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बुधवार, 29 मई 2019

आदर



      अमेरिका के वॉशिंगटन शहर में स्थित सैनिकों के आर्लिंग्टन राष्ट्रीय कब्रिस्तान के सैनिक द्वारपालों के ड्यूटी बदलने के समय की सादगीपूर्ण और गंभीर प्रक्रिया ने सदैव ही मुझे प्रभावित किया है। बड़ी सावधानी से रची गई वह ड्यूटी बदलने की प्रक्रिया कब्रिस्तान में दफनाए गए उन अनजाने सैनिकों के प्रति एक मार्मिक श्रद्धांजलि है, जिनके नाम और बलिदान केवल “परमेश्वर को ही ज्ञात हैं।” उतना ही मार्मिक होता है लोगों के चले जाने के पश्चात भी ड्यूटी पर तैनात उन सैनिकों द्वारा लगातार चहल-कदमी करते रहना। एक ओर से दूसरी ओर, और फिर वापस लौटना, हर घंटे, हर दिन, बिना रुके, चाहे मौसम कितना भी ख़राब क्यों न हो।

      सितंबर 2005 में जब एक बहुत तीव्र चक्रवाधी तूफ़ान, इसाबेल, वॉशिंगटन की ओर बढ़ रहा था तो उन ड्यूटी देने वाले सैनिकों से कहा गया कि वे तूफ़ान की तीव्रता के समय सुरक्षित स्थानों पर जा सकते हैं। किन्तु किसी को अचंभा नहीं हुआ जब किसी भी सैनिक ने ड्यूटी से हटने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। उस भयानक तूफ़ान में भी वे अपने दिवंगत साथियों द्वारा दिए गए बलिदान के आदर में डटे रहे।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा मत्ती  6:1-6 में दी गई शिक्षाओं की बुनियाद में, मेरा मानना है कि, प्रभु की इच्छा है कि हम मसीही विश्वासी निरन्तर उसके प्रति निःस्वार्थ समर्पण के साथ जीवन जीते रहें। निःसंदेह बाइबल हमें भले कार्यों और पवित्र जीवन के लिए कहती है, परन्तु इन्हें प्रभु परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता और उपासना के कार्य होना है (पद 4-6), न कि आत्म-प्रशंसा और अपनी ख्याति के लिए किए गए गढ़ी हुई धार्मिकता के कार्य (पद 2)। प्रेरित पौलुस ने इस जीवन-पर्यन्त विश्वासयोग्यता के जीवन की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रभु यीशु द्वारा हमारे लिए दिए गए अपने जीवन के बलिदान के आदर में हमें अपने शरीरों को जीवित बलिदान करके परमेश्वर को अर्पित करना है (रोमियों 12:1)।

      होने दें कि हमारे व्यक्तिगत और सार्वजनिक समय प्रभु परमेश्वर के प्रति हमारे आदर और संपूर्ण समर्पण को दिखाने वाले हों। - रैंडी किल्गोर


हम जितना अधिक मसीह यीशु की सेवा करेंगे, उतनी ही कम अपनी सेवा करेंगे।

इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। - रोमियों 12:1

बाइबल पाठ: मत्ती  6:1-6
Matthew 6:1 सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्‍वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे।
Matthew 6:2 इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।
Matthew 6:3 परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए।
Matthew 6:4 ताकि तेरा दान गुप्‍त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
Matthew 6:5 और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े हो कर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।
Matthew 6:6 परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्‍द कर के अपने पिता से जो गुप्‍त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 11:1-29