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बुधवार, 30 सितंबर 2020

एकता

 

         एक दिन जब मैं काम से वापस घर आया तो मुझे सड़क से अन्दर घर तक आने वाले मार्ग के किनारे ऊँची एड़ी वाली जूतियों का जोड़ा रखा हुआ दिखाई दिया। मैं अपने में निश्चित था कि वे जूतियाँ किसकी थीं; यह मानते हुए कि वे मेरी बेटी ही की होंगी, मैंने उन्हें उठाकर गैराज के अन्दर रख लिया, कि जब हमारी बेटी लीसा दोबारा घर आएगी, तो उसे दे दूँगा। लेकिन जब मैंने लीसा को यह बताने के लिए फोन किया, तो उसने कहा कि वे उसकी जूतियाँ नहीं थीं! हमारे परिवार में और किसी ने भी उन जूतियों को अपना नहीं कहा; इसलिए मैंने उन्हें बाहर निकाल कर वापस वहीं रख दिया, जहाँ वे मुझे मिली थीं। अगले दिन, वे जूतियाँ गायब हो चुकी थीं। रहस्यमय!

         क्या आप जानते हैं कि परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने भी अपनी पत्रियों में एक रहस्य के बारे में लिखा है? किन्तु जिस रहस्य की बात वह करता है, वह किसी जासूसी कथानक से बहुत भिन्न है। उदाहरण के लिए, इफिसियों 3 अध्याय में, पौलुस ने एक ऐसे रहस्य के बारे में लिखा जो इससे पहले के समयों में मनुष्यों पर प्रकट नहीं किया गया था (पद 5)। यह रहस्य था कि पहले के समयों में परमेश्वर ने अपने आप को इस्राएल के द्वारा प्रकट किया था; और अब वह अपने आप को प्रभु यीशु मसीह में होकर प्रगट कर रहा था और साथ ही अब गैर-यहूदी अन्यजाति लोगों के लिए भी इस्राएल के साथ ईश्वरीय मीरास में सम्मिलित हो पाने का मार्ग खुल गया था।

         इस बात के अभिप्रायों पर ध्यान कीजिए: जो कोई भी प्रभु यीशु मसीह में विश्वास करेगा, उसे अपना निज उद्धारकर्ता स्वीकार करेगा, वह बिना किसी भिन्नता या भेद-भाव के सभी के साथ मिलकर परमेश्वर से प्रेम कर सकता है, उसकी सेवा कर सकता है, उसके राज्य में निवास कर सकता है। हम सभी परमेश्वर के पास स्वतंत्रता और भरोसे के साथ निःसंकोच आ सकते हैं (पद 12)। और चर्च की एकता में होकर संसार परमेश्वर की बुद्धिमत्ता और भलाई को देखने पाएगा (पद 10)।

         प्रभु यीशु मसीह के अनुग्रह में होकर हमें मिले हमारे इस उद्धार के लिए परमेश्वर की स्तुति और आराधना हो। इससे हमारे लिए एकता का रहस्य खुल गया है, कि अब प्रभु यीशु मसीह में लाए गए विश्वास के द्वारा संसार के सभी लोग, वे चाहे किसी भी स्थान या कैसी भी पृष्ठभूमि के क्यों न हों, सभी एकता में आ गए हैं। - डेव ब्रैनन

 

मसीह में एकता, दीवारों को गिरा देती है और चर्च की उन्नति करती है।


परमेश्वर की उस कलीसिया के नाम जो कुरिन्थुस में है, अर्थात उन के नाम जो मसीह यीशु में पवित्र किए गए, और पवित्र होने के लिये बुलाए गए हैं; और उन सब के नाम भी जो हर जगह हमारे और अपने प्रभु यीशु मसीह के नाम की प्रार्थना करते हैं। हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे। - 1 कुरिन्थियों 1:2-3

बाइबल पाठ: इफिसियों 3:1-12

इफिसियों 3:1 इसी कारण मैं पौलुस जो तुम अन्यजातियों के लिये मसीह यीशु का बन्‍धुआ हूं

इफिसियों 3:2 यदि तुम ने परमेश्वर के उस अनुग्रह के प्रबन्‍ध का समाचार सुना हो, जो तुम्हारे लिये मुझे दिया गया।

इफिसियों 3:3 अर्थात यह, कि वह भेद मुझ पर प्रकाश के द्वारा प्रगट हुआ, जैसा मैं पहिले संक्षेप में लिख चुका हूं।

इफिसियों 3:4 जिस से तुम पढ़ कर जान सकते हो, कि मैं मसीह का वह भेद कहां तक समझता हूं।

इफिसियों 3:5 जो और और समयों में मनुष्यों की सन्तानों को ऐसा नहीं बताया गया था, जैसा कि आत्मा के द्वारा अब उसके पवित्र प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं पर प्रगट किया गया है।

इफिसियों 3:6 अर्थात यह, कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा अन्यजातीय लाग मीरास में साझी, और एक ही देह के और प्रतिज्ञा के भागी हैं।

इफिसियों 3:7 और मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार, जो उसकी सामर्थ्य के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना।

इफिसियों 3:8 मुझ पर जो सब पवित्र लोगों में से छोटे से भी छोटा हूं, यह अनुग्रह हुआ, कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊं।

इफिसियों 3:9 और सब पर यह बात प्रकाशित करूं, कि उस भेद का प्रबन्‍ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था।

इफिसियों 3:10 ताकि अब कलीसिया के द्वारा, परमेश्वर का नाना प्रकार का ज्ञान, उन प्रधानों और अधिकारियों पर, जो स्वर्गीय स्थानों में हैं प्रगट किया जाए।

इफिसियों 3:11 उस सनातन मनसा के अनुसार, जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी।

इफिसियों 3:12 जिस में हम को उस पर विश्वास रखने से हियाव और भरोसे से निकट आने का अधिकार है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 9-10
  • इफिसियों 3


मंगलवार, 29 सितंबर 2020

सहायता


         तंज़ानिया में रहने वाली मेरी एक सहेली, रूत, का दर्शन है कि वह राजधानी दोदोमा में एक उजाड़ पड़े भूमि के भाग को खरीद ले। रूत की बहुत इच्छा है कि वह कुछ स्थानीय विधवाओं की सहायता के लिए कुछ करे; और वह इस धूल भरे और गंदे पड़े भू-भाग पर खेती और मुर्गी-पालन करना चाहती है। उन विधवाओं की सहायता करने की उसकी इच्छा परमेश्वर के वचन बाइबल में उसकी हमनाम स्त्री, रूत, के जीवन की प्रेरणा से है।

