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रविवार, 10 अगस्त 2014

उद्देश्य


   लैक्लैन मेक्युएरी सन 1810-1821 तक न्यू साऊथ वेल्स के राज्यपाल रहे थे; उनके शासन करने का तरीका ऐसा था कि उस नए बसाए गए स्थान में सब को यह लगता था कि सभी निवासियों का समानता का एक ही स्तर है। वे ऊँच-नीच में विश्वास नहीं रखते थे और ना ही किसी को असमानता या अलग होने का व्यवहार करने देते थे। जब "संभ्रांत" लोगों (अर्थात उन्होंने जो स्वतः ही आकर वहाँ बसने लगे थे, जो शासन से संबंधित लोग थे या जो सेना से थे), ने "मुक्त किए हुए" लोगों (अर्थात देश निकाला मिले हुए लोग जिन्हें कुछ शर्तों पर बाहर रहने की अनुमति मिली थी), के समुदाय से अपने आप को अलग रखने का प्रयास किया तब राज्यपाल लैक्लैन मेक्युएरी ने इस बात पर बल दिया कि सबको बिना किसी भेद-भाव के एक साथ ही रहना है और समाज में किसी के साथ कोई ऊँच-नीच का व्यवहार नहीं होगा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम पाते हैं कि प्रभु यीशु मसीह ने समाज के द्वारा तिरस्कृत चुँगी लेने वाले व्यक्ति ज़क्कई में रुचि दिखाई और उसे भी समस्त संसार के उद्धार की अपनी योजना में बराबरी से सम्मिलित किया (लूका 19:1-10)। अपने व्यवसाय के कारण अपने ही यहूदी समाज से अलग किए हुए और घृणा के पात्र ज़क्कई के मन में तीव्र लालसा थी कि वह एक बार प्रभु यीशु को देखे। लेकिन नाटा होने के कारण वह भीड़ से घिरे हुए प्रभु यीशु को देख नहीं पाता था; इसलिए वह प्रभु यीशु के मार्ग में लगे एक वृक्ष पर चढ़ गया कि प्रभु यीशु की एक झलक देख सके। जब प्रभु यीशु उस वृक्ष के नीचे पहुँचे तो उन्होंने रुककर ज़क्कई को नीचे बुलाया, उससे प्रेम का व्यवहार किया और उसके घर जाकर भोजन भी किया। प्रभु यीशु से मिले इस प्रेम-व्यवहार ने ज़क्कई का जीवन बदल दिया; उसने अपने पापों का सार्वजनिक अंगीकार किया, उनके लिए पश्चाताप किया और जिनसे उसने बेईमानी से लिया था, उन्हें सब लौटा देने का वायदा किया। उस दिन ज़क्कई के घर उद्धार आया।

   प्रभु यीशु का उद्देश्य बहुत साधारण था - बिना किसी भी भेद-भाव के, पाप में खोए हुओं को ढूंढ़ना और उन्हें पाप क्षमा तथा उद्धार पाने की परमेश्वर की योजना प्रस्तुत करना, चाहे उनका सामाजिक स्तर कुछ भी क्यों ना हो। प्रभु यीशु के अनुयायी होने के कारण आज हम मसीही विश्वासियों को भी प्रभु यीशु ने यही उद्देश्य सौंपा है - सारे संसार में सभी के लिए पाप क्षमा और उद्धार की परमेश्वर की योजना का समाचार सभी को देना (मत्ती 28:18-20)।


जो मसीह यीशु का उद्देश्य था वही मसीह यीशु के अनुयायियों का भी है।

यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:18-20

बाइबल पाठ: लूका 19:1-10
Luke 19:1 वह यरीहो में प्रवेश कर के जा रहा था। 
Luke 19:2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था। 
Luke 19:3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था। 
Luke 19:4 तब उसको देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था। 
Luke 19:5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है। 
Luke 19:6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया। 
Luke 19:7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है। 
Luke 19:8 ज़क्कई ने खड़े हो कर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय कर के ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं। 
Luke 19:9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है। 
Luke 19:10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 43-45