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बुधवार, 31 दिसंबर 2014

विचार


   आज, इस वर्ष के अन्तिम दिन में, जब हम आने वाले नव वर्ष की ओर नई योजनाओं और निर्णयों के साथ देखते हैं, तो बीते समय के परमेश्वर भक्त लोगों की आवाज़ें हमें उस बात के बारे में भी विचार करने के लिए कहती हैं जिसे हम नज़रन्दाज़ करके रखना चाहते हैं - हमारी मृत्यु!

   थोमस केम्पिस (1379-1471) ने लिखा, "वह आनन्द से है जो अपनी मृत्यु की घड़ी को सदा अपने सम्मुख रखता है और प्रतिदिन अपने आप को उस घड़ी के लिए तैयार बनाए रखता है"। फ्रांसिओ फेनलॉन (1651-1715) ने लिखा, "जो लोग मृत्यु के बारे में विचार करना नहीं चाहते और एक अवश्यंभावी बात को नज़रन्दाज़ करके रखना चाहते हैं - एक ऐसी बात जिसके बारे में अकसर विचार करने से हम आनन्दित ही हो सकते हैं, उनके अन्धेपन की हर भर्त्सना कम ही होगी। मृत्यु का विचार केवल सांसारिक परिपेक्ष रखने वाले लोगों को ही परेशान कर सकता है"। ये लोग मृत्यु के विषय एक निराशाजनक मानसिकता में विचाराधीन रहने के बात नहीं कर रहे थे; जीवन के प्रति उनका नज़रिया सकारात्माक तथा गतिशील था और वे भरपूरी का जीवन जीने वाले लोग थे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद के द्वारा अपने एक भजन में कही बात के अनुरूप हमें भी परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए; दाऊद ने परमेश्वर से प्रार्थना करी: "हे यहोवा ऐसा कर कि मेरा अन्त मुझे मालुम हो जाए, और यह भी कि मेरी आयु के दिन कितने हैं; जिस से मैं जान लूं कि कैसा अनित्य हूं! देख, तू ने मेरे आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे ही स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं" (भजन 39:4-5)। इस भजन में दाऊद आगे उन लोगों के लिए भी लिखता है जो व्यर्थ ही परिश्रम करते रहते हैं, संपदा एकत्रित करते रहते हैं और यह नहीं जानते कि उनके बाद कौन उसका अधिकारी होगा (पद 6)। उसका निषकर्ष था कि परमेश्वर ही है जिसमें विश्वास और आशा बनाए रखने से वह आत्मिक विद्रोह और विनाश से बचा रह सकता है (पद 7-8)।

   इस वर्ष का अन्त और नए वर्ष की आशा एक उपयुक्त समय है इस पृथ्वी पर अपने जीवन की संक्षिप्तता और परमेश्वर पर अपनी आशा और विश्वास पर विचार करने का - और यह निर्णय करने का ये विचार हमारे साथ प्रतिदिन बने रहेंगे। - डेविड मैक्कैसलैंड


मृत्यु की अवश्यंभाविता पर विचार करते रहना जीवन के प्रति सकारात्मक और गतिशील रवैया बनाए रखता है।

हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं। - भजन 90:12

बाइबल पाठ: भजन 39
Psalms 39:1 मैं ने कहा, मैं अपनी चाल चलन में चौकसी करूंगा, ताकि मेरी जीभ से पाप न हो; जब तक दुष्ट मेरे साम्हने है, तब तक मैं लगाम लगाए अपना मुंह बन्द किए रहूंगा। 
Psalms 39:2 मैं मौन धारण कर गूंगा बन गया, और भलाई की ओर से भी चुप्पी साधे रहा; और मेरी पीड़ा बढ़ गई, 
Psalms 39:3 मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर जल रहा था। सोचते सोचते आग भड़क उठी; तब मैं अपनी जीभ से बोल उठा; 
Psalms 39:4 हे यहोवा ऐसा कर कि मेरा अन्त मुझे मालुम हो जाए, और यह भी कि मेरी आयु के दिन कितने हैं; जिस से मैं जान लूं कि कैसा अनित्य हूं! 
Psalms 39:5 देख, तू ने मेरे आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे ही स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं। 
Psalms 39:6 सचमुच मनुष्य छाया सा चलता फिरता है; सचमुच वे व्यर्थ घबराते हैं; वह धन का संचय तो करता है परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन लेगा! 
Psalms 39:7 और अब हे प्रभु, मैं किस बात की बाट जोहूं? मेरी आशा तो तेरी ओर लगी है। 
Psalms 39:8 मुझे मेरे सब अपराधों के बन्धन से छुड़ा ले। मूढ़ मेरी निन्दा न करने पाए। 
Psalms 39:9 मैं गूंगा बन गया और मुंह न खोला; क्योंकि यह काम तू ही ने किया है। 
Psalms 39:10 तू ने जो विपत्ति मुझ पर डाली है उसे मुझ से दूर कर दे, क्योंकि मैं तो तरे हाथ की मार से भस्म हुआ जाता हूं। 
Psalms 39:11 जब तू मनुष्य को अधर्म के कारण डाँट डपटकर ताड़ना देता है; तब तू उसकी सुन्दरता को पतंगे की नाईं नाश करता है; सचमुच सब मनुष्य व्यर्थ अभिमान करते हैं।
Psalms 39:12 हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन, और मेरी दोहाई पर कान लगा; मेरा रोना सुनकर शांत न रह! क्योंकि मैं तेरे संग एक परदेशी यात्री की नाईं रहता हूं, और अपने सब पुरखाओं के समान परदेशी हूं। 
Psalms 39:13 आह! इस से पहिले कि मैं यहां से चला जाऊं और न रह जाऊं, मुझे बचा ले जिस से मैं प्रदीप्त जीवन प्राप्त करूं!

एक साल में बाइबल: 
  • प्रकाशितवाक्य 19-22

आप सभी के लिए आता नव-वर्ष आशीष पूर्ण एवं मंगलमय हो