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शुक्रवार, 9 जून 2017

आभारी तथा निर्भर


   अपनी पुस्तक The Hidden Brain में विज्ञान लेखक शंकर वेदान्तम ने अपना एक अनुभव बताया है; वह एक दिन आराम से तैरने के लिए गए। पानी शान्त और साफ था, और थोड़े समय में ही लंबी दूरी तक तैर पाने के कारण उसे अपने आप पर बहुत गर्व हुआ, उसे प्रतीत हुआ कि वह बहुत बलवान है। इसलिए उसने निर्णय किया कि वह खाड़ी से निकलकर खुले पानी में तैरेगा। आगे खुले पानी में तैरते जाने में उसे कोई कठिनाई नहीं हुई, परन्तु जब उसने वापस लौटना चाहा तो उसने पाया कि वह भरसक प्रयास के बावजूद किनारे के निकट आने नहीं पा रहा था। वास्तव में पानी के बहाव से उसे धोखा हुआ था; उसके कम समय में लंबी दूरी तय कर लेने का कारण उसकी अपनी सामर्थ नहीं वरन पानी का बहाव था जो उसे उस दिशा में लिए चला जा रहा था, और अब विपरीत दिशा में वह उस बहाव से बाहर नहीं निकल पा रहा था।

   परमेश्वर के साथ हमारे संबंधों में भी ऐसा ही कुछ हो सकता है। जीवन के बहाव के साथ हम आगे बढ़ते हुए कहीं भी पहुँच सकते हैं। जब जीवन सरल होता है तो हम सोचने लगते हैं कि हमारी उपलब्धियाँ और सफलताएं हमारी अपनी योग्यता और सामर्थ के कारण हैं। इससे हमारे अन्दर घमंड और अपने ऊपर अनुचित आत्मविश्वास उत्पन्न होने लगता है। लेकिन अपनी वास्तविकता और निःसहाय होने का आभास हमें तब होता है जब कोई विपरीत परिस्थिति या परेशानी हमें घेर लेती है, और उन से निकल पाने के हमारे प्रयास असफल होने लगते हैं।

   हम देखते हैं कि परमेश्वर के वचन बाइबल में दर्ज इस्त्राएल के इतिहास में यही बात इस्त्राएलियों के साथ बारंबार हुई। परमेश्वर उन्हें अपनी आशीषों, शान्ति, समृध्दि और सैनिक सफलता देता, परन्तु कुछ ही समय बाद वे यह समझने लगते कि यह सब वे अपनी सामर्थ्य और योग्यता के कारण प्राप्त कर रहे हैं, और वे घमंडी तथा आत्मविश्वासी हो जाते (व्यवस्थाविवरण 8:11-12)। ऐसे में उन्हें लगता कि अब उन्हें परमेश्वर की आवश्यकता नहीं है, और वे परमेश्वर का मार्ग छोड़कर अपने ही मार्ग ले लेते। परन्तु जब भी कोई शत्रु उन पर हमला करता था, तब उन्हें पता चलता था कि उनकी वास्तविक स्थिति क्या है, और परमेश्वर की सहायता के बिना वे कितने असहाय हैं।

   जब जीवन आराम से चल रहा होता है, तब ही वह समय होता है जिसमें हमें अनुचित आत्मविश्वास के धोखे में पड़ने से बचना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि कहीं घमंड के कारण हम सही मार्ग से भटकने तो नहीं लगे हैं। केवल नम्रता और दीनता तथा परमेश्वर के वचन की आज्ञकारिता ही हमें ऐसे में सुरक्षित तथा सही मार्ग पर बनाए रखेगी। अपनी सभी आशीषों, सफलताओं तथा समृध्दि के लिए हमें सदा परमेश्वर का आभारी और केवल उसकी सामर्थ्य तथा मार्गदर्शन पर निर्भर रहना चाहिए। - जूली ऐकैरमैन लिंक


सच्ची दीनता हर उपलब्धि का श्रेय परमेश्वर को देती है।

क्योंकि वे न तो अपनी तलवार के बल से इस देश के अधिकारी हुए, और न अपने बाहुबल से; परन्तु तेरे दाहिने हाथ और तेरी भुजा और तेरे प्रसन्न मुख के कारण जयवन्त हुए; क्योंकि तू उन को चाहता था। - भजन 44:3

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 8:6-20
Deuteronomy 8:6 इसलिये अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं का पालन करते हुए उसके मार्गों पर चलना, और उसका भय मानते रहना। 
Deuteronomy 8:7 क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे एक उत्तम देश में लिये जा रहा है, जो जल की नदियों का, और तराइयों और पहाड़ों से निकले हुए गहिरे गहिरे सोतों का देश है। 
Deuteronomy 8:8 फिर वह गेहूं, जौ, दाखलताओं, अंजीरों, और अनारों का देश है; और तेलवाली जलपाई और मधु का भी देश है। 
Deuteronomy 8:9 उस देश में अन्न की महंगी न होगी, और न उस में तुझे किसी पदार्थ की घटी होगी; वहां के पत्थर लोहे के हैं, और वहां के पहाड़ों में से तू तांबा खोदकर निकाल सकेगा। 
Deuteronomy 8:10 और तू पेट भर खाएगा, और उस उत्तम देश के कारण जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देगा उसका धन्य मानेगा। 
Deuteronomy 8:11 इसलिये सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर उसकी जो जो आज्ञा, नियम, और विधि, मैं आज तुझे सुनाता हूं उनका मानना छोड़ दे; 
Deuteronomy 8:12 ऐसा न हो कि जब तू खाकर तृप्त हो, और अच्छे अच्छे घर बनाकर उन में रहने लगे, 
Deuteronomy 8:13 और तेरी गाय-बैलों और भेड़-बकरियों की बढ़ती हो, और तेरा सोना, चांदी, और तेरा सब प्रकार का धन बढ़ जाए, 
Deuteronomy 8:14 तब तेरे मन में अहंकार समा जाए, और तू अपने परमेश्वर यहोवा को भूल जाए, जो तुझ को दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है, 
Deuteronomy 8:15 और उस बड़े और भयानक जंगल में से ले आया है, जहां तेज विष वाले सर्प और बिच्छू हैं, और जलरहित सूखे देश में उसने तेरे लिये चकमक की चट्ठान से जल निकाला, 
Deuteronomy 8:16 और तुझे जंगल में मन्ना खिलाया, जिसे तुम्हारे पुरखा जानते भी न थे, इसलिये कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा कर के अन्त में तेरा भला ही करे। 
Deuteronomy 8:17 और कहीं ऐसा न हो कि तू सोचने लगे, कि यह सम्पत्ति मेरे ही सामर्थ्य और मेरे ही भुजबल से मुझे प्राप्त हुई। 
Deuteronomy 8:18 परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पति प्राप्त करने का सामर्थ्य इसलिये देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बान्धी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है। 
Deuteronomy 8:19 यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर दूसरे देवताओं के पीछे हो लेगा, और उसकी उपासना और उन को दण्डवत करेगा, तो मैं आज तुम को चिता देता हूं कि तुम नि:सन्देह नष्ट हो जाओगे। 
Deuteronomy 8:20 जिन जातियों को यहोवा तुम्हारे सम्मुख से नष्ट करने पर है, उन्ही की नाईं तुम भी अपने परमेश्वर यहोवा का वचन न मानने के कारण नष्ट हो जाओगे। 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 32-33
  • यूहन्ना 18:19-40