ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 22 जुलाई 2018

विश्राम



      प्रातः अलार्म बजता है; हमें लगता है कि अभी बहुत जल्दी है, कुछ देर और सो लें, परन्तु दिन भर के लिए कार्य आगे रखा है, लोगों से निर्धारित समय पर मिलना है, लोगों की देखभाल करनी है, और भी बहुत कुछ दिन भर के समय में करने के लिए है। ऐसे में आप अकेले नहीं हैं; प्रतिदिन, हम में से बहुतेरों को एक बात से दूसरी की ओर भागते रहना होता है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि जब प्रेरित अपनी सेवकाई के पहले दौरे से लौटे तो प्रभु को बताने के लिए उनके पास बहुत कुछ था। परन्तु जैसे मरकुस रचित सुसमाचार में लिखा है, प्रभु तुरंत ही उनके कार्य का आंकलन करने नहीं बैठ गया; वरन प्रभु की पहली प्राथमिकता थी कि वे पहले थोड़ा विश्राम कर लें। प्रभु यीशु ने उनसे कहा, “उसने उन से कहा; तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो” (मरकुस 6:31)।

      अन्ततः हमें वास्तविक विश्राम अपने साथ परमेश्वर की लगातार बनी रहने वाली उपस्थित का एहसास करने और उस पर भरोसा बनाए रखने से ही मिलता है। चाहे हम अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें, परन्तु हमें यह पहचान भी रखनी है कि हम अपने कार्यों, कार्य में उन्नति, परिवार, सेवकाई, आदि की चिंताएं परमेश्वर के हाथों में सौंप कर उनके विषय उस पर भरोसा बनाए रखना चाहिए। हमें प्रतिदिन कुछ समय हमारा ध्यान बंटाने वाली बातों से हटाकर, तनाव और बेचैनी को अपने से दूर कर के, अपने प्रति परमेश्वर के लगातार बने रहने वाले अद्भुत प्रेम और विश्वासयोग्यता पर मनन करना चाहिए, उसमें और उसके साथ थोड़ा विश्राम करना चाहिए।

      इसलिए निश्चिन्त होकर आराम की साँस लीजिए; परमेश्वर के हाथों में अपनी सारी चिंताओं को छोड़ दीजिए, और वास्तविक विश्राम का आनन्द लीजिए। - पो फैंग चिया


हम इसलिए विश्राम नहीं करते हैं क्योंकि हमारा कार्य पूरा हो गया है; 
हम इसलिए विश्राम करते हैं क्योंकि यह परमेश्वर की आज्ञा है, 
और उसने हमें ऐसा बनाया है कि हमें विश्राम की आवश्यकता होती है। - गौर्डन मैकडोनाल्ड

हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। - मत्ती 11:28

बाइबल पाठ: मरकुस 6:7-13, 30-32
Mark 6:7 और वह बारहों को अपने पास बुलाकर उन्हें दो दो कर के भेजने लगा; और उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया।
Mark 6:8 और उसने उन्हें आज्ञा दी, कि मार्ग के लिये लाठी छोड़ और कुछ न लो; न तो रोटी, न झोली, न पटुके में पैसे।
Mark 6:9 परन्तु जूतियां पहिनो और दो दो कुरते न पहिनो।
Mark 6:10 और उसने उन से कहा; जहां कहीं तुम किसी घर में उतरो तो जब तक वहां से विदा न हो, तब तक उसी में ठहरे रहो।
Mark 6:11 जिस स्थान के लोग तुम्हें ग्रहण न करें, और तुम्हारी न सुनें, वहां से चलते ही अपने तलवों की धूल झाड़ डालो, कि उन पर गवाही हो।
Mark 6:12 और उन्होंने जा कर प्रचार किया, कि मन फिराओ।
Mark 6:13 और बहुतेरे दुष्टात्माओं को निकाला, और बहुत बीमारों पर तेल मलकर उन्हें चंगा किया।
Mark 6:30 प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे हो कर, जो कुछ उन्होंने किया, और सिखाया था, सब उसको बता दिया।
Mark 6:31 उसने उन से कहा; तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था।
Mark 6:32 इसलिये वे नाव पर चढ़कर, सुनसान जगह में अलग चले गए।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 31-32
  • प्रेरितों 23:16-35