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सोमवार, 2 अगस्त 2021

परमेश्वर का वचन – बाइबल – रूपरेखा – 1

 

          शब्द बाइबल यूनानी भाषा के शब्द ‘ता बिबलिआ’ (ta biblia) से आया है। बिबलिआ शब्द का अर्थ होता है “पुस्तकें”। बाइबल अपने मूल स्वरूप में 66 पुस्तकों का संकलन है। ये 66 पुस्तकें, अलग-अलग समयों में, अलग-अलग लेखकों द्वारा, भिन्न स्थानों, भिन्न भाषाओं, और भिन्न परिस्थितियों में लिखी गईं; किन्तु संकलित हो जाने के बाद, ये अब आरंभ से लेकर अंत तक एक पुस्तक हैं। बाइबल की पुस्तकों को मुख्यतः दो भागों में रखा गया है – पुराना नियम (39 पुस्तकें) तथा नया नियम (27 पुस्तकें)। पुराने नियम का आरंभ उत्पत्ति की पुस्तक से, परमेश्वर द्वारा जगत की सृष्टि, मनुष्य की सृष्टि, मनुष्य के पाप में गिरने के वर्णन, और मनुष्यों को पाप से छुड़ाने के लिए आने वाले उद्धारकर्ता की प्रतिज्ञा के साथ होता है। और नए नियम की अंतिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य, जगत के अंत और समस्त संसार के न्याय की भविष्यवाणी की पुस्तक है, जो संसार के सभी लोगों के द्वारा परमेश्वर को अपने जीवनों का हिसाब देने, और उनका दंड अथवा प्रतिफल पाने, पाप तथा मृत्यु से मुक्त नई सृष्टि और परमेश्वर के अनन्तकालीन राज्य के बारे में बताती है। इस प्रकार, बाइबल वर्तमान जगत के आरंभ से लेकर इस जगत के अंत तक का विवरण देती है; और फिर परमेश्वर के साथ अनन्त काल के आरंभ की प्रतिज्ञा तथा उस अनन्त काल की एक झलक के साथ समाप्त होती है।

          पुराना नियम प्रभु यीशु मसीह के जन्म से पहले लिखी गई 39 पुस्तकों का, जो परमेश्वर द्वारा यहूदियों को दिया गया परमेश्वर का वचन भी हैं, संकलन है। सम्पूर्ण पुराने नियम के सभी वृतांतों का मूल विषय, जगत का आने वाले उद्धारकर्ता, प्रभु यीशु मसीह है। पुराने नियम की सभी पुस्तकें प्रभु यीशु मसीह के बारे में आलंकारिक अथवा सांकेतिक रीति से, या भविष्यवाणियों के द्वारा बताती हैं। इन पुस्तकों में प्रभु यीशु मसीह की विभिन्न बातों को, उन से संबंधित भविष्यवाणियों को, उनके गुणों, उनके कार्यों, सारे जगत के सभी लोगों के उद्धार के लिए उनके बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान को, पहले से ही बता कर लिख दिया गया है: “तब मैं ने कहा, देख, मैं आ गया हूं, (पवित्र शास्त्र में मेरे विषय में लिखा हुआ है) ताकि हे परमेश्वर तेरी इच्छा पूरी करूं” (इब्रानियों 10:7)।

          इसीलिए प्रभु यीशु मसीह ने उनके मारे जाने, गाड़े जाने और फिर मृतकों में से जी उठने के बाद की घटनाओं के कारण असमंजस और अविश्वास में डांवांडोल हो रहे अपने शिष्यों से कहा, “तब उसने उन से कहा; हे निर्बुद्धियों, और भविष्यद्वक्ताओं की सब बातों पर विश्वास करने में मन्‍दमतियों! क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुख उठा कर अपनी महिमा में प्रवेश करे? तब उसने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ कर के सारे पवित्र शास्त्रों में से, अपने विषय में की बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया” (लूका 24:25-27); तथा “फिर उसने उन से कहा, ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए, तुम से कही थीं, कि अवश्य है, कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और भजनों की पुस्तकों में, मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों। तब उसने पवित्र शास्त्र बूझने के लिये उन की समझ खोल दी। और उन से कहा, यों लिखा है; कि मसीह दु:ख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा। और यरूशलेम से ले कर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा” (लूका 24:44-47)।

          नया नियम प्रभु यीशु मसीह के जन्म के वर्णन के साथ आरंभ होता है। नए नियम की आरंभिक 4 पुस्तकें प्रभु यीशु मसीह की जीवनी हैं, और अंतिम पुस्तक इस वर्तमान जगत के अंत और न्याय की भविष्यवाणी की पुस्तक, प्रकाशितवाक्य है। इनके मध्य प्रभु यीशु मसीह के अनुयायियों की मंडली बनने, संसार भर में फैलाने, और उससे संबंधित मसीही विश्वास की शिक्षाएं हैं।

          पुराने नियम की अंतिम पुस्तक “मलाकी” है; और नए नियम की प्रथम पुस्तक “मत्ती रचित सुसमाचार” है। मलाकी और मत्ती के मध्य 400 वर्ष का अंतराल है जिसमें परमेश्वर ने कोई प्रकाशन नहीं दिया, कोई बात नहीं लिखवाई। अर्थात, प्रभु यीशु मसीह से संबंधित पुराने नियम की हर शिक्षा और भविष्यवाणी, उनके जन्म से भी कम से कम 400 वर्ष या उससे अधिक पहले की है!

 

 

          प्रार्थना करें कि परमेश्वर अपने अद्भुत वचन के लिए आपके मन को तैयार करे, और आप पर अपने वचन को प्रकट करे।

 

बाइबल पाठ: भजन 1

भजन 1:1 क्या ही धन्य है वह पुरुष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है!

भजन 1:2 परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है।

भजन 1:3 वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है।

भजन 1:4 दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है।

भजन 1:5 इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे;

भजन 1:6 क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 60-62
  • रोमियों 5