्सीय जाँच की रिपोर्ट, नौकरी के लिए दिए गए साक्षात्कार का परिणाम, किसी प्रिय जन के लौट कर आने की प्रतीक्षा, इत्यादि; परन्तु हम यह निर्णय अवश्य कर सकते हैं कि यह प्रतीक्षा हम किस प्रकार से करेंगे। किसी भय या उदासीनता में समय बिताने के स्थान पर, हम परमेश्वर की उपस्थिति में “कदम ताल” करते रह सकते हैं, प्रतिदिन परमेश्वर से मार्गदर्शन और सामर्थ्य की प्रार्थना करते हुए, जैसा कि भजनकार ने किया: “हे यहोवा अपने मार्ग मुझ को दिखला; अपना पथ मुझे बता दे। मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूं” (पद 4-5)। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर की बात जोहना उसमें सक्रीय भरोसा बनाए रखना है।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: भजन 25:1-15
Psalms 25:1 हे यहोवा मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूं।
Psalms 25:2 हे मेरे परमेश्वर, मैं ने तुझी पर भरोसा रखा है, मुझे लज्जित होने न दे; मेरे शत्रु मुझ पर जयजयकार करने न पाएं।
Psalms 25:3 वरन जितने तेरी बाट जोहते हैं उन में से कोई लज्जित न होगा; परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही लज्जित होंगे।।
Psalms 25:4 हे यहोवा अपने मार्ग मुझ को दिखला; अपना पथ मुझे बता दे।
Psalms 25:5 मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूं।
Psalms 25:6 हे यहोवा अपनी दया और करूणा के कामों को स्मरण कर; क्योंकि वे तो अनन्तकाल से होते आए हैं।
Psalms 25:7 हे यहोवा अपनी भलाई के कारण मेरी जवानी के पापों और मेरे अपराधों को स्मरण न कर; अपनी करूणा ही के अनुसार तू मुझे स्मरण कर।
Psalms 25:8 यहोवा भला और सीधा है; इसलिये वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा।
Psalms 25:9 वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा।
Psalms 25:10 जो यहोवा की वाचा और चितौनियों को मानते हैं, उनके लिये उसके सब मार्ग करूणा और सच्चाई हैं।
Psalms 25:11 हे यहोवा अपने नाम के निमित्त मेरे अधर्म को जो बहुत हैं क्षमा कर।
Psalms 25:12 वह कौन है जो यहोवा का भय मानता है? यहोवा उसको उसी मार्ग पर जिस से वह प्रसन्न होता है चलाएगा।
Psalms 25:13 वह कुशल से टिका रहेगा, और उसका वंश पृथ्वी पर अधिकारी होगा।
Psalms 25:14 यहोवा के भेद को वही जानते हैं जो उस से डरते हैं, और वह अपनी वाचा उन पर प्रगट करेगा।
Psalms 25:15 मेरी आंखे सदैव यहोवा पर टकटकी लगाए रहती हैं, क्योंकि वही मेरे पांवों को जाल में से छुड़ाएगा।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 23-25
  • प्रेरितों 21:18-40