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सोमवार, 26 अप्रैल 2021

दृष्टि

 

          प्रति प्रातः, मैं अपने घर के अन्दर बैठक की खिड़की के पास से, खिड़की के बाहर का मनोरम दृश्य देखते हुए निकलती हूँ – उस खिड़की से बाहर हमारे घर के पीछे के जंगल का विशाल क्षेत्र दिखाई पड़ता है, और घर के पास के पेड़ों पर बैठे विभिन्न पक्षी भी दिखाई दे जाते हैं जो मानो उस क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे होते हैं। एक दिन मुझे देख कर अचंभा हुआ कि एक दुर्लभ प्रजाति की चील – बाल्ड ईगल, एक पेड़ की ऊँची शाखा पर बैठी हुई, सारे क्षेत्र पर इस प्रकार चारों ओर दृष्टि दौड़ा रही थी, मानो यह उसका अपना इलाका हो; उसके हाव-भाव और देखने का तरीका राजसी प्रतीत हो रहा था। वह शिकारी पक्षी संभवतः किसी शिकार की तलाश में था।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में, 2 इतिहास 16 अध्याय में परमेश्वर के नबी, हनानी, ने एक राजा को परमेश्वर का यह सन्देश दिया कि उसके सभी कार्यों पर परमेश्वर की दृष्टि बनी हुई है। उसने यहूदा के राजा, आसा से कहा,... तू ने जो अपने परमेश्वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है” (पद 7)। फिर हनानी ने इसका स्पष्टीकरण देते हुए कहा,देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ्य दिखाए ...” (पद 9)। क्योंकि आसा ने गलत जन पर भरोसा किया था, परमेश्वर पर नहीं वरन मनुष्य की सहायता पर भरोसा रखा था, इसलिए परिणाम निरन्तर युद्ध करते रहना होगा।

          इन शब्दों को पढ़ने से हम यह गलत अभिप्राय निकाल सकते हैं कि परमेश्वर हम पर इसलिए दृष्टि बना कर रखता है कि हम गलती करें और वह शिकारी पक्षी के समान हम पर टूट पड़े। इन शब्दों का यह तात्पर्य नहीं है, वरन हनानी का कहना सकारात्मक दृष्टिकोण से था, कि परमेश्वर निरन्तर दृष्टि बनाए रखता और प्रतीक्षा में रहता है कि हम कब सहायता के लिए उसे पुकारें और वह आगे आकर हमारी सहायता करे।

          जैसे वह चील मेरे घर के पीछे, ऊँचे पर बैठी, नीचे की सारी गतिविधियों पर दृष्टि बनाए हुए थी, परमेश्वर की दृष्टि भी संसार भर पर फिरती रहती है, अभी भी फिर रही है, कि कहाँ उसे उस पर भरोसा रखने वाले, उसके विश्वासयोग्य लोग मिलें, और वह उनकी सहायता के लिए कुछ करे। उसकी दृष्टि आप पर भी है, अपनी प्रत्येक सहायता के लिए आप उसे पुकार सकते हैं। - एलिसा मॉर्गन

 

हे परमेश्वर हमें ऐसे मन दें जो सदा ही आप पर भरोसा रखने वाले हों।


किसी को रथों को, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे। - भजन संहिता 20:7

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 16:7-9

2 इतिहास 16:7 उस समय हनानी दर्शी यहूदा के राजा आसा के पास जा कर कहने लगा, तू ने जो अपने परमेश्वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है।

2 इतिहास 16:8 क्या कूशियों और लूबियों की सेना बड़ी न थी, और क्या उस में बहुत ही रथ, और सवार न थे? तौभी तू ने यहोवा पर भरोसा रखा था, इस कारण उसने उन को तेरे हाथ में कर दिया।

2 इतिहास 16:9 देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ्य दिखाए। तूने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फंसा रहेगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 शमूएल 23-24
  • लूका 19:1-27