         बाइबल में, निर्धनों और परदेशियों को परमेश्वर की ओर से यह अधिकार दिया गया था कि फसल की कटाई के समय वे खेतों के किनारों से गिर जाने वाली अनाज की बालियाँ अपने उपयोग के लिए बटोर लें (लैव्यव्यवस्था 19:9-10), खेतों के मालिक और मज़दूर उन्हें ऐसा करने से नहीं रोकते थे। बाइबल वाली रूत, जो विधवा थी और उस समय वहाँ बैतलहम में एक परदेशी थी, इसलिए उसे खेतों में फसल की कटाई के समय, अपने और अपनी सास, नाओमी, के भोजन के लिए अनाज की बालियाँ बटोरने की अनुमति थी।

         उनके परिवार के एक निकट संबंधी, बोआज़, के खेतों में अनाज की बालियाँ बटोरने से रूत बोअज़ की नज़रों में आई; और क्योंकि रूत अपने अच्छे चरित्र तथा अपने सास के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती थी, इसलिए बोअज़ ने उसके कुटुम्बी होने के अपने दायित्व का निर्वाह किया, उससे विवाह किया, और रूत तथा नाओमी को एक घर और परिवार मिल गया, तथा परमेश्वर ने उन्हें आशीष दी। यही रूत दाऊद की परदादी बनी, और उसी के वंश में आगे चलकर सारे जगत के एकमात्र उद्धारकर्ता, प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ।

         सहायता करने के लिए मेरी सहेली रूत, तथा बाइबल की रूत, दोनों ही की लालसा, मुझे परमेश्वर का धन्यवाद और आराधना करने के लिए उभारते हैं, कि वह किस प्रकार से निर्धनों और तिरस्कृत लोगों के लिए प्रावधान करता है। उनके जीवन मुझे प्रोत्साहित करते हैं कि मैं भी अपने समुदाय में औरों की सहायता में योगदान करूं और अपने कार्यों के द्वारा परमेश्वर के प्रति अपने धन्यवाद को व्यक्त करूं।

         औरों की सहायता करने के द्वारा आप भी परमेश्वर की आराधना कर सकते हैं, उसके प्रति अपने धन्यवाद को व्यक्त कर सकते हैं। - एमी बाउचर पाई

 

परमेश्वर दुर्बलों और निःसहायों का सहायक है।


फिर जब तुम अपने देश के खेत काटो तब अपने खेत के कोने कोने तक पूरा न काटना, और काटे हुए खेत की गिरी पड़ी बालों को न चुनना। और अपनी दाख की बारी का दाना दाना न तोड़ लेना, और अपनी दाख की बारी के झड़े हुए अंगूरों को न बटोरना; उन्हें दीन और परदेशी लोगों के लिये छोड़ देना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं। - लैव्यव्यवस्था 19:9-10

बाइबल पाठ: रूत 2:1-12

रूत 2:1 नाओमी के पति एलीमेलेक के कुल में उसका एक बड़ा धनी कुटुम्बी था, जिसका नाम बोअज़ था।

रूत 2:2 और मोआबिन रूत ने नाओमी से कहा, मुझे किसी खेत में जाने दे, कि जो मुझ पर अनुग्रह की दृष्टि करे, उसके पीछे पीछे मैं सिला बीनती जाऊं। उसने कहा, चली जा, बेटी।

रूत 2:3 सो वह जा कर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज़ का था।

रूत 2:4 और बोअज़ बेतलेहेम से आकर लवने वालों से कहने लगा, यहोवा तुम्हारे संग रहे, और वे उस से बोले, यहोवा तुझे आशीष दे।

रूत 2:5 तब बोअज़ ने अपने उस सेवक से जो लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था पूछा, वह किस की कन्या है।

रूत 2:6 जो सेवक लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था उसने उत्तर दिया, वह मोआबिन कन्या है, जो नाओमी के संग मोआब देश से लौट आई है।

रूत 2:7 उसने कहा था, मुझे लवने वालों के पीछे पीछे पूलों के बीच बीनने और बालें बटोरने दे। तो वह आई, और भोर से अब तक यहीं है, केवल थोड़ी देर तक घर में रही थी।

रूत 2:8 तब बोअज ने रूत से कहा, हे मेरी बेटी, क्या तू सुनती है? किसी दूसरे के खेत में बीनने को न जाना, मेरी ही दासियों के संग यहीं रहना।

रूत 2:9 जिस खेत को वे लवतीं हों उसी पर तेरा ध्यान बन्धा रहे, और उन्हीं के पीछे पीछे चला करना। क्या मैं ने जवानों को आज्ञा नहीं दी, कि तुझ से न बोलें? और जब जब तुझे प्यास लगे, तब तब तू बरतनों के पास जा कर जवानों का भरा हुआ पानी पीना।

रूत 2:10 तब वह भूमि तक झुककर मुंह के बल गिरी, और उस से कहने लगी, क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि कर के मेरी सुधि ली है?

रूत 2:11 बोअज़ ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्मभूमि को छोड़कर ऐसे लोगों में आई है जिन को पहिले तू न जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है।

रूत 2:12 यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 7-8
  • इफिसियों 2


सोमवार, 28 सितंबर 2020

इच्छा


         हमारे विवाह के आरंभिक समय में, मेरे अन्दर अपनी पत्नी की इच्छा जानकर उसके अनुसार करने के लिए संघर्ष रहता था। मैं सोचा करता था कि उसे क्या पसंद आएगा, कि हम संध्या को घर रहकर एक दूसरे के साथ समय बिताएं और भोजन करें, या बाहर किसी आकर्षक रेस्टोरेंट में जाकर बैठें और वहाँ भोजन करें? उसे क्या अच्छा लगेगा, कि मैं अपने मित्रों के साथ कुछ समय बिता कर आऊँ, या उसकी इच्छा होगी के मैं सप्ताहांत उसके साथ बिताने के लिए कार्य मुक्त रखूँ? फिर एक बार मैंने अटकलें लगाने और दुविधा में पड़ने के स्थान पर सीधे उसी से पूछ लेने का निर्णय लिया; मैंने उससे पूछा, “तुम्हारी इच्छा क्या है; तुम्हें क्या पसंद आएगा?” उसने उत्तर दिया, “मेरे लिए दोनों ही ठीक हैं; बस मुझे इसकी प्रसन्नता है कि तुम ने मेरे बारे में सोचा।”

         मेरे साथ ऐसे भी समय आए हैं जब मैंने कुछ बातों के लिए परमेश्वर की इच्छा जानने की बहुत लालसा रखी – यह कि मैं बिलकुल स्पष्ट जान लूँ कि परमेश्वर मुझ से क्या चाहता है – जैसे कि मैं कौन सी नौकरी करूं। मार्गदर्शन के लिए प्रार्थनाएं करना और परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ने से मुझे कोई सुस्पष्ट उत्तर नहीं मिले। परन्तु एक उत्तर बिलकुल स्पष्ट था: मुझे परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखना है, उसी को अपने सुख का मूल जानना है, और अपने मार्ग की चिंता को उसी पर छोड़ देना है (भजन 37:3-5)।

         तब मुझे यह बोध हुआ कि परमेश्वर अकसर हमें चुनने की स्वतंत्रता देता है – यदि हम अपने मार्गों से पहले उसके मार्गों को चुनते हैं। इसका स्पष्ट अर्थ है कि हम ऐसा कुछ नहीं करें जो गलत है, या उसे पसंद नहीं आएगा। यह कुछ भी अनैतिक, अधर्मी, या उसके साथ हमारे संबंधों की उन्नति के लिए सहायक न होने वाला हो सकता है। यदि ऐसे सभी विकल्पों को हटा दिया जाए, तो फिर जो विकल्प शेष रह जाते हैं, जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, हमें स्वतंत्रता है कि हम उनमें से कोई एक चुन लें।

         हमारा परमेश्वर पिता हमें – जो उसे अपने सुख का मूल जानते हैं, अपने मन की इच्छाएं पूरी करने देना चाहता है – वे जो उसे आदर और महिमा देती हैं। - लेस्ली कोह

 

क्या आपके निर्णय परमेश्वर को पसंद आते हैं?


