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रविवार, 14 फ़रवरी 2010

लाल रंग में लिखा हुआ

मेरी प्रथम बाइबल काले अक्षरों में छपी थी, परन्तु उसके कुछ शब्द लाल रंग में थे, मैं थोड़े ही समय में पहचान गया कि वे प्रभु यीशु के कहे हुए शब्द थे।

१०० साल पहले लुई क्लोपस्क नामक मनुष्य ने प्रथम लाल अक्षरों वाली बाइबल प्रकाशित की। उसने लूका २२:२० में यीशु के वचनों पर विचार किया "यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है।" उसने जान बूझकर यीशु द्वारा कहे गये वचनों की ओर विशेष ध्यान खींचने को खून जैसे रंग की लाल स्याही का उपयोग किया। बाइबल के शब्द बहुमूल्य हैं, क्योंकि परमेश्वर ने अपने पुत्र के व्यक्तित्व में २००० साल पहले हमें जो प्रेम पत्र भेजा, उसका विवरण उन शब्दों में है (१ युहन्ना ४:१०)।

मनुष्य होकर भूमि में आने का यीशु का उद्देश्य था, हमारे लिये मरकर अपने जीवन का बलिदान करना, परमेश्वर की यह योजना लाली में लिखी है, "तुम्हारा छुटकारा निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ" (१ पतरस १:१९)।

जिन्होंने परमेश्वर के प्रेम की भेंट स्वीकार की, उन्हें "मसीह की पत्री" कहा गया है, जो यीशु मसीह को न जानने वालों के लिये लिखी गई है। हम "मसीह की पत्री हैं", जो स्याही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से लिखी गई (२ कुरिन्थियों ३:३)।

इस दिन को दुनिया प्रेम का दिन मानती है; लेकिन फरवरी के इस दिन को ऐसा निर्धारित होने से भी बहुत पहले दुनिया ने प्रभु यीशु में एक ऐसा प्रेम पत्र पाया, जिसने सब कुछ बदल दिया (यूहन्ना ३:१६)। - सिंडी हैस कैस्पर


यीशु मसीह का क्रूस ही परमेश्वर के प्रेम के की सबसे स्पष्ट व्याख्या है।



बाइबल पाठ: १ यूहन्ना ४:७-१९


परमेश्वर ने अपने एक्लौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं। - १ युहन्ना ४:९



एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था १५,१६
  • मत्ती २७:१-२६