जब १९ वर्ष की आयु में मैं मसीही विश्वासी बनी और चर्च जाना आरंभ किया तो भक्ति और विश्वास के स्तुति गीत गाने से मुझे तुरंत प्रेम हो गया। मेरा मन आनन्द और धन्यवाद से भर जाता जब हम प्रभु यीशु में होकर हमें मिले परमेश्वर के प्रेम का वर्णन उन गीतों में गाते। शीघ्र ही मेरे सबसे प्रीय गीतों में से एक १७वीं शताब्दी के अन्त के निकट लिखा गया गीत "Fairest Lord Jesus!" बन गया। इस गीत की धुन और उसमें व्यक्त प्रभु यीशु की महिमा मुझे बहुत प्रीय हैं।
इस गीत का एक छन्द कुछ इस प्रकार से है: "सूर्य का प्रकाश स्वच्छ और सुन्दर है, चाँद की चाँदनी और तारों का झिलमिलाना भी सुन्दर और मनोहर है; किंतु यीशु उन सबसे स्वच्छ, सुन्दर और मनोहर है, वह स्वर्ग के सारे स्वर्गदूतों से भी अधिक पवित्र और सुन्दर है। सुन्दरतम यीशु! राजाओं का राजा! परमेश्वर का पुत्र और मनुष्य का भी! महिमा, आदर, स्तुति, आराधना अब और सदा काल तक आपकी रहे!"
परमेश्वर का पुत्र, जिसके बारे में इस गीत में हम गाते हैं, इस पृथ्वी पर आया, यहाँ रहते हुए एक सिद्ध जीवन बिताया, हमारे लिए क्रूस पर अपने आप को बलिदान कर दिया (लुका२३:३३), कब्र में से जी उठा (लूका २४:६) और अब परमेश्वर के दाहिने विराजमान है (इब्रानियों १:३)। एक दिन हम हज़ारों हज़ार लोगों के साथ मिलकर उसकी आराधना में सम्मिलित होंगे और कहेंगे "जो सिंहासन पर बैठा है, उसका, और मेम्ने का धन्यवाद, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे" (प्रकाशितवाक्य ५:१३)। शायद हम वहाँ "Fairest Lord Jesus!" भी गाएंगे।
लेकिन अब, जब तक वह समय ना आए, तब तक हमें अपने जीवनों में प्रभु यीशु को सर्वोपरि और सर्वोत्तम बनाना है, दिखाना है - उसके वचन से शिक्षा लेकर और उसका अनुसरण करने के द्वारा। - ऐनी सेटास
प्रभु यीशु की करी गई हमारी कितनी भी प्रशंसा उसके प्रेम और मनोहरता के लिए पर्याप्त नहीं है।
बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य ५:८-१४
Rev 5:8 और जब उस ने पुस्तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्राचीन उस मेम्ने के साम्हने गिर पड़े, और हर एक के हाथ में वीणा और धूप से भरे हुए सोने के कटोरे थे, ये तो पवित्र लोगों की प्रार्थानाएं हैं।
Rev 5:9 और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है, क्योंकि तू ने वध होकर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है।
Rev 5:10 और उन्हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं।
Rev 5:11 और जब मैं ने देखा, तो उस सिंहासन और उन प्राणियों और उन प्राचीनों की चारों ओर बहुत से स्वर्गदूतों का शब्द सुना, जिन की गिनती लाखों और करोड़ों की थी।
Rev 5:12 और वे ऊंचे शब्द से कहते थे, कि वध किया हुआ मेम्ना ही सामर्थ, और धन, और ज्ञान, और शक्ति, और आदर, और महिमा, और धन्यवाद के योग्य है।
Rev 5:13 फिर मैं ने स्वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब सृजी हुई वस्तुओं को, और सब कुछ को जो उन में हैं, यह कहते सुना, कि जो सिंहासन पर बैठा है, उसका, और मेम्ने का धन्यवाद, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे।
Rev 5:14 और चारों प्राणियों ने आमीन कहा, और प्राचीनों ने गिरकर दण्डवत किया।
Rev 5:8 और जब उस ने पुस्तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्राचीन उस मेम्ने के साम्हने गिर पड़े, और हर एक के हाथ में वीणा और धूप से भरे हुए सोने के कटोरे थे, ये तो पवित्र लोगों की प्रार्थानाएं हैं।
Rev 5:9 और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है, क्योंकि तू ने वध होकर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है।
Rev 5:10 और उन्हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं।
Rev 5:11 और जब मैं ने देखा, तो उस सिंहासन और उन प्राणियों और उन प्राचीनों की चारों ओर बहुत से स्वर्गदूतों का शब्द सुना, जिन की गिनती लाखों और करोड़ों की थी।
Rev 5:12 और वे ऊंचे शब्द से कहते थे, कि वध किया हुआ मेम्ना ही सामर्थ, और धन, और ज्ञान, और शक्ति, और आदर, और महिमा, और धन्यवाद के योग्य है।
Rev 5:13 फिर मैं ने स्वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब सृजी हुई वस्तुओं को, और सब कुछ को जो उन में हैं, यह कहते सुना, कि जो सिंहासन पर बैठा है, उसका, और मेम्ने का धन्यवाद, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे।
Rev 5:14 और चारों प्राणियों ने आमीन कहा, और प्राचीनों ने गिरकर दण्डवत किया।
एक साल में बाइबल:
- गिनती २४-२५
- मरकुस ७:२३-३७