बच्चों की अनेकों पुस्तकों के लेखक, डॉक्टर
सियुस का कहना है, “चाहे मछली के कांटे में फंसने की हो, या पतंग उड़ाने के लिए हवा
के चलने की, या सप्ताहांत आरंभ होने के लिए शुक्रवार संध्या की, प्रतीक्षा सभी को
रहती है।” हमारे जीवनों का बहुत बड़ा भाग प्रतीक्षा से संबंधित है, किन्तु परमेश्वर
कभी उतावली में नहीं होता है। पुरानी कहावत है, “परमेश्वर का अपना समय और विलम्ब
होता है।” इसलिए हम प्रतीक्षा में रहते हैं।
प्रतीक्षा करना कठिन होता है; हम प्रतीक्षा
में बैठे अपने अंगूठे मटकाते हैं, पैर हिलाते हैं, उबासियों को दबाते हैं, और
अन्दर से उठ रही खिसियाहट को नियंत्रण में रखने के लिए लम्बी साँसें लेते हैं, कुछ
शारीरिक गतिविधि करते रहते हैं। हमें कितनी ही बातों के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ती
है, जैसे कि, ‘इस अटपटे व्यक्ति के साथ...’, ‘इस उबाऊ काम को करने के लिए...’, ‘इस
शर्मनाक व्यवहार के साथ...’, ‘इस स्वास्थ्य समस्या के साथ जिसका कोई उपाय नहीं है...’,मुझे
ही क्यों रहना पड़ रहा है? परमेश्वर इनके बारे में कुछ करता क्यों नहीं है? और
परमेश्वर का उत्तर होता है, “थोड़ी प्रतीक्षा करो और देखो कि मैं क्या कर के
दिखाऊँगा!”
प्रतीक्षा जीवन के सबसे अच्छे शिक्षकों में
से एक है, क्योंकि इसी के द्वारा हम सही समय के महत्व को सीखते हैं, हम में होकर
या हमारे लिए परमेश्वर द्वारा किए जा रहे कार्य के महत्त्व को जानना सीखते हैं।
परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रतीक्षा में होकर ही हम धीरज रखना,
परमेश्वर की भलाई और प्रेम पर भरोसा रखना सीखने पाते हैं, चाहे बातें हमारी इच्छा
के अनुसार या हमारे अनुरूप न भी जा रही हों (भजन 70:5)।
किन्तु ऐसा नहीं है कि हम मसीही विश्वासियों
के लिए प्रतीक्षा करना उदासीन होकर, दांत-पीस कर बैठे रहना हो। हम प्रभु के समय और
अवसर की प्रतीक्षा करते हुए प्रभु में आनंदित रह सकते हैं, स्वयं उत्साहित तथा
औरों को प्रोत्साहित कर सकते हैं, हमारे उज्जवल अनंत भविष्य की आशा के सुसमाचार को
औरों तक पहुँचा सकते हैं, क्योंकि हम जानते और मानते हैं कि अपने समय में, अपने
तरीके द्वारा, परमेश्वर हमें इन परिस्थितियों से छुड़ा लेगा। परमेश्वर चाहे कभी
उतावली में न हो, वह कभी विलम्ब भी नहीं करता है। - डेविड एच. रोपर
हमारी प्रतीक्षा
में भी परमेश्वर हमारे साथ है।
हर एक बात का एक
अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। - सभोपदेशक 3:1
बाइबल पाठ: भजन
70
भजन संहिता 70:1
हे परमेश्वर मुझे छुड़ाने के लिये, हे यहोवा मेरी सहायता
करने के लिये फुर्ती कर!
भजन संहिता 70:2
जो मेरे प्राण के खोजी हैं, उनकी आशा टूटे, और मुंह काला हो जाए! जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं, वे पीछे हटाए और निरादर किए जाएं।
भजन संहिता 70:3
जो कहते हैं, आहा, आहा, वे अपनी लज्जा के मारे उलटे फेरे जाएं।
भजन संहिता 70:4
जितने तुझे ढूंढ़ते हैं, वे सब तेरे कारण हर्षित और आनन्दित
हों! और जो तेरा उद्धार चाहते हैं, वे निरन्तर कहते रहें,
कि परमेश्वर की बड़ाई हो।
भजन संहिता 70:5
मैं तो दीन और दरिद्र हूं; हे परमेश्वर मेरे लिये फुर्ती कर!
तू मेरा सहायक और छुड़ाने वाला है; हे यहोवा विलम्ब न कर!
एक साल में
बाइबल:
- 2 शमुएल 19-20
- लूका 18:1-23