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रविवार, 1 जुलाई 2018

ध्यान



      मैं एक गृह सहायता केन्द्र में कार्य करता हूँ। एक दिन एक महिला ने घबराहट से भरकर हमें फोन किया, जो मैं ने लिया। उसके घर के अन्दर तापमान को ठीक रखने की सुविधा ख़राब हो गई थी और ठण्ड के मारे घर फ्रिज के समान हो गया था। उसने बड़ी चिन्ता भरे स्वर में अपनी समस्या बताते हुए पूछा, “अब मैं अपने बच्चों की देखभाल कैसे करूँ?” मैंने बिना विचारे, दफतर के आधिकारिक किताबी उत्तर को दोहरा दिया, “आप किसी होटल में चली जाएँ और होटल का बिल घर के मालिक को भेज दें।” उसने क्रोधावेश में फोन को बन्द कर दिया।

      मैं उसके प्रश्न का किताबी उत्तर तो जानता था, परन्तु अपने उत्तर में मैंने उसके प्रश्न और स्थिति के मर्म की बिलकुल अवहेलना कर दी थी। वह चाहती थी कि कोई उसके भय और घबराहट को समझे, उसे सांत्वना दे, उसे अनुभव करवाए कि वह अकेली नहीं है, उसके साथ सहायता के लिए लोग खड़े हैं। कुल मिलाकर स्थिति यह थी मैं ने उसे अकेला “ठण्ड में ही छोड़ दिया था।”

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि जब अय्यूब ने अपना सब कुछ खो दिया था, तो उसके मित्र जो उसके दुःख को बाँटने आए थे, उसकी स्थिति का विश्लेषण कर के उसे सलाह देने लगे; उनके पास कुछ उत्तर तो थे, परन्तु समझ-बूझ नहीं थी। सोपर ने सलाह दी कि वह केवल परमेश्वर ही के लिए जीवन व्यतीत करे, “और तेरा जीवन दोपहर से भी अधिक प्रकाशमान होगा; और चाहे अन्धेरा भी हो तौभी वह भोर सा हो जाएगा” (अय्यूब 11:17)। उसकी यह सलाह अय्यूब को पसन्द नहीं आई, और अय्यूब ने सोपर को तीखे कटाक्ष द्वारा उत्तर दिया, “नि:सन्देह मनुष्य तो तुम ही हो और जब तुम मरोगे तब बुद्धि भी जाती रहेगी” (अय्यूब 12:2)। वह सँसार की वास्तविक समस्याओं के लिए किताबी उत्तरों की असुन्तुष्टि के स्वाद से परिचित था।

      अय्यूब के मित्रों द्वारा समस्या का विहंगम दृश्य न लेने के लिए उनकी आलोचना करना तो सरल है, परन्तु हम स्वयं अपने जीवनों में देखें कि हम अपने उत्तरों में कितने असंवेदनशील होते हैं, जब प्रश्न और परिस्थिति को समझे बिना उतावली के साथ उत्तर देने लगते हैं। लोगों को उत्तर अवश्य चाहिएँ। किन्तु उससे अधिक, वे यह आभास चाहते हैं कि हम उनके मन की बात को सुन रहे हैं, उनकी परिस्थिति को समझ रहे हैं। वे अनुभव करना चाहते हैं कि हमें उनकी चिंता है, हम उनका ध्यान रख रहे हैं। - टिम गुस्ताफ्सन


लोग आपके उत्तर को सुनने से पहले, 
यह देखना चाहते हैं कि आप ध्यान कर रहे हैं।

ईश्वर में पूरी बुद्धि और पराक्रम पाए जाते हैं; युक्ति और समझ उसी में हैं। - अय्यूब 12:13

बाइबल पाठ: अय्यूब 11:7-20
Job 11:7 क्या तू ईश्वर का गूढ़ भेद पा सकता है? और क्या तू सर्वशक्तिमान का मर्म पूरी रीति से जांच सकता है?
Job 11:8 वह आकाश सा ऊंचा है; तू क्या कर सकता है? वह अधोलोक से गहिरा है, तू कहां समझ सकता है?
Job 11:9 उसकी माप पृथ्वी से भी लम्बी है और समुद्र से चौड़ी है।
Job 11:10 जब ईश्वर बीच से गुजरकर बन्द कर दे और अदालत (कचहरी) में बुलाए, तो कौन उसको रोक सकता है।
Job 11:11 क्योंकि वह पाखण्डी मनुष्यों का भेद जानता है, और अनर्थ काम को बिना सोच विचार किए भी जान लेता है।
Job 11:12 परन्तु मनुष्य छूछा और निर्बुद्धि होता है; क्योंकि मनुष्य जन्म ही से जंगली गदहे के बच्चे के समान होता है।
Job 11:13 यदि तू अपना मन शुद्ध करे, और ईश्वर की ओर अपने हाथ फैलाए,
Job 11:14 और जो कोई अनर्थ काम तुझ से होता हो उसे दूर करे, और अपने डेरों में कोई कुटिलता न रहने दे,
Job 11:15 तब तो तू निश्चय अपना मुंह निष्कलंक दिखा सकेगा; और तू स्थिर हो कर कभी न डरेगा।
Job 11:16 तब तू अपना दु:ख भूल जाएगा, तू उसे उस पानी के समान स्मरण करेगा जो बह गया हो।
Job 11:17 और तेरा जीवन दोपहर से भी अधिक प्रकाशमान होगा; और चाहे अन्धेरा भी हो तौभी वह भोर सा हो जाएगा।
Job 11:18 और तुझे आशा होगी, इस कारण तू निर्भय रहेगा; और अपने चारों ओर देख देखकर तू निर्भय विश्राम कर सकेगा।
Job 11:19 और जब तू लेटेगा, तब कोई तुझे डराएगा नहीं; और बहुतेरे तुझे प्रसन्न करने का यत्न करेंगे।
Job 11:20 परन्तु दुष्ट लोगों की आंखें रह जाएंगी, और उन्हें कोई शरुण स्थान न मिलेगा और उनकी आशा यही होगी कि प्राण निकल जाए।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 20-21
  • प्रेरितों 10:24-48