हाल ही में मैं पढ़ रहा था कि परमेश्वर के वचन बाइबल के सन्देश को लोग कितनी सरलता से बिगाड़ कर प्रस्तुत करते हैं - बस यह कहते हुए कि "बाइबल में लिखा है" उसके किसी भाग को लेकर उसकी व्याख्या सन्दर्भ से बाहर तथा अपनी धारणा के अनुसार कर दीजिए, सन्देश की सच्चाई बदल जाएगी। अनेक लोग के लिए पहले से ही बनाई गई अपनी धारणाओं के अनुसार अपनी बात के समर्थन के लिए इस प्रकार से बाइबल का दुरुपयोग करना आम बात है। कुछ लोग बाइबल को किसी बात के एक पहलू का समर्थन करने के लिए प्रयोग करते हैं तो कुछ अन्य लोग उसी बात का विरोध करने के लिए बाइबल का उपयोग करते हैं; दोनों ही अपनी बात प्रमाणित करने के लिए बाइबल में से ही पद उद्धरित करते हैं - लेकिन दोनों ही सही नहीं हो सकते। बाइबल से सही जानकारी पाने के लिए हर बात पर बाइबल की सभी शिक्षाओं को उनकी संपूर्णता में देखें तथा बाइबल पर अपनी धारणाएं ना थोपें, वरन उसे परमेश्वर की इच्छानुसार आप से बात करने दें।
यह अनिवार्य है कि जब हम परमेश्वर के वचन बाइबल का उपयोग करते हैं तो हम ना तो जो उसमें कहा गया है उससे अधिक कुछ बोलें और ना ही उसकी किसी बात को घटा कर बताएं - जो जैसा है, वैसा ही कहें, ना अधिक और ना कम। यदि हम परमेश्वर के वचन को लापरवाही द्वारा गलत ढंग से प्रयोग करेंगे तो हम परमेश्वर की बात और चरित्र को गलत ढंग से प्रस्तुत करेंगे। इसीलिए प्रेरित पौलुस ने तिमुथियुस को लिखी अपनी पत्री में उसे सचेत किया कि, "अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो" (2 तिमुथियुस 2:15)। मसीह यीशु के लिए सेवकाई करने वालों को लज्जा से बचने तथा अपने प्रभु की प्रशंसा का पात्र बनने के लिए अनिवार्य है कि वे परमेश्वर के वचन को "ठीक रीति से काम में लाएं" अर्थात उसकी सही व्याख्या करें, ना उसमें कुछ जोड़ें और ना ही उस में से कुछ घटाएं। जब हम बिना किसी पूर्वधारणा को लिए, सच्चे समर्पित मन के साथ परमेश्वर के चरणों में बैठेंगे और उससे प्रार्थना करेंगे कि अपने वचन की समझ हमें दे और उसे हमें सिखाए तब वह ऐसा करेगा भी; क्योंकि यह वचन उसने हमारे लिए ही लिखवाया है और इस वचन को समझाने के लिए अपना पवित्र आत्मा हमें दिया है।
अपने शब्दों तथा कर्मों के द्वारा हमारे पास अवसर रहते हैं कि हम परमेश्वर के इस अनमोल वचन को संसार के सामने ऐसा प्रस्तुत कर सकें जो वास्तव में परमेश्वर के सच्चे स्वरूप को दिखाता है; और मसीही विश्वासी के लिए यह अपने प्रभु को आदर देना का महान सुअवसर है; इसे व्यर्थ ना करें। - बिल क्राउडर
बाइबल परमेश्वर का वचन है; इसे सावधानी से प्रयोग करें।
हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए। - 2 तिमुथियुस 3:16-17
बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 2:14-26
2 Timothy 2:14 इन बातों की सुधि उन्हें दिला, और प्रभु के साम्हने चिता दे, कि शब्दों पर तर्क-वितर्क न किया करें, जिन से कुछ लाभ नहीं होता; वरन सुनने वाले बिगड़ जाते हैं।
2 Timothy 2:15 अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।
2 Timothy 2:16 पर अशुद्ध बकवाद से बचा रह; क्योंकि ऐसे लोग और भी अभक्ति में बढ़ते जाएंगे।
2 Timothy 2:17 और उन का वचन सड़े-घाव की नाईं फैलता जाएगा: हुमिनयुस और फिलेतुस उन्हीं में से हैं।
2 Timothy 2:18 जो यह कह कर कि पुनरुत्थान हो चुका है सत्य से भटक गए हैं, और कितनों के विश्वास को उलट पुलट कर देते हैं।
2 Timothy 2:19 तौभी परमेश्वर की पड़ी नेव बनी रहती है, और उस पर यह छाप लगी है, कि प्रभु अपनों को पहिचानता है; और जो कोई प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से बचा रहे।
2 Timothy 2:20 बड़े घर में न केवल सोने-चान्दी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई कोई आदर, और कोई कोई अनादर के लिये।
2 Timothy 2:21 यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा; और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा।
2 Timothy 2:22 जवानी की अभिलाषाओं से भाग; और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर।
2 Timothy 2:23 पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं।
2 Timothy 2:24 और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो।
2 Timothy 2:25 और विरोधियों को नम्रता से समझाए, क्या जाने परमेश्वर उन्हें मन फिराव का मन दे, कि वे भी सत्य को पहिचानें।
2 Timothy 2:26 और इस के द्वारा उस की इच्छा पूरी करने के लिये सचेत हो कर शैतान के फंदे से छूट जाएं।
एक साल में बाइबल:
- मत्ती 12-15