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शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

क्षमा


   मैं एक प्रतिभाशाली प्यानों वादिका से वार्तालाप कर रहा था; उसने मुझ से पूछा कि क्या मैं कोई साज़ बजाता हूँ? मैंने उत्तर दिया, "मैं रेडियो बजा लेता हूँ"; उसने हंसते हुए फिर पूछा कि क्या मैंने कभी कोई साज़ बजा पाने की इच्छा रखी है? मैंने थोड़ी शर्मिन्दगी के साथ उत्तर दिया, "लड़कपन में मैंने कुछ समय तक प्यानो सीखा था, फिर उसे छोड़ दिया।" अब अपने व्यसक जीवन में मुझे पछतावा होता है कि मैंने प्यानो सीखना ज़ारी क्यों नहीं रखा, क्योंकि मुझे संगीत का शौक है और मेरी इच्छा होती है कि आज मैं भी कोई साज़ बजा सकूँ। यह वार्तालाप मेरे लिए इस बात को पुनःस्मरण करने का अवसर था कि हमारे जीवनों में हमारे चुनावों का बहुत प्रभाव होता है - और कुछ चुनावों के कारण हमें पछतावा होता है।

    लेकिन कुछ गलत चुनाव ऐसे भी होते हैं जो हमारे अन्दर दीर्घ-कालीन एवं कष्टदायक पछतावा छोड़ जाते हैं - जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल के एक नायक राजा दाऊद के साथ हुआ। पहले दाऊद ने एक अन्य पुरुष की स्त्री के साथ व्यभिचार किया और फिर अपने पाप को छुपाने के लिए उस स्त्री के पति को मरवा डाला। इस पाप का दोष-बोध उसके लिए बहुत कष्टदायक बना और इससे ग्रसित होकर उसने अपने एक भजन में लिखा, "जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गई। क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई" (भजन 32:3-4)। लेकिन दाऊद ने अपने पाप का अंगीकार किया और उसे परमेश्वर के सामने मान लिया, जो उसके लिए परमेश्वर से क्षमा और शांति को लेकर आया (पद 5)।

   जब हमारे चुनाव और कार्य हमें पाप और बुराई में ढकेल दें, तो उनका अंगीकार करने और उनके लिए प्रभु यीशु से क्षमा माँग लेने के द्वारा (1 यूहन्ना 1:9) केवल परमेश्वर के अनुग्रह से ही हमें पाप के दोष से छुटकारा मिल सकता है; केवल उस से ही हमें क्षमा की शांति मिल सकती है। केवल परमेश्वर ही है जो हमें सही चुनाव एवं निर्णय ले पाने की बुद्धिमता प्रदान करता है (भजन 32:8)। - बिल क्राउडर


प्रभु परमेश्वर से मिलने वाली क्षमा हमें पछतावे के बन्धनों से स्वतंत्र करती है।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9 

बाइबल पाठ: भजन 32
Psalms 32:1 क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो। 
Psalms 32:2 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो।
Psalms 32:3 जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गई। 
Psalms 32:4 क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई।
Psalms 32:5 जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।
Psalms 32:6 इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी। 
Psalms 32:7 तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा।
Psalms 32:8 मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। 
Psalms 32:9 तुम घोड़े और खच्चर के समान न बनो जो समझ नहीं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आने के।
Psalms 32:10 दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी; परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा। 
Psalms 32:11 हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित और मगन हो, और हे सब सीधे मन वालों आनन्द से जयजयकार करो!

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 31-32
  • प्रेरितों 23:16-35