हे जवान, अपनी जवानी में आनन्द कर, और अपनी जवानी के दिनों के मगन रह; अपनी मनमानी कर और अपनी आंखों की दृष्टि के अनुसार चल। परन्तु यह जान रख कि इन सब बातों के विषय में परमेश्वर तेरा न्याय करेगा। - सभोपदेशक 11:9

बाइबल पाठ: भजन 37:3-7, 23-24

भजन संहिता 37:3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।

भजन संहिता 37:4 यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा।

भजन संहिता 37:5 अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।

भजन संहिता 37:6 और वह तेरा धर्म ज्योति के समान, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले के समान प्रगट करेगा।

भजन संहिता 37:7 यहोवा के सामने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है!

भजन संहिता 37:23 मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;

भजन संहिता 37:24 चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 5-6
  • इफिसियों 1


रविवार, 27 सितंबर 2020

भलाई


         कभी-कभी भलाई करना या सही परामर्श देना उलटे ही परिणाम ले आता है। ऐसे में हम सोच सकते हैं, ‘क्या मेरे भलाई के कार्य और लाभ के लिए कही गई बात का कोई महत्व भी है?’ मुझे भी हाल ही में एक ऐसे ही अनुभव से होकर निकलना पड़ा। मैंने अपनी एक सहेली को प्रोत्साहित करने के लिए प्रार्थना के साथ बहुत विचार करके उसकी परिस्थितियों के अनुसार उसे सही परामर्श देने वाली एक ई-मेल भेजी, और उसने बड़े क्रोध में उसका प्रत्युत्तर दिया। तुरंत ही मेरी प्रतिक्रिया ठेस लगने और क्रोधित होने की थी; मुझे समझ नहीं आया कि, ‘वह मुझे इतना गलत कैसे समझ सकती है?

         अपने क्रोध में होकर उसे उत्तर लिख भेजने के स्थान पर, मुझे स्मरण हो आया कि हम अपने परामर्श या भलाई के परिणाम तुरंत ही नहीं देखेंगे, विशेषकर तब जब हम लोगों को बताएँ कि प्रभु यीशु उनसे प्रेम करते हैं, और उनकी सहायता करना चाहते हैं। जब हम औरों के साथ भलाई करते हैं, और अपेक्षा रखते हैं कि वे प्रभु यीशु की ओर आकर्षित होंगे, तो संभव है कि वे हमारा तिरस्कार करें। सही कार्य के लिए उकसाने के हमारे विनम्र प्रयासों की उपेक्षा की जा सकती है।

         ऐसी निराशा की स्थिति में परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा गलातिया के मसीही विश्वासियों को लिखी गई पत्री के छठे अध्याय में हमको उचित मार्गदर्शन मिलता है। यहाँ पर पौलुस हमें हमारे उद्देश्यों, अर्थात, जो हम कहते और करते हैं, उन बातों पर विचार करने के लिए कहता है (पद 1-4)। ऐसा कर लेने के पश्चात वह कहता है कि हम भलाई करने में दृढ़ता से लगे रहें, हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ” (पद 9-10)।

         परमेश्वर चाहता है कि हम उसके लिए जीवन व्यतीत करते रहें, और इसमें औरों के लिए प्रार्थना करना, तथा औरों को उसके बारे में बताना भी सम्मिलित है। जब हम भलाई करते रहेंगे, तो उसके परिणाम भी देखने पाएँगे। - एलिसन कीडा

 

अपने जीवनों के कार्य को परिणामों को परमेश्वर के हाथों में छोड़ दें।


अपनी रोटी जल के ऊपर डाल दे, क्योंकि बहुत दिन के बाद तू उसे फिर पाएगा। - सभोपदेशक 11:1

बाइबल पाठ: गलातियों 6:1-10

गलतियों 6:1 हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो।

गलतियों 6:2 तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो।

गलतियों 6:3 क्योंकि यदि कोई कुछ न होने पर भी अपने आप को कुछ समझता है, तो अपने आप को धोखा देता है।

गलतियों 6:4 पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उसको घमण्ड करने का अवसर होगा।

गलतियों 6:5 क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना ही बोझ उठाएगा।

गलतियों 6:6 जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्तुओं में सिखाने वाले को भागी करे।

गलतियों 6:7 धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा।

गलतियों 6:8 क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा।

गलतियों 6:9 हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे।

गलतियों 6:10 इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 3-4
  • गलातियों 6

शनिवार, 26 सितंबर 2020

प्रेम


         ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण क्वींसलैंड के समुद्र तट के निकट अनेकों बार देखी जाने वाली श्वेत हम्पबैक व्हेल मछली, इस जाति की सबसे पहली पहचानी गई श्वेत व्हेल है। उसकी लंबाई का अनुमान लगभग चालीस फीट का है, और यह इतनी दुर्लभ है कि ऑस्ट्रेलिया ने उसे सुरक्षित रखने के लिए एक विशेष अधिनियम ज़ारी किया है।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम एक अनुपम “विशाल मछली” का उल्लेख पाते हैं, जिसे परमेश्वर ने एक भगोड़े भविष्यद्वक्ता को निगल लेने के लिए बनाया था (योना 1:17)। अधिकांश लोग इस कहानी को जानते होंगे। परमेश्वर ने योना से कहा कि वह नीनवे के लोगों के पास उन पर परमेश्वर के आने वाले न्याय के सन्देश को लेकर जाए। परन्तु योना नीनवे वासियों के साथ कुछ व्यवहार रखना नहीं चाहता था, क्योंकि वे एक क्रूर स्वभाव के लोग थे, जो हर किसी के साथ, यहूदियों के साथ भी, क्रूरता का व्यवहार करते थे। इसलिए वह परमेश्वर के कहे के अनुसार जाने के स्थान पर, दूसरी ही दिशा में एक समुद्री जहाज़ पर चढ़कर भाग निकला। उसकी यात्रा में बहुत परेशानियां आईं, और नाविकों को अपनी जान तथा जहाज़ को बचाने के लिए उसे समुद्र में फेंकना पड़ा, जहाँ उसे उस विशाल मछली ने निगल लिया। मछली के पेट के अन्दर से उसने पश्चाताप किया, परमेश्वर की बात मानने के लिए तैयार हुआ, और मछली ने उसे तट पर जाकर उगल दिया। उसने नीनवे जाकर परमेश्वर के सन्देश का प्रचार किया, और नीनवे के सभी लोगों ने भी पश्चाताप किया (3:5-10) जिससे फिर परमेश्वर ने उन्हें दण्ड देना टाल दिया।

