मैं
अपनी पत्नि के साथ लंडन में घूमते हुए एक मार्ग पर आया जिसका नाम था गौडलिमैन स्ट्रीट (Godliman Street)। हमें
बताया गया कि यहाँ कभी एक व्यक्ति रहा करता था जिसका जीवन इतना धर्मी था कि उसके
घर के इस मार्ग को “that godly man’s street” (उस धर्मी व्यक्ति का मार्ग) कहा
जाने लगा और इससे ही इसका यह नाम पड़ा। इससे मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने
नियम खण्ड की एक कथा स्मरण आती है।
शाउल
के लड़कपन में उसके पिता ने उसे एक सेवक के साथ भेजा कि वह उनके कुछ गदहों को खोज
लाए, जो कहीं भटक गए थे। वे दोनों युवक कई दिनों तक उन गदहों को ढूंढते रहे,
परन्तु उन्हें वे नहीं मिले। शाउल हार मानकर घर लौट जाने के लिए तैयार था, परन्तु
उसके सेवक ने वहीं पास में स्थित रामाह नामक गाँव की ओर संकेत करके कहा कि वह
भविष्यद्वक्ता शमूएल का गाँव है, और बताया कि “सुन, इस नगर में परमेश्वर का एक जन है जिसका बड़ा आदरमान होता है; और जो कुछ वह कहता है वह बिना पूरा हुए नहीं रहता। अब हम उधर चलें,
सम्भव है वह हम को हमार मार्ग बताए कि किधर जाएं” (1 शमूएल 9:6)।
अपनी
सारी उम्र भर, और अब अपनी वृद्धावस्था में भी शमूएल का यही प्रयास रहता था कि वह
परमेश्वर की संगति और मित्रता में बना रहे, और उसके शब्द सदा ही सत्य के कारण प्रभावी
होते थे। लोग उसे परमेश्वर का भविष्यद्वक्ता जानते थे। इसलिए शाउल और उसका सेवक, “...उस
नगर को चले जहां परमेश्वर का जन था” (पद 10)।
काश
कि हमारे जीवन भी ऐसे हों कि उनसे प्रभु यीशु मसीह प्रतिबिंबित हो सकें, जिससे हम
अपने आस-पास के लोगों पर प्रभु की महिमा के लिए प्रभाव डाल सकें और प्रभु यीशु
मसीह के अनुसरण से मिली हमारी इस धार्मिकता का यह प्रभाव बना रहे। - डेविड रोपर
प्रभु यीशु मसीह की धार्मिकता को
प्रतिबिंबित करने वाला जीवन सबसे प्रभावी जीवन है।
उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के
साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 9: 1-10
1 Samuel 9:1
बिन्यामीन के गोत्र में कीश नाम का एक पुरूष था, जो अपनीह के
पुत्र बकोरत का परपोता, और सरोर का पोता, और अबीएल का पुत्र था; वह एक बिन्यामीनी पुरूष का
पुत्र और बड़ा शक्तिशाली सूरमा था।
1 Samuel 9:2 उसके
शाऊल नाम एक जवान पुत्र था, जो सुन्दर था, और इस्राएलियों में कोई उस से बढ़कर सुन्दर न था; वह
इतना लम्बा था कि दूसरे लोग उसके कान्धे ही तक आते थे।
1 Samuel 9:3 जब शाऊल
के पिता कीश की गदहियां खो गईं, तब कीश ने अपने पुत्र शाऊल
से कहा, एक सेवक को अपने साथ ले जा और गदहियों को ढूंढ ला।
1 Samuel 9:4 तब वह
एप्रैम के पहाड़ी देश और शलीशा देश होते हुए गया, परन्तु
उन्हें न पाया। तब वे शालीम नाम देश भी हो कर गए, और वहां भी
न पाया। फिर बिन्यामीन के देश में गए, परन्तु गदहियां न
मिलीं।
1 Samuel 9:5 जब वे
सूफ नाम देश में आए, तब शाऊल ने अपने साथ के सेवक से कहा,
आ, हम लौट चलें, ऐसा न
हो कि मेरा पिता गदहियों की चिन्ता छोड़कर हमारी चिन्ता करने लगे।
1 Samuel 9:6 उसने उस
से कहा, सुन, इस नगर में परमेश्वर का
एक जन है जिसका बड़ा आदरमान होता है; और जो कुछ वह कहता है
वह बिना पूरा हुए नहीं रहता। अब हम उधर चलें, सम्भव है वह हम
को हमारा मार्ग बताए कि किधर जाएं।
1 Samuel 9:7 शाऊल ने
अपने सेवक से कहा, सुन, यदि हम उस
पुरूष के पास चलें तो उसके लिये क्या ले चलें? देख, हमारी थैलियों में की रोटी चुक गई है और भेंट के योग्य कोई वस्तु है ही
नहीं, जो हम परमेश्वर के उस जन को दें। हमारे पास क्या है?
1 Samuel 9:8 सेवक ने
फिर शाऊल से कहा, कि मेरे पास तो एक शेकेल चान्दी की चौथाई
है, वही मैं परमेश्वर के जन को दूंगा, कि
वह हम को बताए कि किधर जाएं।
1 Samuel 9:9
पूर्वकाल में तो इस्राएल में जब कोई परमेश्वर से प्रश्न करने जाता तब ऐसा कहता था,
कि चलो, हम दर्शी के पास चलें; क्योंकि जो आज कल नबी कहलाता है वह पूर्वकाल में दर्शी कहलाता था।
1 Samuel 9:10 तब
शाऊल ने अपने सेवक से कहा, तू ने भला कहा है; हम चलें। सो वे उस नगर को चले जहां परमेश्वर का जन था।
एक साल में बाइबल:
- 1 शमूएल 7-9
- लूका 9:18-36