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सोमवार, 16 अप्रैल 2018

गैरपारंपरिक



   सन 1980 में, बॉस्टन मैराथन दौड़ के दौरान, एक महिला दौड़ में से निकल कर भूमिगत ट्रेन पर चढ़ गई; इसमें कोई विचित्र बात नहीं है। लेकिन उसी महिला को गवाहों ने दौड़ समाप्त होने की रेखा से एक मील से भी कम दूरी पर ट्रेन से निकलकर फिर से मैराथन दौड़ में सम्मिलित होते देखा! उसे मैराथन भाग कर पूरा करना था, परन्तु अपने इस उनेप्क्षित तरीके से वह अन्य महिला धावकों से बहुत पहले समापन रेखा पर पहुँच गई, और वह न तो हांफ रही थी, न ही उसे कुछ खास पसीना आ रहा था। कुछ समय तक लगा कि वही विजेता है।

   बहुत पहले एक युद्ध में, परमेश्वर के वचन बाइबल में आया है, कुछ ऐसे लोगों ने जो युद्ध को हार जाने की स्थिति में थे, विजय प्राप्त करने का एक आदरपूर्ण और गैरपारंपरिक तरीका अपनाया। जब राजा यहोशापात को समाचार मिला कि एक अति विशाल सेना उस पर चढ़ाई करने के लिए आ रही है, तो वह घबरा गया (2 इतिहास 20:2-3)। परन्तु अपने भय की इस स्थिति में विशिष्ट सैनिक रणनीतियों को अपनाने के स्थान पर यहोशापात परमेश्वर की ओर मुड़ा। उसने अपने भय और असमंजस को तथा परमेश्वर की सामर्थ्य और प्रभुता को स्वीकार किया, “...यह जो बड़ी भीड़ हम पर चढ़ाई कर रही है, उसके साम्हने हमारा तो बस नहीं चलता और हमें हुछ सूझता नहीं कि क्या करना चाहिये? परन्तु हमारी आंखें तेरी ओर लगी हैं” (पद 12)। फिर परमेश्वर के निर्देशानुसार, वह अपनी सेना को युद्ध-भूमि पर ले गया, और उसकी सेना के आगे-आगे स्तुतिगान करने वाले चल रहे थे, जो युद्ध की ललकार के स्थान पर परमेश्वर के प्रेम के विषय में स्तुतिगान कर रहे थे। इस गैरपारंपरिक गतिविधि का परिणाम भौंचका कर देने वाला था; यहोशापात के शत्रु आपस में ही लड़ने लगे, और सभी परस्पर लड़ मरे (पद 22-24)। सब कुछ हो जाने के पश्चात, “यहोशापात के राज्य को चैन मिला, क्योंकि उसके परमेश्वर ने उसको चारों ओर से विश्राम दिया” (पद 30)।

   जीवन हमारे सामने अभिभूत कर देने वाली चुनौतियां लेकर आ सकता है। परन्तु हमारे भय और अनिश्चितताएं हमें अवसर प्रदान करते हैं कि उनके समाधान के लिए हम अपने सर्व-सामर्थी परमेश्वर की ओर मुड़ें – वह गैरपारंपरिक विधियों का विशेषज्ञ है। - टिम गुस्ताफासन


हमारे परमेश्वर की कार्य-विधि के विषय 
कभी भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती है, 
परन्तु वह  हमेशा भरोसेमंद रहता है।

मेरी आंखे सदैव यहोवा पर टकटकी लगाए रहती हैं, क्योंकि वही मेरे पांवों को जाल में से छुड़ाएगा। - भजन 25:15

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 20:1-13
2 Chronicles 20:1 इसके बाद मोआबियों और अम्मोनियों ने और उनके साथ कई मूनियों ने युद्ध करने के लिये यहोशापात पर चढ़ाई की।
2 Chronicles 20:2 तब लोगों ने आकर यहोशापात को बता दिया, कि ताल के पार से एदोम देश की ओर से एक बड़ी भीड़ तुझ पर चढ़ाई कर रही है; और देख, वह हसासोन्तामार तक जो एनगदी भी कहलाता है, पहुंच गई है।
2 Chronicles 20:3 तब यहोशपात डर गया और यहोवा की खोज में लग गया, और पूरे यहूदा में उपवास का प्रचार करवाया।
2 Chronicles 20:4 सो यहूदी यहोवा से सहायता मांगने के लिये इकट्ठे हुए, वरन वे यहूदा के सब नगरों से यहोवा से भेंट करने को आए।
2 Chronicles 20:5 तब यहोशपात यहोवा के भवन में नये आंगन के साम्हने यहूदियों और यरूशलेमियों की मण्डली में खड़ा हो कर
2 Chronicles 20:6 यह कहने लगा, कि हे हमारे पितरों के परमेश्वर यहोवा! क्या तू स्वर्ग में परमेश्वर नहीं है? और क्या तू जाति जाति के सब राज्यों के ऊपर प्रभुता नहीं करता? और क्या तेरे हाथ में ऐसा बल और पराक्रम नहीं है कि तेरा साम्हना कोई नहीं कर सकता?
2 Chronicles 20:7 हे हमारे परमेश्वर! क्या तू ने इस देश के निवासियों अपनी प्रजा इस्राएल के साम्हने से निकाल कर इन्हें अपने मित्र इब्राहीम के वंश को सदा के लिये नहीं दे दिया?
2 Chronicles 20:8 वे इस में बस गए और इस में तेरे नाम का एक पवित्र स्थान बना कर कहा,
2 Chronicles 20:9 कि यदि तलवार या मरी अथवा अकाल वा और कोई विपत्ति हम पर पड़े, तौभी हम इसी भवन के साम्हने और तेरे साम्हने (तेरा नाम तो इस भवन में बसा है) खड़े हो कर, अपने क्लेश के कारण तेरी दोहाई देंगे और तू सुन कर बचाएगा।
2 Chronicles 20:10 और अब अम्मोनी और मोआबी और सेईर के पहाड़ी देश के लोग जिन पर तू ने इस्राएल को मिस्र देश से आते समय चढ़ाई करने न दिया, और वे उनकी ओर से मुड़ गए और उन को विनाश न किया,
2 Chronicles 20:11 देख, वे ही लोग तेरे दिए हुए अधिकार के इस देश में से जिसका अधिकार तू ने हमें दिया है, हम को निकाल कर कैसा बदला हमें दे रहे हैं।
2 Chronicles 20:12 हे हमारे परमेश्वर, क्या तू उनका न्याय न करेगा? यह जो बड़ी भीड़ हम पर चढ़ाई कर रही है, उसके साम्हने हमारा तो बस नहीं चलता और हमें हुछ सूझता नहीं कि क्या करना चाहिये? परन्तु हमारी आंखें तेरी ओर लगी हैं।
2 Chronicles 20:13 और सब यहूदी अपने अपने बाल-बच्चों, स्त्रिीयों और पुत्रों समेत यहोवा के सम्मुख खड़े रहे।


एक साल में बाइबल: 
1 शमूएल 30-31
लूका 13:23-35