जब इस्त्राएली मिस्त्र के दासत्व से निकलकर कनान देश की ओर जा रहे थे तब परमेश्वर ने इस्त्राएलियों के मध्य में आते समय में अपनी उपस्थिति के एहसास और अपने स्मरण को बनाए रखने के लिए एक वाचा का सन्दूक बनवाया था जो स्वर्ग में परमेश्वर के सिंहासन का प्रतिरूप था। अपनी उस यात्रा में इस्त्राएली उस वाचा के सन्दूक को लिए चलते थे। कनान में बसने के बाद वह वाचा का सन्दूक शीलोह में परमेश्वर की आराधना के तम्बू में रख दिया गया। कई वर्षों के बाद, एक युद्ध में फिलिस्तीनियों से हार जाने के बाद इस्त्राएली सेना के अगुवों ने शीलोह सन्देश भेजा कि परमेश्वर का वह वाचा का सन्दूक युद्ध भूमि पर लाया जाए जिससे परमेश्वर की उपस्थिति के कारण उनको अपने शत्रुओं पर विजय मिल सके।
जब वह सन्दूक युद्ध स्थल पर इस्त्राएली छावनी में पहुँचा तो हर्ष के कारण इस्त्राएली सेना ने बड़ी ज़ोर से ललकार का शब्द किया जिसे सुन कर उनके शत्रु फिलिस्ती घबराहट में आ गए। उस सन्दूक के कारण अब इस्त्राएली तो साहस और फिलिस्ती डर से भर गए। फिर युद्ध ठना, इस्त्राएली सेना वाचा का सन्दूक लेकर युद्ध भूमि पर पहुँची, लेकिन युद्ध के समय दोनो, इस्त्राएलियों और फिलिस्तियों, की धारणाएं गलत निकलीं - इस बार इस्त्राएली और भी भयानक रीति से पराजित हुए, उनके और भी अधिक सैनिक मारे गए और अब वाचा का सन्दूक फिलिस्तियों के कबज़े में चला गया जिसे लेजाकर उन्होंने अपने देवता के मन्दिर में रख दिया और फलस्वरूप पाया कि उनके देवता की मूर्ति टूट कर नीचे गिर पड़ी और उनके इलाके में महामारी फैल गई।
हम फिलिस्तियों की गलती तो समझ सकते हैं - वे मूर्ति पूजक थे, सच्चे और जीवते परमेश्वर के विषय में नहीं जानते थे; परन्तु इस्त्राएलियों को तो बेहतर समझ-बूझ रखनी चाहिए थी। उन इस्त्राएलियों ने भी परमेश्वर से मार्गदर्शन लिए बिना, अपनी ही धारणा के अनुसार वाचा के सन्दूक का उपयोग करा। अवश्य ही पहले इस्त्राएल के कनान देश में प्रवेश के समय वाचा के सन्दूक को युद्ध भूमि में लेजाया गया था (यहोशु 6), परन्तु वे यह भूल गए कि ऐसा परमेश्वर के निर्देशों के अनुसार और उसकी योजना के अन्तर्गत किया गया था। उन्हें पहले मिली विजय उनके मध्य सन्दूक की उपस्थिति के कारण नहीं वरन परमेश्वर की आज्ञाकारिता के कारण थी।
यह घटना आज हमें भी एक महत्वपूर्ण शिक्षा देती है - हमारे पास चाहे कोई भी संसाधन उपलब्ध क्यों ना हों, यदि उनका उपयोग परमेश्वर की योजना के अन्तर्गत और उसकी आज्ञा के अनुसार नहीं होगा तो परिणाम बुरा ही होगा। इसलिए हम मसीही विश्वासियों को परमेश्वर के वचन बाइबल का अध्ययन करने तथा प्रार्थना करने में समय बिताना चाहिए जिससे हम परमेश्वर की इच्छा और आज्ञा जान सकें और फिर परमेश्वर की इच्छा और आज्ञाकारिता में ही अपने कार्यों को करें, क्योंकि परमेश्वर की अगुवाई पर रखे गए विश्वास में ही सफलता है। - डेव ब्रैनन
हम तो अधूरा ही जानते हैं, परमेश्वर सब कुछ और संपूर्ण जानता है।
मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा। - भजन 91:2
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 4:1-11
1 Samuel 4:1 और शमूएल का वचन सारे इस्राएल के पास पहुंचा। और इस्राएली पलिश्तियों से युद्ध करने को निकले; और उन्होंने तो एबेनेजेर के आस-पास छावनी डाली, और पलिश्तियों ने अपेक में छावनी डाली।
1 Samuel 4:2 तब पलिश्तियों ने इस्राएल के विरुद्ध पांति बान्धी, और जब घमासान युद्ध होने लगा तब इस्राएली पलिश्तियों से हार गए, और उन्होंने कोई चार हजार इस्राएली सेना के पुरूषों को मैदान ही में मार डाला।
1 Samuel 4:3 और जब वे लोग छावनी में लौट आए, तब इस्राएल के वृद्ध लोग कहने लगे, कि यहोवा ने आज हमें पलिश्तियों से क्यों हरवा दिया है? आओ, हम यहोवा की वाचा का सन्दूक शीलो से मांग ले आएं, कि वह हमारे बीच में आकर हमें शत्रुओं के हाथ से बचाए।
1 Samuel 4:4 तब उन लोगों ने शीलो में भेज कर वहां से करूबों के ऊपर विराजने वाले सेनाओं के यहोवा की वाचा का सन्दूक मंगा लिया; और परमेश्वर की वाचा के सन्दूक के साथ एली के दोनों पुत्र, होप्नी और पिनहास भी वहां थे।
1 Samuel 4:5 जब यहोवा की वाचा का सन्दूक छावनी में पहुंचा, तब सारे इस्राएली इतने बल से ललकार उठे, कि भूमि गूंज उठी।
1 Samuel 4:6 इस ललकार का शब्द सुनकर पलिश्तियों ने पूछा, इब्रियों की छावनी में ऐसी बड़ी ललकार का क्या कारण है? तब उन्होंने जान लिया, कि यहोवा का सन्दूक छावनी में आया है।
1 Samuel 4:7 तब पलिश्ती डरकर कहने लगे, उस छावनी में परमेश्वर आ गया है। फिर उन्होंने कहा, हाय! हम पर ऐसी बात पहिले नहीं हुई थी।
1 Samuel 4:8 हाय! ऐसे महाप्रतापी देवताओं के हाथ से हम को कौन बचाएगा? ये तो वे ही देवता हैं जिन्होंने मिस्रियों पर जंगल में सब प्रकार की विपत्तियां डाली थीं।
1 Samuel 4:9 हे पलिश्तियों, तुम हियाव बान्धो, और पुरूषार्थ जगाओ, कहीं ऐसा न हो कि जैसे इब्री तुम्हारे आधीन हो गए वैसे तुम भी उनके आधीन हो जाओ; पुरूषार्थ कर के संग्राम करो।
1 Samuel 4:10 तब पलिश्ती लड़ाई के मैदान में टूट पड़े, और इस्राएली हार कर अपने अपने डेरे को भागने लगे; और ऐसा अत्यन्त संहार हुआ, कि तीस हजार इस्राएली पैदल खेत आए।
1 Samuel 4:11 और परमेश्वर का सन्दूक छीन लिया गया; और एली के दोनों पुत्र, होप्नी और पीनहास, भी मारे गए।
एक साल में बाइबल:
- लैव्यवस्था 17-19