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सोमवार, 27 अक्टूबर 2014

टाईटैनिक


   मार्क विलकिन्सन ने नौका विहार और मछली मारने के अपने शौक के लिए 16 फुट लंबी एक नाव खरीदी, और उसका नाम रखा टाईटैनिक-2; शायद वह अन्धविश्वासी नहीं था तभी उसने उस कुख्यात विशाल पानी के जहाज़ के नाम पर, जो 1912 में अपनी पहली ही यात्रा में एक बर्फ की चट्टान से टकराकर डूब गया था, अपनी नाव का नाम रखा। टाईटैनिक-2 की प्रथम यात्रा इंगलैण्ड के डौरसैट इलाके के एक बन्दरगाह से आरंभ हुई और गन्तव्य तक पहुँचने में मार्क विलकिन्सन को कोई परेशानी नहीं हुई; लेकिन वापस लौटते हुए नाव में पानी भरने लगा और कुछ ही देर में मार्क विलकिन्सन डूबती हुई नाव के एक किनारे को पकड़े हुए पानी में पड़ा अपने बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहा था। बाद में इस घटना के विषय में मार्क ने कहा, "यह कुछ शर्मिन्दगी की बात रही है, और मैं परेशान हो गया लोगों के इस प्रश्न का उत्तर देते देते कि क्या मेरी नाव भी किसी बर्फ की चट्टान से टकरा गई थी।" बाद में मार्क के लिए शर्मिन्दगी और बढ़ गई जब एक प्रत्यक्षदर्षी ने व्यंग्य किया कि टाईटैनिक-2 नामक वह नाव कोई बड़ी नाव नहीं थी, यदि वह किसी बर्फ के छोटे से टुकड़े से भी टकरा जाती तो भी उसका यही हाल होता।

   टाईटैनिक-2 की यह कहानी व्यंग्यात्मक अवश्य है, और मुझे अनुपयुक्त भरोसे तथा पहले टाईटैनिक के बारे में सोचने पर बाध्य करती है। पहले टाईटैनिक के बनानेवालों को अपने कार्य पर इतना भरोसा और घमण्ड था कि उन्होंने टाईटैनिक को ऐसा पानी का जहाज़ कहा था जो कभी डुबाया नहीं जा सकता। लेकिन अपने कार्यों पर उनका यह विश्वास और घमण्ड कितना गलत प्रमाणित हुआ, बर्फ की एक चट्टान ने उस जहाज़ और उनके दावों को डुबो दिया, टाईटैनिक अपनी पहली यात्रा भी पूरी नहीं कर पाया। परमेश्वर के वचन बाइबल में यिर्मयाह नबी के द्वारा परमेश्वर ने कहा है, "यहोवा यों कहता है, श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है" (यिर्मयाह 17:5)।

   हम सब की स्वाभाविक प्रतिक्रीया है कि जब कोई परीक्षा या परेशानी आए तो अन्य मनुष्यों या सांसारिक वस्तुओं की ओर नज़रें उठाएं और उन पर भरोसा करें। लेकिन परमेश्वर हमें बार बार स्मरण दिलाता है कि हम नश्वर संसार की नश्वर वस्तुओं अथवा नशवर अविश्वसनीय मनुष्य पर नहीं परन्तु केवल उस पर भरोसा रखें, उसकी ओर मुडें और उसमें स्थिर रहें। क्या आज आप संसार की किसी वस्तु, कार्य या सामर्थ पर भरोसा रख कर तो नहीं चल रहे हैं? यदि आपका विश्वास और समर्पण सृष्टिकर्ता प्रभु यीशु पर नहीं है तो टाईटैनिक के उदाहरण को स्मरण रखिए। - डेनिस फिशर


जो अपना भरोसा परमेश्वर पर बनाए रखते हैं वे कभी निराश नहीं होंगे।

परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर; और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा। - भजन 50:14-15

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 17:5-10
Jeremiah 17:5 यहोवा यों कहता है, श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है। 
Jeremiah 17:6 वह निर्जल देश के अधमूए पेड़ के समान होगा और कभी भलाई न देखेगा। वह निर्जल और निर्जन तथा लोनछाई भूमि पर बसेगा। 
Jeremiah 17:7 धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है, जिसने परमेश्वर को अपना आधार माना हो। 
Jeremiah 17:8 वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के तीर पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब घाम होगा तब उसको न लगेगा, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा। 
Jeremiah 17:9 मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है? 
Jeremiah 17:10 मैं यहोवा मन की खोजता और हृदय को जांचता हूँ ताकि प्रत्येक जन को उसकी चाल-चलन के अनुसार अर्थात उसके कामों का फल दूं।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 4-6