         कहानी बहुत बढ़िया लगती है; किन्तु यह कहानी का अन्त नहीं है। जब नीनवे के लोगों ने पश्चाताप किया और परमेश्वर ने उन्हें क्षमा किया, तो प्रसन्न होने के स्थान पर योना को परमेश्वर पर और उन लोगों पर खीझ आई। योना ने परमेश्वर से कहा, और उसने यहोवा से यह कह कर प्रार्थना की, हे यहोवा जब मैं अपने देश में था, तब क्या मैं यही बात न कहता था? इसी कारण मैं ने तेरी आज्ञा सुनते ही तर्शीश को भाग जाने के लिये फुर्ती की; क्योंकि मैं जानता था कि तू अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है, विलम्ब से कोप करने वाला करुणा निधान है, और दु:ख देने से प्रसन्न नहीं होता” (4:2)। निश्चित मौत से बचाए जाने के बाद भी योना का पाप से भरा क्रोध बढ़ता गया और उसकी प्रार्थना भी आत्मघाती हो गई (पद 3)।

         योना की यह कहानी मछली के बारे में नहीं है। यह हमारे मानवीय स्वभाव और हमारे पीछे-पीछे आकर हमें पापों से पश्चाताप के लिए प्रेरित करते रहने वाले परमेश्वर की है। प्रेरित पतरस ने लिखा, प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले” (2 पतरस 3:9)। परमेश्वर अपने प्रेम को क्रूर नीनवे निवासियों, खीझने और अनाज्ञाकारिता करने वाले भविष्यद्वक्ता, तथा मुझे और आपको देना चाहता है; क्या आप अपने पापों से पश्चाताप करके, प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करके, उसके प्रेम को स्वीकार करेंगे? – टिम गुस्ताफसन

 

हमारे प्रेम की सीमाएं है; परमेश्वर का प्रेम असीम है।


क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: योना 3:10-4:4

योना 3:10 जब परमेश्वर ने उनके कामों को देखा, कि वे कुमार्ग से फिर रहे हैं, तब परमेश्वर ने अपनी इच्छा बदल दी, और उनकी जो हानि करने की ठानी थी, उसको न किया।

योना 4:1 यह बात योना को बहुत ही बुरी लगी, और उसका क्रोध भड़का।

योना 4:2 और उसने यहोवा से यह कह कर प्रार्थना की, हे यहोवा जब मैं अपने देश में था, तब क्या मैं यही बात न कहता था? इसी कारण मैं ने तेरी आज्ञा सुनते ही तर्शीश को भाग जाने के लिये फुर्ती की; क्योंकि मैं जानता था कि तू अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है, विलम्ब से कोप करने वाला करुणा निधान है, और दु:ख देने से प्रसन्न नहीं होता।

योना 4:3 सो अब हे यहोवा, मेरा प्राण ले ले; क्योंकि मेरे लिये जीवित रहने से मरना ही भला है।

योना 4:4 यहोवा ने कहा, तेरा जो क्रोध भड़का है, क्या वह उचित है?

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 1-2
  • गलातियों 5

शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

भलाई


         उनके देहांत से ठीक पहले, चित्रकार और मिशनरी लिलिअस ट्रौटर ने अपनी खिड़की के बाहर देखा, और स्वर्गीय रथ का दर्शन पाया। उनकी जीवनी लिखने वाले के अनुसार, एक मित्र ने पूछा, “क्या तुम बहुत सी सुन्दर वस्तुएं देख रही हो?” तो उसने उत्तर दिया, “हाँ, बहुत सी सुन्दर वस्तुएं।”

         ट्रौटर के अंतिम शब्द, उसके जीवन में परमेश्वर के कार्य को प्रतिबिंबित करते हैं। न केवल उनकी मृत्यु में, वरन उनके जीवन भर, परमेश्वर ने उन्हें और उन में होकर अपनी बहुत सी सुन्दरता को प्रकट किया। वे एक कुशल चित्रकार थीं, परन्तु उन्होंने एल्जीरिया में मिशनरी होकर परमेश्वर की सेवा करने को चुना। कहा जाता है कि प्रसिद्ध चित्रकार, जॉन रस्किन, जिन्होंने उन्हें प्रशिक्षण दिया था, ने उनके चित्रकारी में आजीविका कमाने के स्थान पर मिशनरी होने के इस निर्णय के लिए कहा, “कितना कुछ व्यर्थ हो गया।”

         इसी प्रकार परमेश्वर के वचन बाइबल में, नए नियम में, जब एक स्त्री शमौन कोढ़ी के घर संगमरमर के पात्र में बहुमूल्य इत्र लेकर आई, और उसे प्रभु यीशु के सिर पर उंडेला, तो वहाँ उपस्थित लोगों को लगा कि यह व्यर्थ किया गया। उस बहुमूल्य इत्र की कीमत उस समय के एक सामान्य मजदूर की साल भर की मजदूरी के बराबर थी, इसलिए उपस्थित लोगों में से कुछ ने सोचा कि ऐसे करने के स्थान पर यदि उसे निर्धनों की सहायता करने के लिए प्रयोग किया जाता तो अधिक अच्छा होता। किन्तु प्रभु यीशु ने उसके इस कार्य की सराहना की, और उसकी व्यक्त की गई गहरी भक्ति के विषय कहा, उसे छोड़ दो; उसे क्यों सताते हो? उसने तो मेरे साथ भलाई की है” (मरकुस 14:6)।

         हम प्रतिदिन प्रभु यीशु मसीह की ज्योति को अपने में होकर चमकने देने, और उसकी भलाइयों को संसार को दिखाने का चुनाव कर सकते हैं। हो सकता है कि यह कुछ लोगों को व्यर्थ लगे, परन्तु फिर भी हम उसकी सेवा के लिए इच्छुक मन रखें। प्रभु यीशु हमारे लिए भी कहने पाएं कि हमने उसके लिए भलाई की है। - कीला ओकोआ

 

हमारे जीवन परमेश्वर की भलाइयों को दिखाने वाले हों।


और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। -  2 कुरिन्थियों 9:8

बाइबल पाठ: मरकुस 14:1-9

मरकुस 14:1 दो दिन के बाद फसह और अखमीरी रोटी का पर्व होनेवाला था: और महायाजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उसे क्योंकर छल से पकड़ कर मार डालें।

मरकुस 14:2 परन्तु कहते थे, कि पर्व के दिन नहीं, कहीं ऐसा न हो कि लोगों में बलवा मचे।

मरकुस 14:3 जब वह बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर भोजन करने बैठा हुआ था तब एक स्त्री संगमरमर के पात्र में जटामांसी का बहुमूल्य शुद्ध इत्र ले कर आई; और पात्र तोड़ कर इत्र को उसके सिर पर उण्डेला।

मरकुस 14:4 परन्तु कोई कोई अपने मन में रिसियाकर कहने लगे, इस इत्र को क्यों सत्यानाश किया गया?

