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शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2018

बुद्धिमता



      उपभोगताओं द्वारा प्रयोग किए जाने वाले लगभग सभी उत्पादों पर कुछ चेतावनियाँ लिखी होती हैं, जो उस उत्पाद के प्रयोग से संबंधित होती हैं। नाबाल नामक व्यक्ति पर भी यदि कोई चेतावनी लगी होती तो उसपर लिखा होता: “इस मूढ़ से मूढ़ता ही की अपेक्षा करें।”

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम दाऊद के जीवन से संबंधित व्यक्तियों में से एक, नाबाल के विषय देखते हैं कि वह दाऊद के प्रति अपने व्यवहार में वासत्व में बुद्धिहीन था। जब दाऊद, शाऊल राजा से अपनी जान बचाता फिर रहा था, तब दाऊद और उसके साथियों ने नाबाल नामक एक धनी व्यक्ति की भेड़ों और चरवाहों को रक्षा प्रदान की थी। जब दाऊद को ज्ञात हुआ कि नाबाल उन्हीं भेड़ों से ऊन क़तर रहा है और एक बड़े भोज का भी आयोजन किया है, तो दाऊद ने अपने साथियों में से दस को उसके पास भेजा कि प्रदान की गई सुरक्षा के प्रतिफल में नम्रता से नाबाल से कुछ भोजन वस्तु माँग लाएँ।

      परन्तु दाऊद के इस निवेदन के प्रति नाबाल का प्रत्युत्तर रूखा और क्रोधित करने वाला था, शिष्टाचार के विपरीत था। नाबाल ने दाऊद के विषय उसके ही साथियों से कहा, “नाबाल ने दाऊद के जनों को उत्तर देकर उन से कहा, दाऊद कौन है? यिशै का पुत्र कौन है? आज कल बहुत से दास अपने अपने स्वामी के पास से भाग जाते हैं। क्या मैं अपनी रोटी-पानी और जो पशु मैं ने अपने कतरने वालों के लिये मारे हैं ले कर ऐसे लोगों को दे दूं, जिन को मैं नहीं जानता कि कहां के हैं?” (1 शमूएल 25:10-11)। दाऊद और उसके साथियों को दिए जा रहे भोज में न्यौता न देने के द्वारा नाबाल ने न केवल आतिथ्य के नियम को तोड़ा, वरन उसने दाऊद के प्रति निंदनीय शब्दों का भी प्रयोग किया, और दाऊद को उसका पारिश्रमिक न देने के द्वारा उसने दाऊद से चोरी भी की।

      वास्तविकता यह है कि हम सब में नाबाल के समान कुछ न कुछ कृतघ्नता का अंश होता है; हम सभी परमेश्वर और उसके वचन तथा आज्ञाओं के प्रति कुछ न कुछ मूर्खतापूर्ण कार्य करते रहते हैं। इसका एकमात्र उपाय है परमेश्वर के सामने अपने पापों को स्वीकार कर लेना, उससे उनके लिए क्षमा माँगना, और उससे विनती करना कि वह हमें मार्गदर्शन तथा अपनी बुद्धिमता प्रदान करे कि हम उन पापों और गलतियों को फिर न दोहराएं। - मारविन विलियम्स


परमेश्वर की बुद्धिमता से हम अपनी मूर्खता के कार्यों का निवारण प्राप्त कर सकते हैं।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 25:1-12
1 Samuel 25:1 और शमूएल मर गया; और समस्त इस्राएलियों ने इकट्ठे हो कर उसके लिये छाती पीटी, और उसके घर ही में जो रामा में था उसको मिट्टी दी। तब दाऊद उठ कर पारान जंगल को चला गया।
1 Samuel 25:2 माओन में एक पुरूष रहता था जिसका माल कर्मेल में था। और वह पुरूष बहुत बड़ा था, और उसके तीन हजार भेड़ें, और एक हजार बकरियां थीं; और वह अपनी भेड़ों का ऊन कतर रहा था।
1 Samuel 25:3 उस पुरूष का नाम नाबाल, और उसकी पत्नी का नाम अबीगैल था। स्त्री तो बुद्धिमान और रूपवती थी, परन्तु पुरूष कठोर, और बुरे बुरे काम करने वाला था; वह तो कालेब-वंशी था।
1 Samuel 25:4 जब दाऊद ने जंगल में समाचार पाया, कि नाबाल अपनी भेड़ों का ऊन कतर रहा है;
1 Samuel 25:5 तब दाऊद ने दस जवानों को वहां भेज दिया, ओर दाऊद ने उन जवानों से कहा, कि कर्मेल में नाबाल के पास जा कर मेरी ओर से उसका कुशल-क्षेम पूछो।
1 Samuel 25:6 और उस से यों कहो, कि तू चिरंजीव रहे, तेरा कल्याण हो, और तेरा घराना कल्याण से रहे, और जो कुछ तेरा है वह कल्याण से रहे।
1 Samuel 25:7 मैं ने सुना है, कि जो तू ऊन कतर रहा है; तेरे चरवाहे हम लोगों के पास रहे, और न तो हम ने उनकी कुछ हानि की, और न उनका कुछ खोया गया।
1 Samuel 25:8 अपने जवानों से यह बात पूछ ले, और वे तुझ का बताएंगे। सो इन जवानों पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो; हम तो आनन्द के समय में आए हैं, इसलिये जो कुछ तेरे हाथ लगे वह अपने दासों और अपने बेटे दाऊद को दे।
1 Samuel 25:9 ऐसी ऐसी बातें दाऊद के जवान जा कर उसके नाम से नाबाल को सुनाकर चुप रहे।
1 Samuel 25:10 नाबाल ने दाऊद के जनों को उत्तर देकर उन से कहा, दाऊद कौन है? यिशै का पुत्र कौन है? आज कल बहुत से दास अपने अपने स्वामी के पास से भाग जाते हैं।
1 Samuel 25:11 क्या मैं अपनी रोटी-पानी और जो पशु मैं ने अपने कतरने वालों के लिये मारे हैं ले कर ऐसे लोगों को दे दूं, जिन को मैं नहीं जानता कि कहां के हैं?
1 Samuel 25:12 तब दाऊद के जवानों ने लौटकर अपना मार्ग लिया, और लौटकर उसको ये सब बातें ज्यों की त्यों सुना दीं।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 39-40
  • कुलुस्सियों 4