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रविवार, 15 दिसंबर 2019

आशा



      सन 2017 में ‘स्टार वार्स’ फिल्म श्रंखला के चाहने वाले उत्सुकता के साथ उसके आठवीं कड़ी, ‘द लास्ट जेड्डाई’ के ज़ारी किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे। आलोचकों ने 1977 से चली आ रही इस फिल्म श्रंखला की अद्भुत सफलता का विश्लेषण किया। सी.एन.एन. मनि के लिए मीडिया रिपोर्टर फ्रैंक पलोटा ने कहा कि ‘स्टार वार्स’ उन सब के साथ संपर्क साधती है जो “एक नई आशा और अच्छाई के एक बल की इच्छा रखते हैं, इस ऐसे समय में जब संसार को नायकों की आवश्यकता है।”

      प्रभु यीशु मसीह के जन्म के समय, इस्राएल के लोग शोषित थे तथा सताव झेल रहे थे, और अपने लंबे समय से प्रतिज्ञा किए हुए मसीहा की प्रतीक्षा कर रहे थे। बहुतेरों की आशा थी कि एक नायक आएगा जो उन्हें रोमी अत्याचार से छुड़ाएगा; परन्तु प्रभु यीशु किसी सैन्य अथवा राजनितिक नायक के रूप में नहीं आए। वरन उन्होंने एक शिशु के रूप में बैत्लेहम में जन्म लिया। इस कारण से बहुतेरों ने उनके सच्चे स्वरूप को नहीं पहचाना। परमेश्वर के वचन बाइबल में, प्रेरित यूहन्ना ने उनके लिए लिखा, “वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया” (यूहन्ना 1:11)।

      नायक से भी बढ़कर, प्रभु यीशु हमारे मुक्तिदाता बनाकर आए थे। उनका जन्म परमेश्वर की ज्योति को पाप के अन्धकार से भरे संसार में पहुंचाने के लिए, तथा अपने प्राण बलिदान देने के लिए हुआ था, जिससे जो कोई भी उनपर विश्वास लाए, वह पापों से क्षमा और अनन्त जीवन पाए, तथा पापों के दुष्प्रभाव से मुक्त हो जाए। यूहन्ना ने उन्हें “और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा” (पद 14) कहा। निःसंदेह, प्रभु यीशु मसीह ही वह एकमात्र सच्ची आशा हैं, जिसकी संसार को आवश्यकता है। - डेविड मैक्कैसलैंड

बैतलहम में परमेश्वर ने दिखाया कि प्रेम का अर्थ है देना।

परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए। जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उसने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया। - यूहन्ना 3:17-18

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:1-5, 9-14
John 1:1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
John 1:2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था।
John 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई।
John 1:4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी।
John 1:5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया।
John 1:9 सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी।
John 1:10 वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना।
John 1:11 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया।
John 1:12 परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।
John 1:13 वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं।
John 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 6