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शनिवार, 20 जुलाई 2013

बैडलैम

   इंगलैंड का शाही युद्ध संग्रहालय एक ऐसी इमारत में बनाया गया जो कभी बैथलैहम रॉयल अस्पताल हुआ करती थी और जहाँ मानसिक रोगियों का इलाज किया जाता था। इस अस्पताल का एक लघु नाम ’बैडलैम’ भी होता था, और धीरे धीरे यह शब्द बैडलैम एक संज्ञा बन गया किसी अव्यवस्था और पागलपन की स्थिति के लिए। यह एक विचित्र विडंबना है कि शाही संग्रहालय उस इमारत में स्थित है जो कभी ’बैडलैम’ होती थी। संग्रहालय में विचरण करते हुए आप युद्ध के समयों की वीरता और बलिदान की अद्भुत गाथाएं तो पाएंगे ही, लेकिन साथ ही आपको दिल दहला देने वाले और शरीर में ठंडी सिहरन उत्पन्न करने वाले मनुष्य के प्रति मनुष्य के अमानुषिक कृत्यों, वीभत्सता और पागलपन की कहानीयां भी मिलेंगी; ऐसे हृदयविदारक कुकृत्य जो जातिवाद और नस्लवाद को आधार बना कर करे गए।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक नायक राजा सुलेमान ने मानव जाति के बुराई करने के प्रति रुझान के विषय में लिखा: "जो बुराई करने से आनन्दित होते हैं, और दुष्ट जन की उलट फेर की बातों में मगन रहते हैं" (नीतिवचन 2:14)। चाहे सुलेमान का यह कथन हमारे चारों ओर विद्यमान और व्याप्त बुराई का वर्णन हो सकता है, लेकिन मसीह यीशु के अनुयायियों के पास जीवन को संचालित करने का भिन्न और उत्साहवर्धक दृष्टिकोण उपलब्ध रहता है। प्रेरित पौलुस ने लिखा: "बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो" (रोमियों 12:21)। इस विजय का आधार है हमारे तथा जगत के उद्धारकर्ता मसीह यीशु के स्वभाव के अनुसार जीया गया जीवन, जिसमें बदला ना लेना (पद 17), भरसक शांति तथा मेल-मिलाप बनाए रखना (पद 18) तथा अपने बैरियों के प्रति भी नेक व्यवहार रखना (पद 20) आदि बातें प्राथमिकता पाती हैं और ये संसार पर एक भला प्रभाव डालती हैं।

   यदि हम में से प्रत्येक परमेश्वर के प्रेम को प्रतिबिंबित करने वाला जीवन जीने लगे तो संसार में ’बैडलैम’ बहुत ही कम रह जाएगा। - बिल क्राउडर


पाप और उत्पीड़न के अंधकार से ग्रस्त संसार को प्रेम और सहानुभूति रखने वाले मसीही विश्वासीयों की ज्योति की बहुत आवश्यकता है।

जो सीधाई के मार्ग को छोड़ देते हैं, ताकि अन्धेरे मार्ग में चलें; जो बुराई करने से आनन्दित होते हैं, और दुष्ट जन की उलट फेर की बातों में मगन रहते हैं; - नीतिवचन 2:13-14

बाइबल पाठ: रोमियों 12:9-20
Romans 12:9 प्रेम निष्कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई में लगे रहो।
Romans 12:10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।
Romans 12:11 प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो।
Romans 12:12 आशा में आनन्दित रहो; क्लेश में स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो।
Romans 12:13 पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो।
Romans 12:14 अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो।
Romans 12:15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ।
Romans 12:16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।
Romans 12:17 बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो।
Romans 12:18 जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।
Romans 12:19 हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा।
Romans 12:20 परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा।
Romans 12:21 बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 26-28 
  • प्रेरितों 22