ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 7 दिसंबर 2014

महज़ युवा


   हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात डैरल ब्लिज़र्ड ने वह अनाथालय छोड़ दिया जिस में वह बड़ा हुआ था और अमेरिका की वायुसेना में भरती हो गया। उन दिनों दूसरा विश्वयुद्ध चल रहा था और शीघ्र ही डैरल को ऐसी ज़िम्मेदारियाँ उठानी पड़ गईं जो सामन्यतः व्यसक और अनुभवी लोगों को दी जाती हैं। कई वर्षों के बाद एक पत्रकार को दिए गए साक्षात्कार में डैरल ने कहा, "लड़ाकु विमान का पाएलेट बनने से पहले जो सबसे बड़ी चीज़ मैंने चलाई थी वह थी चार खच्चरों से चलने वाली गाड़ी, और अब मुझे चार इंजनों वाला विशालकाय युद्धविमान बी-17 चलाने की ज़िम्मेदारी दी गई थी। हम जो उन विमानों को उड़ा रहे थे महज़ युवा ही तो थे!"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम कई ऐसे लोगों के वृतांत लिखे हुए पाते हैं जिन्होंने साहस के साथ परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन किया, उसका अनुसरण किया, यद्यपि वे आयु और अनुभव में छोटे थे, युवा थे। भ्रष्ट आत्मिक नेतृत्व की स्थिति में भी "परन्तु शमूएल जो बालक था सनी का एपोद पहिने हुए यहोवा के साम्हने सेवा टहल किया करता था" (1 शमूएल 2:18)। दाऊद ने दैत्याकार गोलियत का सामना किया और उसे हराया जबकि उससे कहा जा रहा था, "... तू जा कर उस पलिश्ती के विरुद्ध नहीं युद्ध कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है" (1 शमूएल 17:33)। प्रभु यीशु की माता मरियम भी एक युवती ही थी जब उसके पास परमेश्वर कि ओर से स्वर्गदूत के द्वारा समाचार आया कि वो जगत के उद्धारकर्ता तथा परमेश्वर के पुत्र की सांसारिक माता बनेगी, मरियम का स्वर्गदूत को उत्तर था, "...देख, मैं प्रभु की दासी हूं, मुझे तेरे वचन के अनुसार हो: तब स्वर्गदूत उसके पास से चला गया" (लूका 1:38)। युवा पास्टर तिमुथियुस से, जिस पर मण्डली की देखभाल और संचालन करने की ज़िम्मेदारी थी, प्रेरित पौलुस ने कहा: "कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा" (1 तिमुथियुस 4:12)।

   परमेश्वर के परिवार में प्रत्येक जन का महत्व है, उपयोग है, आवश्यकता है। जो भी परमेश्वर के लिए कार्य करते हैं, वे परमेश्वर ही की सामर्थ से करते हैं, इसलिए युवा भी अपने विश्वास में निर्भीक रह सकते हैं और परमेश्वर पर विश्वास रखते हुए उसके द्वारा उन्हें दी गई ज़िम्मेदारी निभा सकते हैं; तथा व्यसक एवं प्रौढ़ उनका हौंसला बढ़ा सकते हैं जो परमेश्वर के लिए कार्यरत होने से इसलिए हिचकिचाते हैं क्योंकि वे अभी "महज़ युवा" ही हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


नवयुवकों का हौंसला बढ़ाने को कभी पुराना ना होने दें।

अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्जित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो। - 2 तिमुथियुस 2:15 

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 4:9-16
1 Timothy 4:9 और यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है। 
1 Timothy 4:10 क्योंकि हम परिश्रम और यत्‍न इसी लिये करते हैं, कि हमारी आशा उस जीवते परमेश्वर पर है; जो सब मनुष्यों का, और निज कर के विश्वासियों का उद्धारकर्ता है। 
1 Timothy 4:11 इन बातों की आज्ञा कर, और सिखाता रह। 
1 Timothy 4:12 कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। 
1 Timothy 4:13 जब तक मैं न आऊं, तब तक पढ़ने और उपदेश और सिखाने में लौलीन रह। 
1 Timothy 4:14 उस वरदान से जो तुझ में है, और भविष्यद्वाणी के द्वारा प्राचीनों के हाथ रखते समय तुझे मिला था, निश्‍चिन्‍त न रह। 
1 Timothy 4:15 उन बातों को सोचता रह, और इन्हीं में अपना ध्यान लगाए रह ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो। अपनी और अपने उपदेश की चौकसी रख। 
1 Timothy 4:16 इन बातों पर स्थिर रह, क्योंकि यदि ऐसा करता रहेगा, तो तू अपने, और अपने सुनने वालों के लिये भी उद्धार का कारण होगा।
एक साल में बाइबल: 1 थिस्सलुनीकियों 1-5