मरकुस 14:5 क्योंकि यह इत्र तो तीन सौ दीनार से अधिक मूल्य में बेचकर कंगालों को बांटा जा सकता था, ओर वे उसको झिड़कने लगे।

मरकुस 14:6 यीशु ने कहा; उसे छोड़ दो; उसे क्यों सताते हो? उसने तो मेरे साथ भलाई की है।

मरकुस 14:7 कंगाल तुम्हारे साथ सदा रहते हैं: और तुम जब चाहो तब उन से भलाई कर सकते हो; पर मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूंगा।

मरकुस 14:8 जो कुछ वह कर सकी, उसने किया; उसने मेरे गाड़े जाने की तैयारी में पहिले से मेरी देह पर इत्र मला है।

मरकुस 14:9 मैं तुम से सच कहता हूं, कि सारे जगत में जहां कहीं सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, वहां उसके इस काम की चर्चा भी उसके स्मरण में की जाएगी।

 

एक साल में बाइबल: 

  • श्रेष्ठगीत 6-8
  • गलातियों 4

गुरुवार, 24 सितंबर 2020

मार्गदर्शन


         हम सपरिवार एक मनोरंजन पार्क में गए थे, और वहाँ के आकर्षण देखते हुए, एक से दूसरे स्थल को जा रहे थे। मैंने अपने बेटे के कंधे पर हाथ रखकर उससे कहा, “हम इस ओर जा रहे हैं” और भीड़ में उसे सही दिशा में चलने के लिए निर्देश दिए, उसे दिखाया कि वह अपनी माँ और बहनों के पीछे-पीछे चले, जो हमारे आगे चल रही थीं। मुझे उस शेष दिन में यही कई बार करना पड़ा। मेरे बेटे का ध्यान बहुत जल्दी इधर-उधर हो जा रहा था, और वह हम से अलग ओर चलने लग जाता था। मैं मन में सोचने लगा, यह हमारे साथ, या हमारे पीछे क्यों नहीं चलने पा रहा है?

         और फिर मुझे ध्यान आया, और धक्का सा लगा – कितनी ही बार मैं भी तो यही करता रहता हूँ! कितनी ही बार परमेश्वर के पीछे उसकी आज्ञाकारिता में चलने के स्थान पर, मैं संसार के आकर्षणों से आकर्षित होकर उनकी चल निकलता हूँ; कितनी ही बार परमेश्वर की इच्छा के स्थान पर अपनी ही इच्छा पूरी करने के लिए मैं अपनी ही दिशा ले लेता हूँ।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर ने यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा लिखवाया, और जब कभी तुम दाहिनी या बाईं ओर मुड़ने लगो, तब तुम्हारे पीछे से यह वचन तुम्हारे कानों में पड़ेगा, मार्ग यही है, इसी पर चलो” (यशायाह 30:21)। इसी अध्याय में, इससे पूर्व परमेश्वर ने अपने लोगों को उनकी ढिठाई के लिए डांट लगाई थी। परमेश्वर ने उनसे कहा कि यदि वे अपने मार्गों के स्थान पर उसकी सामर्थ्य पर भरोसा रखेंगे (पद 15), तो उसका अनुग्रह और दया उन पर बनी रहेगी (पद 18)।

         हमारे प्रति परमेश्वर के अनुग्रह की एक अभिव्यक्ति, उसका अपनी आत्मा के द्वारा हमारा मार्गदर्शन करते रहने की उसकी प्रतिज्ञा है। यह तब होता है जब हम प्रार्थना में उससे अपनी इच्छाओं के बारे में बात करते हैं, और उससे पूछते हैं कि हमारे लिए उसकी क्या योजना है। मैं परमेश्वर का धन्यवादी हूँ कि जब मैं उस पर भरोसा बनाए रखता हूँ, और उसके वचन पर ध्यान देता हूँ, तो परमेश्वर धैर्य के साथ मेरा, दिन-प्रति-दिन और हर कदम पर मार्गदर्शन करता रहता है। - एडम होल्ज़

 

परमेश्वर धैर्य के साथ हमारा मार्गदर्शन करता है, 

यदि हम उस पर भरोसा रखें, और उसके वचन पर ध्यान दें।


इतना हो कि तू हियाव बान्ध कर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बाएं, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। - यहोशू 1:7

बाइबल पाठ: यशायाह 30:15-21

यशायाह 30:15 प्रभु यहोवा, इस्राएल का पवित्र यों कहता है, लौट आने और शान्त रहने में तुम्हारा उद्धार है; शान्त रहते और भरोसा रखने में तुम्हारी वीरता है। परन्तु तुम ने ऐसा नहीं किया,

यशायाह 30:16 तुम ने कहा, नहीं, हम तो घोड़ों पर चढ़ कर भागेंगे, इसलिये तुम भागोगे; और यह भी कहा कि हम तेज सवारी पर चलेंगे, सो तुम्हारा पीछा करने वाले उस से भी तेज होंगे।

यशायाह 30:17 एक ही की धमकी से एक हजार भागेंगे, और पांच की धमकी से तुम ऐसा भागोगे कि अन्त में तुम पहाड़ की चोटी के डण्डे या टीले के ऊपर की ध्वजा के समान रह जाओगे जो चिन्ह के लिये गाड़े जाते हैं।

यशायाह 30:18 तौभी यहोवा इसलिये विलम्ब करता है कि तुम पर अनुग्रह करे, और इसलिये ऊंचे उठेगा कि तुम पर दया करे। क्योंकि यहोवा न्यायी परमेश्वर है; क्या ही धन्य हैं वे जो उस पर आशा लगाए रहते हैं।

यशायाह 30:19 हे सिय्योन के लोगों तुम यरूशलेम में बसे रहो; तुम फिर कभी न रोओगे, वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा: वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा।

यशायाह 30:20 और चाहे प्रभु तुम्हें विपत्ति की रोटी और दु:ख का जल भी दे, तौभी तुम्हारे उपदेशक फिर न छिपें, और तुम अपनी आंखों से अपने उपदेशकों को देखते रहोगे।

यशायाह 30:21 और जब कभी तुम दाहिनी या बाईं ओर मुड़ने लगो, तब तुम्हारे पीछे से यह वचन तुम्हारे कानों में पड़ेगा, मार्ग यही है, इसी पर चलो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • श्रेष्ठगीत 4-5
  • गलातियों 3

