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सोमवार, 13 नवंबर 2017

मुर्दा फूल


   अगस्त 2013 में, पेन्सिल्वेनिया की फिप्प्स संरक्षिका में एक उष्णकटिबंधीय पौधे के फूल को खिलते हुए देखने के लिए एक बड़ी भीड़ एकत्रित हुई। इस फूल को मुर्दा फूल (Corpse Flower) कहते हैं क्योंकि जब यह खिलता है तो उसमें से सड़ते हुए माँस जैसी दुर्गन्ध आती है। इस पौधे का मूल स्थान इंडोनेशिया है, और यह कई वर्षों में एक ही बार खिलता है। इसे खिलते देखना भी एक अनुभव होता है। उसके फूलों की बहुत विशाल, लाल, सुन्दर और नोकीली पंखुड़ियाँ होती हैं; परन्तु उससे निकलने वाली दुर्गन्ध के कारण मक्खियाँ और अन्य माँस-भक्षी कीट पतंगे उसकी ओर आकर्षित होते हैं, परन्तु उसके निकट आने पर उन्हें कुछ नहीं मिलता है क्योंकि उसमें कोई रस नहीं होता है।

   उस मुर्दा फूल के समान, पाप भी हमारे सामने आकर्षक और लुभावनी बातें रखता है, परन्तु देता कुछ भी नहीं है। अदन की वाटिका में हमारे आदि माता-पिता, आदम और हव्वा ने यह कटु अनुभव से सीखा। अदन की वाटिका परमेश्वर ने उन्हें बना कर दी थी और बहुत सुन्दर थी; तब तक जब तक कि आदम और हव्वा के पाप ने उसे बिगाड़ नहीं दिया। परमेश्वर ने उन्हें केवल एक कार्य को करने के लिए मना किया था; उसके अतिरिक्त उस वाटिका में उन्हें हर प्रकार से पूरी स्वतंत्रता थी। परमेश्वर की भलाईयों के प्रति शंका में पड़कर, वे परमेश्वर की चेतावनी को नज़रन्दाज़ कर बैठे और उन्होंने वह किया जो मना किया गया था; वे परमेश्वर के अनाज्ञाकारी हो गए, और अपने निर्दोश होने को सदा के लिए खो दिया। परमेश्वर द्वारा भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष और उसके फल को दी गई सुन्दरता, उनके लिए मुर्दा फूल के समान हो गई - वे उससे आकर्षित तो हुए, परन्तु उन्हें मिला कुछ भी नहीं; वरन उनके इस अनाज्ञाकारिता के पाप की सड़ान्द से सारी मानव जाति दूषित हो गई। उनके इस पाप के परिणामस्वरूप उनके तथा उनकी सनतान के जीवनों में परमेश्वर से दूरी, पीड़ा, खालीपन, परिश्रम और मृत्यु आ गए।

   पाप आकर्षक लगता है, ऊपरी तौर से अच्छा और सुन्दर भी लग सकता है, परन्तु परमेश्वर कि आज्ञाकारिता से मिलने वाली आशीष, सुन्दरता और सुगन्ध के सामने पाप के प्रतिफल बहुत दुःखदाई और कड़ुवे हैं। परमेश्वर ने हमें अपने साथ रहने और उससे आशीषित होने के लिए बनाया है; वह हमें अपने आनन्द से भर देना चाहता है। उसके प्रति समर्पित और आज्ञाकारी होकर इस आनन्द से अपने जीवन को भर लें। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर की आज्ञाएं शैतान के सुझावों को पराजित कर सकती हैं।

इन विधियों में अपनी इच्छा के अनुसार गढ़ी हुई भक्ति की रीति, और दीनता, और शारीरिक योगाभ्यास के भाव से ज्ञान का नाम तो है, परन्तु शारीरिक लालसाओं को रोकने में इन से कुछ भी लाभ नहीं होता। - कुलुस्सियों 2:23

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 3:6-13; 22-24
Genesis 3:6 सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। 
Genesis 3:7 तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उन को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये। 
Genesis 3:8 तब यहोवा परमेश्वर जो दिन के ठंडे समय बाटिका में फिरता था उसका शब्द उन को सुनाई दिया। तब आदम और उसकी पत्नी बाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए। 
Genesis 3:9 तब यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर आदम से पूछा, तू कहां है? 
Genesis 3:10 उसने कहा, मैं तेरा शब्द बारी में सुन कर डर गया क्योंकि मैं नंगा था; इसलिये छिप गया। 
Genesis 3:11 उसने कहा, किस ने तुझे चिताया कि तू नंगा है? जिस वृक्ष का फल खाने को मैं ने तुझे मना किया था, क्या तू ने उसका फल खाया है? 
Genesis 3:12 आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैं ने खाया। 
Genesis 3:13 तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा, तू ने यह क्या किया है? स्त्री ने कहा, सर्प ने मुझे बहका दिया तब मैं ने खाया। 
Genesis 3:22 फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है: इसलिये अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ा कर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे। 
Genesis 3:23 तब यहोवा परमेश्वर ने उसको अदन की बाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिस में से वह बनाया गया था। 
Genesis 3:24 इसलिये आदम को उसने निकाल दिया और जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिये अदन की बाटिका के पूर्व की ओर करुबों को, और चारों ओर घूमने वाली ज्वालामय तलवार को भी नियुक्त कर दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • विलापगीत 1-2
  • इब्रानियों 10:1-18