ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 30 दिसंबर 2019

कार्य



      वर्ष के अंत में, अपूर्ण कार्यों का बोझ हमें व्यथित कर सकता है। घर के अन्दर की और बाहर की जिम्मेदारियों का कोई अंत दिखता प्रतीत नहीं होता है, और आज के अपूर्ण कार्य कल में चले जाते हैं। परन्तु मसीही विश्वास की हमारी यात्रा में ऐसे समय आते हैं जब हमें थोड़ा थम कर पूर्ण हो चुके कार्यों के लिए तथा हमारे साथ उसकी सदा बनी रही विश्वासयोग्यता के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस और बरनबास अपनी पहली प्रचार यात्रा के अंत में, “वहां से जहाज से अन्‍ताकिया में आए, जहां से वे उस काम के लिये जो उन्होंने पूरा किया था परमेश्वर के अनुग्रह पर सौंपे गए थे” (प्रेरितों 14:26)। यद्यपि प्रभु यीशु के सुसमाचार का अन्य लोगों के साथ बाँटने का बहुत सा कार्य अभी शेष था, फिर भी उन्होंने जितना कार्य हो गया था उसके लिए परमेश्वर का धन्यवाद दिया, सारे चर्च के साथ मिलकर, “वहां पहुंचकर, उन्होंने कलीसिया इकट्ठी की और बताया, कि परमेश्वर ने हमारे साथ हो कर कैसे बड़े बड़े काम किए! और अन्यजातियों के लिये विश्वास का द्वार खोल दिया” (पद 27)।

      परमेश्वर ने आप में होकर इस बीते वर्ष में क्या कुछ किया है? आपके किसी प्रिय जन के लिए परमेश्वर ने कैसे विश्वास के द्वार को खोला? हम जिनके बारे में सोच भी नहीं कर सकते हैं ऐसे तरीकों से परमेश्वर ने हम में होकर कार्य किए हैं, चाहे हमें वे कार्य महत्वहीन या अपूर्ण प्रतीत होते हों।

      जब हम प्रभु की सेवकाई में अपने अपूर्ण कार्यों को लेकर क्षुब्ध होते हैं, तो हम उन बातों के लिए धन्यवादी होना न भूलें जो प्रभु परमेश्वर ने हम में होकर की हैं। अपने अनुग्रह में होकर जो परमेश्वर ने हमारे लिए और हम में होकर किया है, वह उस आने वाले कार्य के लिए जो वह हम में तथा हमारे द्वारा करने जा रहा है, तैयारी करवाता है। - डेविड मैक्कैसलैंड

परमेश्वर सदा कार्यरत रहता है – हम में भी और हमारे द्वारा भी।

परमेश्वर तो प्राचीन काल से मेरा राजा है, वह पृथ्वी पर उद्धार के काम करता आया है। - भजन 74:12

बाइबल पाठ: प्रेरितों 14:21-18
Acts 14:21 और वे उस नगर के लोगों को सुसमाचार सुनाकर, और बहुत से चेले बनाकर, लुस्‍त्रा और इकुनियम और अन्‍ताकिया को लौट आए।
Acts 14:22 और चेलों के मन को स्थिर करते रहे और यह उपदेश देते थे, कि हमें बड़े क्‍लेश उठा कर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।
Acts 14:23 और उन्होंने हर एक कलीसिया में उन के लिये प्राचीन ठहराए, और उपवास सहित प्रार्थना कर के, उन्हें प्रभु के हाथ सौंपा जिस पर उन्होंने विश्वास किया था।
Acts 14:24 और पिसिदिया से होते हुए वे पंफूलिया में पहुंचे;
Acts 14:25 और पिरगा में वचन सुनाकर अत्तलिया में आए।
Acts 14:26 और वहां से जहाज से अन्‍ताकिया में आए, जहां से वे उस काम के लिये जो उन्होंने पूरा किया था परमेश्वर के अनुग्रह पर सौंपे गए थे।
Acts 14:27 वहां पहुंचकर, उन्होंने कलीसिया इकट्ठी की और बताया, कि परमेश्वर ने हमारे साथ हो कर कैसे बड़े बड़े काम किए! और अन्यजातियों के लिये विश्वास का द्वार खोल दिया।
Acts 14:28 और वे चेलों के साथ बहुत दिन तक रहे।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 13-14
  • प्रकाशितवाक्य 21