बुधवार, 23 सितंबर 2020

सुनना

 

         मेरे पड़ौस के एक घर में से आग्रह से भरी हुई आवाज़ आई, “तुम्हें मेरी बात को सुनना चाहिए; मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूँ!” एक बड़ा भाई, अपने छोटे भाई को, जो उससे दूर होता जा रहा था, समझा रहा था। वह ऐसा इसलिए कर रहा था क्योंकि वह परिस्थिति का आंकलन छोटे भाई से अधिक भली रीति से कर पा रहा था, और समझ रहा था कि क्या करना अधिक अच्छा रहेगा।

         हम में से कितनों ने अपने भाई या बहन के बुद्धिमानी से दिए गए परामर्श का तिरस्कार किया है? यदि आपको किसी के द्वारा दिए गए बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श की अवहेलना करने के कटु परिणामों को भुगतना पड़ा है, तो आप इस बात में अकेले नहीं हैं।

         प्रभु यीशु मसीह के विश्वासी होने के नाते जो महान प्रावधान हमें उपलब्ध करे गए हैं उनमें से एक है हमारा मसीही विश्वासियों के परिवार का एक सदस्य होना – प्रभु यीशु मसीह में लाए गए समान विश्वास के कारण एक दूसरे के साथ आत्मिक रीति से संबंधित होना। हमारे इस आत्मिक परिवार में परिपक्व और अनुभवी पुरुष और स्त्रियाँ भी हैं, जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, और उसके परिवार के अन्य सदस्यों से भी। मेरे पड़ौस के उस छोटे भाई के समान, कभी-कभी हमें भी चेतावनी या सुधार के कुछ शब्दों की आवश्यकता होती है जिससे कि हम वापस सही मार्ग पा आ सकें। ऐसा तब और भी आवश्यक होता है जब या तो हमने किसी को आहत किया हो, या किसी ने हमें आहत किया हो। वह जो सही है उसे करना कठिन हो सकता है। किन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने हमें सिखाया है कि जब हमारे आत्मिक परिवार में एक दूसरे से ठोकर लगे तो किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए (मत्ती 18:15-20)।

         हमें अपने परमेश्वर पिता का आभारी होना चाहिए कि वह हमारे जीवनों में ऐसे लोगों को रखता है जो हमारी सहायता करने, हमें उभारने, और अपने प्रभु परमेश्वर की महिमा के लिए सही जीवन जीने, उसे आदर देने में हमारी सहायता करने को तैयार रहते हैं। और जब हम उनकी सुनते हैं, तो हमारे मसीही परिवार में भला होता है (पद 15)।  - आर्थर जैक्सन

 

जब हम परिपक्व मसीही विश्वासियों की सुनते हैं, तो बुद्धिमत्ता उन्नत होती है।


तो वह यह जान ले, कि जो कोई किसी भटके हुए पापी को फेर लाएगा, वह एक प्राण को मृत्यु से बचाएगा, और अनेक पापों पर परदा डालेगा। - याकूब 5:20

बाइबल पाठ: मत्ती 18:15-20

मत्ती 18:15 यदि तेरा भाई तेरा अपराध करे, तो जा और अकेले में बातचीत कर के उसे समझा; यदि वह तेरी सुने तो तू ने अपने भाई को पा लिया।

मत्ती 18:16 और यदि वह न सुने, तो और एक दो जन को अपने साथ ले जा, कि हर एक बात दो या तीन गवाहों के मुंह से ठहराई जाए।

मत्ती 18:17 यदि वह उन की भी न माने, तो कलीसिया से कह दे, परन्तु यदि वह कलीसिया की भी न माने, तो तू उसे अन्य जाति और महसूल लेने वाले के ऐसा जान।

मत्ती 18:18 मैं तुम से सच कहता हूं, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बान्‍धोगे, वह स्वर्ग में बन्‍धेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुलेगा।

मत्ती 18:19 फिर मैं तुम से कहता हूं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे मांगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी।

मत्ती 18:20 क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहां मैं उन के बीच में होता हूं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • श्रेष्ठगीत 1-3
  • गलातियों 2

मंगलवार, 22 सितंबर 2020

प्रोत्साहन


         सन 2010 में बनी फिल्म The King’s Speech इंग्लैंड के राजा जॉर्ज षष्टम के जीवन पर है, जो, जब उनके भाई ने सिंहासन छोड़ दिया, तो अनायास ही राजा बन गए। देश उस समय दूसरे विश्वयुद्ध की कगार पर था, और रेडियो की समाज में प्रभावशाली भूमिका और पहुँच थी, इसलिए सरकारी अधिकारी एक ऐसा नेतृत्व चाहते थे जो बोलने और व्यवहार में अच्छा हो। किन्तु राजा जॉर्ज षष्टम के साथ एक समस्या थी – वह हकलाता था।

         मुझे उस फिल्म में जॉर्ज की पत्नी एलिज़ाबेथ के चित्रण ने बहुत प्रभावित किया। उसके हकलाने की समस्या पर विजयी होने के समस्त कठिन संघर्ष में, वह निरंतर उन्हें प्रोत्साहन देती रही। उसकी पत्नी के उसके प्रति दृढ़ समर्पण और सहायता तथा प्रोत्साहन से जॉर्ज अपनी इस चुनौती पर विजयी हो सका, तथा इंग्लैंड पर भी उस कठिन दौर में अच्छा शासन किया।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रोत्साहन देने वालों की कहानियाँ भी हैं, जिन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में औरों को बहुत सहायता प्रदान की। इस्राएल के युद्ध में मूसा को हारून और हूर की सहायता मिली (निर्गमन 17:8-16)। प्रभु यीशु की माता मरियम को अपनी गर्भावस्था में उसकी रिश्तेदार एलिज़ाबेथ ने प्रोत्साहन दिया (लूका 1:42-45)।

         पौलुस के मसीही विश्वासी बनने के पश्चात उसको , बरनबास, जिसके नाम का शब्दार्थ होता है “शान्ति का पुत्र”, से प्रोत्साहन और सहायता मिली। जब शिष्य पौलुस के विषय घबरा रहे थे, तब बरनबास ने अपनी ख्याति का जोखिम उठाकर, पौलुस के पक्ष में बात की (प्रेरितों 9:27)। बरनबास द्वारा पौलुस के अनुमोदन से ही मसीही विश्वासियों के समाज ने पौलुस को स्वीकार किया। बाद में बरनबास पौलुस का प्रचार यात्राओं में साथी बना (प्रेरितों 14)। खतरों के बावजूद उन्होंने साथ मिलकर सुसमाचार प्रचार का कार्य किया।

         आज भी मसीही विश्वासियों की बुलाहट है कि वे औरों को शान्ति दें तथा दूसरों की उन्नति का कारण बनें (1 थिस्सलुनीकियों 5:11)। हमें भी आज कठिन परिस्थितियों और समस्याओं का सामना करने वाले लोगों को प्रोत्साहन और सहायता देने वाले मसीही बनना चाहिए। - लीसा सामरा

