स्कूल में जाने वाले अनेक ऐसे छात्र-छात्राएं होते हैं जो किसी शारीरिक अथवा मानसिक विकलांगता से ग्रस्त होते हैं, और अन्य "स्वस्थ" छात्र-छात्राओं को उनके साथ संबंध बनाने और उन्हें समझने में कठिनाई होती है, इसलिए वे उनके साथ व्यवहार नहीं करते और कुछ तो उनकी परवाह भी नहीं करते। इसलिए ये विकलांग लोग अपने आप को अकेला और उपेक्षित अनुभव करते हैं, भीड़ भरे भोजन स्थलों पर भी अकेले ही बैठ कर खाते-पीते हैं। उनकी इस आवश्यकता को देखते और समझते हुए बारबर्रा पेलिलिस नामक एक महिला ने "मित्रों का समूह" नामक एक कार्यक्रम आरंभ किया है, जिसमें विकलांग छात्रों का स्वस्थ छात्रों के साथ जोड़ा बनाया जाता है और वे भोजन के लिए या सामाजिक कार्यों के लिए एकसाथ जाते हैं। इस प्रकार से मित्र बना कर दोनों ही प्रकार के लोगों को एक दूसरे को समझने और अपनी धारणाएं बदलने का अवसर मिलता है जो दोनों के लिए ही लाभप्रद रहता है।
मेल-मिलाप के साथ रहना प्रभु यीशु मसीह के सुसमाचार का एक अभिन्न अंग है; परमेश्वर ने भी प्रभु यीशु में होकर हम से हमारे पाप की दशा में मेल-मिलाप किया: "परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है)" (इफिसीयों 2:4-5)। मसीह यीशु में विश्वास लाने से "पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो" (इफिसीयों 2:13)।
अब मसीह यीशु में होकर हम परमेश्वर के घराने के गौरवान्वित सदस्य बन गए हैं (पद 19), इसलिए अब हम मसीही विश्वासियों को अपने आस-पास के उपेक्षित और अकेले लोगों को देखने की आँखें और उनकी सहायता करने के मन होने चाहिएं। यदि हम में से प्रत्येक एक उपेक्षित और अकेले जन की सहायता के लिए हाथ बढ़ाएगा, उनका मित्र बनेगा, तो समाज पर इसका कितना व्यापक प्रभाव पड़ेगा, मसीह यीशु की कितनी भली और महिमामय गवाही संसार के सामने जाएगी। - डेविड मैक्कैसलैंड
मित्रता का हाथ बढ़ाकर अकेलों को प्रोत्साहित और कमज़ोरों को सबल करने वाले बन जाएं।
और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। - 2 कुरिन्थियों 5:18
बाइबल पाठ: इफिसीयों 2:1-13
Ephesians 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Ephesians 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Ephesians 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
Ephesians 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया।
Ephesians 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
Ephesians 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Ephesians 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Ephesians 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Ephesians 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
Ephesians 2:11 इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)।
Ephesians 2:12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे।
Ephesians 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।
एक साल में बाइबल:
- भजन 52-54