मैं स्विमिंग पूल के पास खड़ी थी; मैंने
तैराकी प्रशिक्षक को एक प्रशिक्षणार्थी को, जो बहुत देर से पानी में था और थका हुआ
सा लग रहा था, एक निर्देश देते हुए सुना। उसने कहा, “लगता है कि तुम थकने लगे हो।
जब बिलकुल थक जाओ, और गहरे पानी में हो, तो तैरने की जीवन-रक्षा शैली का अभ्यास
करना।”
जीवन की कुछ परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं
जिनमें हमें अपनी मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक सामार्थ्य इतनी व्यय करनी पड़ जाती
है कि हम अपने आपको संभाले नहीं रख पाते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद ने
अपने जीवन के एक ऐसे समय के बारे में लिखा जब उसके शत्रु उसपर हावी होने के प्रयास
कर रहे थे और वह उनके क्रोध के भावनात्मक दबाव को अनुभव कर पा रहा था। जिस कष्ट से
होकर वह निकल रहा था, उसे उससे से बच निकलने की आवश्यकता थी।
उसने अपनी भावनाओं का विश्लेषण किया, और
अपनी कठिनाई के इस समय से उसे बचने का मार्ग दिखाई दिया। उस ने अपने इस अनुभव के
आधार पर कहा, “अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा” (भजन 55:22)। उसने पहचाना कि यदि हम अपनी
परेशानियां प्रभु पर छोड़ दें, तो उनके निवारण में परमेश्वर हमारी सहायता करता है।
हमें अपने जीवन की प्रत्येक परिस्थिति का नियंत्राण अपने ही हाथों में रखकर, स्वयं
ही उसके निवारण का प्रयास नहीं करना चाहिए – इससे थकान ही उत्पन्न होती है।
क्योंकि परमेश्वर हमारे जीवन की हर बात पर नियंत्रण रखता है, इसलिए, हमें हर बात
उस ही के हाथों में छोड़ देनी चाहिए।
हर बात, हर कार्य को अपने ही प्रयास द्वारा
करने का प्रयास करने के स्थान पर, हम प्रभु परमेश्वर में विश्राम पा सकते हैं; वह
हमें इस विश्राम के लिए आमंत्रित भी करता है (मत्ती 11:28)। बस हम अपनी हर बात को
उसके सक्षम हाथों में समर्पित कर के, थका देने वाले अपने प्रयासों से थम जाएँ, उसमें
पूर्ण भरोसे के साथ विश्राम करें, और इस बात का आनन्द लें कि वह हमें संभाले हुए
है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
प्रभु
परमेश्वर सुरक्षित विश्राम-स्थान है।
प्रभु यीशु
ने कहा: “हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।” (मत्ती 11:28)
बाइबल पाठ:
भजन 55:4-23
Psalms 55:4 मेरा मन भीतर ही भीतर संकट में है, और मृत्यु
का भय मुझ में समा गया है।
Psalms 55:5 भय और कंपकपी ने मुझे पकड़ लिया है, और भय के
कारण मेरे रोंए रोंए खड़े हो गए हैं।
Psalms 55:6 और मैं ने कहा, भला होता कि मेरे कबूतर के से
पंख होते तो मैं उड़ जाता और विश्राम पाता!
Psalms 55:7 देखो, फिर तो मैं उड़ते उड़ते दूर निकल जाता और
जंगल में बसेरा लेता,
Psalms 55:8 मैं प्रचण्ड बयार और आन्धी के झोंके से बचकर किसी शरण स्थान में भाग
जाता।
Psalms 55:9 हे प्रभु, उन को सत्यानाश कर, और उनकी भाषा में गड़बड़ी डाल दे; क्योंकि मैं ने
नगर में उपद्रव और झगड़ा देखा है।
Psalms 55:10 रात दिन वे उसकी शहरपनाह पर चढ़कर चारों ओर घूमते हैं; और उसके भीतर दुष्टता और उत्पात होता है।
Psalms 55:11 उसके भीतर दुष्टता ने बसेरा डाला है; और
अन्धेर, अत्याचार और छल उसके चौक से दूर नहीं होते।
Psalms 55:12 जो मेरी नामधराई करता है वह शत्रु नहीं था, नहीं
तो मैं उसको सह लेता; जो मेरे विरुद्ध बड़ाई मारता है वह
मेरा बैरी नहीं है, नहीं तो मैं उस से छिप जाता।
Psalms 55:13 परन्तु वह तो तू ही था जो मेरी बराबरी का मनुष्य मेरा परममित्र और
मेरी जान पहचान का था।
Psalms 55:14 हम दोनों आपस में कैसी मीठी मीठी बातें करते थे; हम भीड़ के साथ परमेश्वर के भवन को जाते थे।
Psalms 55:15 उन को मृत्यु अचानक आ दबाए; वे जीवित ही
अधोलोक में उतर जाएं; क्योंकि उनके घर और मन दोनों में
बुराइयां और उत्पात भरा है।
Psalms 55:16 परन्तु मैं तो परमेश्वर को पुकारूंगा; और
यहोवा मुझे बचा लेगा।
Psalms 55:17 सांझ को, भोर को, दोपहर
को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा
शब्द सुन लेगा।
Psalms 55:18 जो लड़ाई मेरे विरुद्ध मची थी उस से उसने मुझे कुशल के साथ बचा लिया
है। उन्होंने तो बहुतों को संग ले कर मेरा साम्हना किया था।
Psalms 55:19 ईश्वर जो आदि से विराजमान है यह सुनकर उन को उत्तर देगा। ये वे हैं
जिन में कोई परिवर्तन नहीं और उन में परमेश्वर का भय है ही नहीं।
Psalms 55:20 उसने अपने मेल रखने वालों पर भी हाथ छोड़ा है, उसने अपनी वाचा को तोड़ दिया है।
Psalms 55:21 उसके मुंह की बातें तो मक्खन सी चिकनी थी परन्तु उसके मन में लड़ाई
की बातें थीं; उसके वचन तेल से अधिक नरम तो थे परन्तु नंगी
तलवारें थीं।
Psalms 55:22 अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह
धर्मी को कभी टलने न देगा।
Psalms 55:23 परन्तु हे परमेश्वर, तू उन लोगों को विनाश के
गड़हे में गिरा देगा; हत्यारे और छली मनुष्य अपनी आधी आयु तक
भी जीवित न रहेंगे। परन्तु मैं तुझ पर भरोसा रखे रहूंगा।
एक
साल में बाइबल:
- नीतिवचन 27-29
- 2 कुरिन्थियों 10