 

मित्र का प्रोत्साहन बहुत अंतर ला सकता है।


इस कारण एक दूसरे को शान्ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:11

बाइबल पाठ: प्रेरितों 9:26-31

प्रेरितों 9:26 यरूशलेम में पहुंचकर उसने चेलों के साथ मिल जाने का उपाय किया: परन्तु सब उस से डरते थे, क्योंकि उन को विश्वास न होता था, कि वह भी चेला है।

प्रेरितों 9:27 परन्तु बरनबास उसे अपने साथ प्रेरितों के पास ले जा कर उन से कहा, कि इस ने किस रीति से मार्ग में प्रभु को देखा, और इस ने इस से बातें कीं; फिर दमिश्क में इस ने कैसे हियाव से यीशु के नाम का प्रचार किया।

प्रेरितों 9:28 वह उन के साथ यरूशलेम में आता जाता रहा।

प्रेरितों 9:29 और निधड़क हो कर प्रभु के नाम से प्रचार करता था: और यूनानी भाषा बोलने वाले यहूदियों के साथ बातचीत और वाद-विवाद करता था; परन्तु वे उसके मार डालने का यत्न करने लगे।

प्रेरितों 9:30 यह जानकर भाई उसे कैसरिया में ले आए, और तरसुस को भेज दिया।

प्रेरितों 9:31 सो सारे यहूदिया, और गलील, और सामरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती जाती थी।

 

 एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक 10-12
  • गलातियों 1

सोमवार, 21 सितंबर 2020

अनपेक्षित

 

         1986 में, पाँच वर्षीय लिवन मेरिट इंग्लैंड के जर्सी चिड़ियाघर में गुरिल्लाओं के बाड़े में बीस फीट नीचे गिर गया। उसके माता-पिता और अन्य देखने वाले सहायता के लिए चिल्लाने लगे। उस बाड़े का एक वयस्क गुरिल्ला जिसे जम्बो नाम दिया गया था, उसके पास आया और आकर बेसुध पड़े लेविन और अन्य गुरिल्लाओं के मध्य खड़ा हो गया। फिर उसने धीरे-धीरे लेविन की पीठ को सहलाना आरंभ किया। जब लेविन होश में आकर रोने लगा, तो जम्बो ने अन्य गुरिल्लाओं को अपने साथ लिया और अपने जंगले के अंदर चला गया, और तब चिड़ियाघर की देख-रेख करने वालों और एम्बुलेंस ड्राइवर ने आकर लेविन को उठाया और उसे अस्पताल ले गए। अब तीस से भी अधिक वर्ष के बाद भी लेविन उस नम्र विशालकाय गुरिल्ला के बारे में बताता है – जिसने रक्षा करने वाले स्वर्गदूत के समान बिलकुल अप्रत्याशित और अनपेक्षित रीति से उसकी सहायता की, और गुरिल्लाओं के प्रति उसके दृष्टिकोण को जीवन भर के लिए बदल दिया।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में एलिय्याह की अपेक्षा रही होगी कि परमेश्वर एक विशेष रीति से कार्य करे, परन्तु ईश्वरों के भी परमेश्वर ने चट्टानों को तोड़ने वाली आँधी, तीव्र भूकंप, और धधकती हुई ज्वाला के द्वारा भविष्यद्वक्ता को दिखाया कि उसके बारे में किन बातों के सन्दर्भ में न सोचे। फिर परमेश्वर ने एक कोमल धीमी फुसफुसाहट के द्वारा भविष्यद्वक्ता से बातें कीं, उस पर अपने मन को प्रगट किया, और उस पर अपनी उपस्थिति को व्यक्त किया (1 राजाओं 19:11, 12)।

         एलिय्याह ने परमेश्वर की सामर्थ्य को पहले भी देखा था (18:38-39); परन्तु उसने उसे, जो चाहता है कि उसे सबसे महान और सबसे भयावह ईश्वर होने से भी कुछ भिन्न रूप में जाना जाए, पूर्णतः नहीं समझा था (19:10-14)।

         एलिय्याह द्वारा सुनी गई वह धीमी आवाज़ अन्ततः प्रभु यीशु की प्रबल नम्रता में सदेह प्रगट हुई, और प्रभु यीशु ने कहा, “...जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है...” (यूहन्ना 14:9)। और इसके बाद प्रभु ने शांत होकर अपने आप को क्रूस पर ठोक दिए जाने के लिए अर्पित कर दिया – हमसे प्रेम करने वाले परमेश्वर द्वारा दिया गया अपना अनपेक्षित बलिदान जिससे समस्त संसार के लिए पापों की क्षमा और उद्धार का मार्ग बन गया। - मार्ट डीहान

 

यदि हमें केवल एक फुसफुसाहट ही की आवश्यकता है, तो परमेश्वर चिल्लाएगा नहीं।


तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, जरूब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है : न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। - ज़कर्याह 4:6

बाइबल पाठ: 1 राजाओं 19:1-12

1 राजा 19:1 तब अहाब ने ईज़ेबेल को एलिय्याह के सब काम विस्तार से बताए कि उसने सब नबियों को तलवार से किस प्रकार मार डाला।

1 राजा 19:2 तब ईज़ेबेल ने एलिय्याह के पास एक दूत के द्वारा कहला भेजा, कि यदि मैं कल इसी समय तक तेरा प्राण उनका सा न कर डालूं तो देवता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अधिक करें।

1 राजा 19:3 यह देख एलिय्याह अपना प्राण ले कर भागा, और यहूदा के बेर्शेबा को पहुंच कर अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया।

1 राजा 19:4 और आप जंगल में एक दिन के मार्ग पर जा कर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहां उसने यह कह कर अपनी मृत्यु मांगी कि हे यहोवा बस है, अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ।

1 राजा 19:5 वह झाऊ के पेड़ तले लेटकर सो गया और देखो एक दूत ने उसे छूकर कहा, उठ कर खा।

1 राजा 19:6 उसने दृष्टि कर के क्या देखा कि मेरे सिरहाने पत्थरों पर पकी हुई एक रोटी, और एक सुराही पानी धरा है; तब उसने खाया और पिया और फिर लेट गया।

1 राजा 19:7 दूसरी बार यहोवा का दूत आया और उसे छूकर कहा, उठ कर खा, क्योंकि तुझे बहुत भारी यात्रा करनी है।

1 राजा 19:8 तब उसने उठ कर खाया पिया; और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन रात चलते चलते परमेश्वर के पर्वत होरेब को पहुंचा।

1 राजा 19:9 वहां वह एक गुफा में जा कर टिका और यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा, कि हे एलिय्याह तेरा यहां क्या काम?

