जब मैं कॉलेज में था तो मेरा सहकर्मी बड अपनी तीक्षण बुद्धिमता की बातों द्वारा अकसर मेरे जीवन को नई रौशनी से रौशन करता रहता था। एक दिन हम एक साथ बैठे भोजन कर रहे थे और मैंने बड से कहा कि मैं एक दूसरे कॉलेज में दाखिला ले रहा हूँ।
उसने पूछा, "क्यों?"
मैंने उत्तर दिया, "क्योंकि मेरे सारे दोस्त ऐसा ही कर रहे हैं।"
वह कुछ देर अपने भोजन को चबाता रहा, फिर दबी आवाज़ में व्यंग्य के साथ बोला, "शायद कॉलेज चुनने का यही सही तरीका है।"
उसके शब्द मेरे मन में गड़ गए। मैंने सोचा, " हो सकता है, लेकिन क्या कॉलेज चुनने का यही एक तरीका है? क्या मैं अपनी सारी उम्र अपने मित्रों का अनुसरण करता रहूंगा, या मसीह यीशु का अनुसरण करूंगा? क्या मैं प्रभु यीशु के दर्शन और उसकी इच्छा का खोजी होकर वहां जाऊंगा जहां वह मुझे भेजना चाहता है?"
नए नियम में प्रभु यीशु ने पच्चीस बार अपने चेलों से कहा कि वे उसका अनुसरण करें। मरकुस ८:३४ में यीशु ने कहा, "...जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपने आपे से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर, मेरे पीछे हो ले।" और लोग चाहे जो भी करें, या उनके जीवन चाहे किसी भी दिशा में जाएं, हमें वही करना है जो प्रभु हम से करने को कहता है।
इस संदर्भ में एक पुराने गीत की पंक्ति स्मरण आती है, "मेरा प्रभु जंगल से होकर निकलने का मार्ग जानता है; मुझे केवल उसका अनुसरण करना है।" - डेविड रोपर
यदि कोई मेरी सेवा करना चाहे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा। - यूहन्ना १२:२६
बाइबल पाठ: मरकुस ८:३४-३८
उस ने भीड़ को अपने चेलों समेत पास बुलाकर उन से कहा, जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपने आपे से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर, मेरे पीछे हो ले।
क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, पर जो कोई मेरे और सुसमाचार के लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे बचाएगा।
यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपके प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा?
और मनुष्य अपके प्राण के बदले क्या देगा?
जो कोई इस व्यभिचारी और पापी जाति के बीच मुझ से और मेरी बातों से लजाएगा, मनुष्य का पुत्र भी जब वह पवित्र दूतों के साथ अपने पिता की महिमा सहित आएगा, तब उस से भी लजाएगा।
एक साल में बाइबल:
उसने पूछा, "क्यों?"
मैंने उत्तर दिया, "क्योंकि मेरे सारे दोस्त ऐसा ही कर रहे हैं।"
वह कुछ देर अपने भोजन को चबाता रहा, फिर दबी आवाज़ में व्यंग्य के साथ बोला, "शायद कॉलेज चुनने का यही सही तरीका है।"
उसके शब्द मेरे मन में गड़ गए। मैंने सोचा, " हो सकता है, लेकिन क्या कॉलेज चुनने का यही एक तरीका है? क्या मैं अपनी सारी उम्र अपने मित्रों का अनुसरण करता रहूंगा, या मसीह यीशु का अनुसरण करूंगा? क्या मैं प्रभु यीशु के दर्शन और उसकी इच्छा का खोजी होकर वहां जाऊंगा जहां वह मुझे भेजना चाहता है?"
नए नियम में प्रभु यीशु ने पच्चीस बार अपने चेलों से कहा कि वे उसका अनुसरण करें। मरकुस ८:३४ में यीशु ने कहा, "...जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपने आपे से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर, मेरे पीछे हो ले।" और लोग चाहे जो भी करें, या उनके जीवन चाहे किसी भी दिशा में जाएं, हमें वही करना है जो प्रभु हम से करने को कहता है।
इस संदर्भ में एक पुराने गीत की पंक्ति स्मरण आती है, "मेरा प्रभु जंगल से होकर निकलने का मार्ग जानता है; मुझे केवल उसका अनुसरण करना है।" - डेविड रोपर
जीवन में सही मार्ग पाने के लिये, प्रभु यीशु का अनुसरण करें।
यदि कोई मेरी सेवा करना चाहे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा। - यूहन्ना १२:२६
बाइबल पाठ: मरकुस ८:३४-३८
उस ने भीड़ को अपने चेलों समेत पास बुलाकर उन से कहा, जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपने आपे से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर, मेरे पीछे हो ले।
क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, पर जो कोई मेरे और सुसमाचार के लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे बचाएगा।
यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपके प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा?
और मनुष्य अपके प्राण के बदले क्या देगा?
जो कोई इस व्यभिचारी और पापी जाति के बीच मुझ से और मेरी बातों से लजाएगा, मनुष्य का पुत्र भी जब वह पवित्र दूतों के साथ अपने पिता की महिमा सहित आएगा, तब उस से भी लजाएगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन ७२, ७३
- रोमियों ९:१-१५