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शनिवार, 14 जनवरी 2017

योग्य तथा लाभदायक


   हमारे 9 वर्षीय पुत्र रॉबर्ट ने अपनी पेन्सिल फेंकते हुए निराशा के साथ कहा, "मैं यह नहीं कर सकता; यह बहुत कठिन है!" रॉबर्ट को डिस्लेक्सिया है, जिसके कारण अक्षरों का ज्ञान, अर्थात उन्हें पढ़ना, लिखना और समझना बहुत कठिन हो जाता है; और रॉबर्ट प्रयास करते-करते निराश हो चुका था। उसकी इस निराशा एवं परेशानी का एक समाधान निकाला गया, परन्तु वह कठिन था; उसके साथ हमें भी प्रतिदिन संध्या को, बिना किसी भी अपवाद के, 20 मिनिट तक पढ़ना और अक्षरों की वर्तनी का अभ्यास करना होगा। कभी-कभी हमारा मन भी यह करने को कदापि तैयार नहीं होता था, और कभी उसकी धीमी प्रगति के कारण हमें भी निराशा होती थी। परन्तु हम रॉबर्ट को उसकी शारीरिक आयु के अनुसार पढ़ने-लिखने वाला बनाने के लिए दृढ़-संकल्प थे, इसलिए हमारे प्रयास ज़ारी रहे।

   हमारे इन प्रयासों के 2  1/2 वर्ष के पश्चात, सारे संघर्ष और आँसु योग्य और लाभप्रद लगने लगे - रॉबर्ट ने पढ़ना, लिखना और वर्तनी, तथा हमने धैर्य रख कर प्रयास करते रहना सीख लिया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र - प्रेरित पौलुस को परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह में पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार के प्रचार के लिए नियुक्त किया था, उन लोगों के बीच में जिन्होंने कभी यह नहीं सुना था; और ऐसा करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के प्रयासों में पौलुस को हर प्रकार की कठिनाई एवं परेशानी सहनी पड़ी। ऐसा करते हुए उसे सताया गया, मारा-पीटा गया, बन्दी बनाया गया, गलत समझा गया और उसे मृत्यु के जोखिम भी उठाने पड़े (2 कुरिन्थियों 11:23-27)। लेकिन सुसमाचार सुनने तथा उसपर विश्वास करने और मानने से लोगों के जीवनों में आने वाले परिवर्तन तथा आनन्द को देखना उस के लिए उन सभी विपरीत परिस्थितियों को योग्य बना देता था।

   यदि आज आपको लगता है कि परमेश्वर ने आपको जिस कार्य के लिए बुलाया है वह बहुत कठिन है, तो स्मरण रखिए कि इस कठिन और असंभव प्रतीत होने वाली यात्रा में अद्भुत आनन्द और बहुमूल्य आत्मिक पाठ छुपे हुए हैं, जो आपको अभी चाहे ना दिखाई पड़ें, परन्तु जैसे जैसे आप अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे, परमेश्वर उन्हें आपको दिखाता और देता जाएगा; और वह आनन्द तथा संबंधित पाठ इस सब को योग्य तथा लाभदायक बना देंगे। - मेरियन स्ट्राउड


केवल लक्ष्य ही नहीं, वरन उसका मार्ग भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है। मैं अच्छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं। - 2 तिमुथियुस 4:6-8

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 11:22-33
2 Corinthians 11:22 क्या वे ही इब्रानी हैं? मैं भी हूं: क्या वे ही इस्त्राएली हैं? मैं भी हूँ: क्या वे ही इब्राहीम के वंश के हैं ?मैं भी हूं: क्या वे ही मसीह के सेवक हैं? 
2 Corinthians 11:23 (मैं पागल की नाईं कहता हूं) मैं उन से बढ़कर हूं! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में। 
2 Corinthians 11:24 पांच बार मैं ने यहूदियों के हाथ से उन्‍तालीस उन्‍तालीस कोड़े खाए। 
2 Corinthians 11:25 तीन बार मैं ने बेंतें खाईं; एक बार पत्थरवाह किया गया; तीन बार जहाज जिन पर मैं चढ़ा था, टूट गए; एक रात दिन मैं ने समुद्र में काटा। 
2 Corinthians 11:26 मैं बार बार यात्राओं में; नदियों के जोखिमों में; डाकुओं के जोखिमों में; अपने जाति वालों से जोखिमों में; अन्यजातियों से जोखिमों में; नगरों में के जोखिमों में; जंगल के जोखिमों में; समुद्र के जोखिमों में; झूठे भाइयों के बीच जोखिमों में; 
2 Corinthians 11:27 परिश्रम और कष्‍ट में; बार बार जागते रहने में; भूख-प्यास में; बार बार उपवास करने में; जाड़े में; उघाड़े रहने में। 
2 Corinthians 11:28 और और बातों को छोड़कर जिन का वर्णन मैं नहीं करता सब कलीसियाओं की चिन्‍ता प्रति दिन मुझे दबाती है। 
2 Corinthians 11:29 किस की निर्बलता से मैं निर्बल नहीं होता? किस के ठोकर खाने से मेरा जी नहीं दुखता? 
2 Corinthians 11:30 यदि घमण्ड करना अवश्य है, तो मैं अपनी निर्बलता की बातों पर करूंगा। 
2 Corinthians 11:31 प्रभु यीशु का परमेश्वर और पिता जो सदा धन्य है, जानता है, कि मैं झूठ नहीं बोलता। 
2 Corinthians 11:32 दमिश्क में अरितास राजा की ओर से जो हाकिम था, उसने मेरे पकड़ने को दमिश्कियों के नगर पर पहरा बैठा रखा था। 
2 Corinthians 11:33 और मैं टोकरे में खिड़की से हो कर भीत पर से उतारा गया, और उसके हाथ से बच निकला।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 33-35
  • मत्ती 10:1-20