1 राजा 19:10 उन ने उत्तर दिया सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के निमित्त मुझे बड़ी जलन हुई है, क्योंकि इस्राएलियों ने तेरी वाचा टाल दी, तेरी वेदियों को गिरा दिया, और तेरे नबियों को तलवार से घात किया है, और मैं ही अकेला रह गया हूँ; और वे मेरे प्राणों के भी खोजी हैं।

1 राजा 19:11 उसने कहा, निकलकर यहोवा के सम्मुख पर्वत पर खड़ा हो। और यहोवा पास से हो कर चला, और यहोवा के सामने एक बड़ी प्रचण्ड आन्धी से पहाड़ फटने और चट्टानें टूटने लगीं, तौभी यहोवा उस आन्धी में न था; फिर आन्धी के बाद भूंईडोल हुआ, तौभी यहोवा उस भूंईडोल में न था।

1 राजा 19:12 फिर भूंईडोल के बाद आग दिखाई दी, तौभी यहोवा उस आग में न था; फिर आग के बाद एक दबा हुआ धीमा शब्द सुनाई दिया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक 7-9
  • 2 कुरिन्थियों 13

रविवार, 20 सितंबर 2020

आशा

 

         एलिज़ाबेथ ने काफी लम्बे समय तक ड्रग्स की लत के साथ संघर्ष किया था, और अन्ततः जब वह इस लत से छूट गई, तो उसकी लालसा थी कि वह इसके बारे में औरों को भी आशा दे। इसलिए वह बिना अपना नाम लिखे, छोटे-छोटे पर्चे लिख कर अपने शहर में इधर-उधर अनेकों स्थानों में लगाने लगी। एलिज़ाबेथ इन पर्चों को कार के विंडशील्ड वाईपर्स के नीचे, पार्क्स के खम्भों पर, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगा देती है। पहले वह आशा के चिह्न ढूँढती थी; अब वह औरों के लिए चिह्न छोड़ती है। उसके द्वारा लिखे गए एक पर्चे का अन्त इन शब्दों के साथ हुआ: “बहुत प्रेम के साथ। आशा प्रेषित की गई।”

         परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रेम के साथ आशा – प्रभु यीशु मसीह ही यह देता है। वह प्रतिदिन हमारे पास अपने प्रेम को लेकर आता है और आशा के द्वारा हमें बलवंत करता है। उसके प्रेम हमें बूंद-बूंद करके नहीं दिया जाता है, वरन उसके हृदय से उदारतापूर्वक हमारे हृदयों में भरपूरी से उडेला जाता है। लिखा है, और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है” (रोमियों 5:5)। वह चाहता है कि हम कठिन समयों में अपने धीरज और चरित्र को विकसित करें, और वह हमें संतुष्ट और आशा से भरे हुए जीवन में लाए (पद 3-4)। और हम चाहे उससे दूर भी हों, किन्तु फिर भी वह हम से प्रेम करता रहता है (पद 6-8)।

         क्या आप आशा के चिह्न ढूँढ़ रहे हैं? प्रभु परमेश्वर अपने प्रेम के साथ हमें आशा भी प्रदान करता है और हमें आमंत्रित करता है कि हम उसके साथ अपने संबंधों को और घनिष्ठ करते चले जाएँ। एक परिपूर्ण जीवन जीने की हमारी आशा उसके अक्षय प्रेम के साथ जुड़ी हुई है। - ऐनी सेटास

 

आशा ही आत्मा का लंगर है।


वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि हम उस शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:4

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-11

रोमियों 5:1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।

रोमियों 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।

रोमियों 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज।

रोमियों 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है।

रोमियों 5:5 और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।

रोमियों 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा।

रोमियों 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे।

रोमियों 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।

रोमियों 5:9 सो जब कि हम, अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे?

रोमियों 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे?

रोमियों 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक 4-6
  • 2 कुरिन्थियों 12

शनिवार, 19 सितंबर 2020

समय


        कल मैंने अपनी पहली संतान, अपनी बड़ी बेटी को, कॉलेज भेजने के लिए उसकी हवाई यात्रा का टिकट खरीदा। ऐसा करते समय मेरी आँखों से बहकर मेरे कम्प्यूटर के की-बोर्ड पर गिरते रहने वाले आँसुओं के बाद, मुझे अचरज है कि मेरा की-बोर्ड अभी भी काम कर रहा है। मुझे उसके साथ बिताए गए अठारह वर्ष का प्रत्येक दिन इतना अच्छा लगता है कि अब उसके चले जाने की बात सोच कर ही मैं उदास हो जाती हूँ। परन्तु फिर भी केवल इसलिए कि उसकी कमी मुझे बहुत खलेगी, मैं उसे उसके भविष्य के उन्नति के अवसरों से वंचित नहीं कर सकती हूँ। उसके जीवन के इस समय में, उसके लिए यह उचित है कि वह अपने जीवन की एक नई यात्रा आरंभ करे, अपने वयस्क होने को समझे और देश के एक नए भाग को देखे।

        जबकि बेटी की परवरिश का यह समय पूरा हो रहा है, किन्तु साथ ही एक दूसरा समय भी आरंभ हो रहा है। निःसंदेह, इस नए समय में भी नई चुनौतियां होंगी, और आनन्द के नए अवसर भी होंगे। परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा सुलैमान ने लिखा कि परमेश्वर हर बात के लिए एक समय नियुक्त करता है (सभोपदेशक 3:1)। हम मनुष्यों के हाथों में अपने जीवनों की घटनाओं पर बहुत कम नियंत्रण रहता है – वे घटनाएं चाहे हमारे पक्ष में हो अथवा विरोध में। परन्तु परमेश्वर अपने समय में हर बात को सुन्दर बना कर देता है (सभोपदेशक 3:11)।

        दुःख के समयों के लिए भी हम परमेश्वर पर भरोसा रख सकते हैं कि वह अपने समय में उनसे भी कुछ अच्छा निकाल कर लाएगा। हमारे आराम और आनन्द के समय आते-जाते रह सकते हैं, परन्तु परमेश्वर के कार्य सदा बने रहेंगे (पद 14)। हमें हर एक समय चाहे अच्छा न भी लगे, कुछ बहुत दुखद भी हो सकते हैं, परन्तु परमेश्वर हर समय में से कुछ अच्छा निकाल सकता है। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

परमेश्वर हर बात से कुछ मनोहर निकाल लाता है।


और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-14

सभोपदेशक 3:1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।

सभोपदेशक 3:2 जन्म का समय, और मरने का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गले लगाने का समय, और गले लगाने से रुकने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।

सभोपदेशक 3:9 काम करने वाले को अधिक परिश्रम से क्या लाभ होता है?

सभोपदेशक 3:10 मैं ने उस दु:ख भरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।

सभोपदेशक 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।

सभोपदेशक 3:12 मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं;

सभोपदेशक 3:13 और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।

सभोपदेशक 3:14 मैं जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उस में कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है; परमेश्वर ऐसा इसलिये करता है कि लोग उसका भय मानें।

 

एक साल में बाइबल:
  • सभोपदेशक  1-3
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33