एक
पत्रकार ने बॉब डिलन से 1984 में पूछा था, “क्या आप अभी भी शान्ति की आशा रखते हैं?” डिलन का उत्तर था, “कोई
शान्ति नहीं होने वाली है।” उनके इस उत्तर की बहुत आलोचना हुई, किन्तु इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि
शान्ति को हो पाना मायावी है।
प्रभु
यीशु मसीह के संसार में आने के लगभग 600 वर्ष पहले, बहुतेरे भविष्यद्वक्ता शान्ति की भविष्यवाणी कर रहे थे। परन्तु परमेश्वर
के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि उन भविष्यद्वक्ताओं में परमेश्वर के
भविष्यद्वक्ता सम्मिलित नहीं थे। यिर्मयाह ने लोगों को स्मरण दिलाया कि परमेश्वर
ने कहा है, “परन्तु मैं ने तो उन को यह आज्ञा दी कि मेरे वचन को मानो, तब मैं तुम्हारा परमेश्वर हूंगा, और तुम मेरी प्रजा ठहरोगे; और जिस मार्ग की मैं तुम्हें आज्ञा दूं उसी में
चलो, तब तुम्हारा भला होगा” (यिर्मयाह 7:23)। किन्तु फिर भी वो लोग बारंबार परमेश्वर और उसकी आज्ञाओं
की अवहेलना करते रहे। उन लोगों के झूठे भविष्यद्वक्ता उनसे “शान्ति, शान्ति” कहते रहे (8:11),
परन्तु यिर्मयाह ने विनाश की भविष्यवाणी की, और यरूशलेम 586 ई.पू. में नष्ट कर दिया गया।
शान्ति
दुर्लभ है। परन्तु यिर्मयाह द्वारा की गई भयानक भविष्यवाणियों के मध्य भी हम एक
ऐसे परमेश्वर को पाते हैं जो निरंतर प्रेम करता है। प्रभु परमेश्वर ने अपने बलवाई
लोगों से कहा, “यहोवा ने मुझे दूर
से दर्शन देकर कहा है। मैं तुझ से सदा प्रेम रखता आया हूँ; इस कारण मैं ने तुझ पर अपनी करुणा बनाए रखी है।
हे इस्राएली कुमारी कन्या! मैं तुझे फिर बसाऊंगा; वहां तू फिर सिंगार कर के डफ बजाने लगेगी, और आनन्द करने वालों के बीच में नाचती हुई निकलेगी” (यिर्मयाह 31:3-4)।
परमेश्वर
शान्ति और प्रेम का परमेश्वर है। संघर्ष और विरोध उसके प्रति हमारे विद्रोह के कारण
आता है। पाप हम सब के अन्दर की शान्ति को चुरा लेता है, और संसार की शान्ति को नाश कर देता है। प्रभु यीशु इस पृथ्वी पर हमारा
परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप करवाने आए थे तथा हमें वह भीतरी शान्ति देने आए थे।
प्रेरित पौलुस ने लिखा, “सो जब हम
विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने
प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें” (रोमियों
5:1)। उसके ये शब्द, लिखे गए सबसे आशापूर्ण शब्दों में से हैं।
हम
चाहे युद्ध-भूमि में रहते हों या सबसे शांत पड़ौस में जहाँ पर किसी लड़ाई की
फुसफुसाहट भी नहीं है, प्रभु यीशु हम
सभी को अपनी शान्ति देने के लिए आमंत्रित करता है। - टिम गुस्ताफसन
परमेश्वर हमें अपने आप से पृथक प्रसन्नता और शान्ति नहीं दे सकता है,
क्योंकि
वह है ही नहीं। - सी. एस. ल्युईस
मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूं, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:27
बाइबल पाठ: यिर्मयाह 8:8-15
यिर्मयाह 8:8 तुम क्योंकर कह
सकते हो कि हम बुद्धिमान हैं, और यहोवा
की दी हुई व्यवस्था हमारे साथ है? परन्तु
उनके शास्त्रियों ने उसका झूठा विवरण लिख कर उसको झूठ बना दिया है।
यिर्मयाह 8:9 बुद्धिमान लज्जित हो गए, वे विस्मित हुए और पकड़े गए; देखो, उन्होंने यहोवा के वचन को निकम्मा जाना है, उन में बुद्धि कहां रही?
यिर्मयाह 8:10 इस कारण मैं उनकी स्त्रियों को
दूसरे पुरुषों को और उनके खेत दूसरे अधिकारियों के वश में कर दूंगा, क्योंकि छोटे से ले कर बड़े तक वे सब के सब लालची
हैं; क्या भविष्यद्वक्ता क्या याजक, वे सब के छल से काम करते हैं।
यिर्मयाह 8:11 उन्होंने, “शान्ति है, शान्ति” ऐसा कह कहकर मेरी प्रजा के घाव को ऊपर ही ऊपर चंगा किया, परन्तु शान्ति कुछ भी नहीं है।
यिर्मयाह 8:12 क्या वे घृणित काम कर के लज्जित
हुए? नहीं,
वे कुछ भी लज्जित नहीं हुए, वे लज्जित होना जानते ही नहीं। इस कारण जब और लोग नीचे गिरें, तब वे भी गिरेंगे; जब उनके दण्ड का समय आएगा, तब
वे भी ठोकर खाकर गिरेंगे, यहोवा का यही
वचन है।
यिर्मयाह 8:13 यहोवा की यह भी वाणी है, मैं उन सभों का अन्त कर दूंगा। न तो उनकी दाखलताओं
में दाख पाई जाएंगी, और न अंजीर के वृक्षों
में अंजीर वरन उनके पत्ते भी सूख जाएंगे, और जो कुछ मैं ने उन्हें दिया है वह उनके पास से जाता रहेगा।
यिर्मयाह 8:14 हम क्यों चुप-चाप बैठे हैं? आओ, हम चलकर गढ़ वाले नगरों में इकट्ठे नाश हो जाएं; क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा हम को नाश करना चाहता है, और हमें विष पीने को दिया है; क्योंकि हम ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।
यिर्मयाह 8:15 हम शान्ति की बाट जोहते थे, परन्तु कुछ कल्याण नहीं मिला, और चंगाई की आशा करते थे, परन्तु घबराना ही पड़ा है।
एक साल में बाइबल:
- यिर्मयाह 6-8
- 1 तिमुथियुस 5