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गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

आनन्द



      जब जैनेट अंग्रजी की शिक्षिका बनकर विदेश के एक स्कूल में गई तो उसने पाया कि वहाँ का वातावरण निराशाजनक और उदासीन था। लोग अपने कार्य तो करते थे परन्तु कोई प्रसन्न नहीं लगता था। वे न तो एक दूसरे को प्रोत्साहित करते थे और न ही एक दूसरे की सहायता करते थे। परन्तु जैनेट, परमेश्वर के प्रति उसके प्रावधानों के लिए अपनी कृतज्ञता को अपने प्रत्येक कार्य द्वारा व्यक्त करती थी। वह मुस्कुराती थी; वह मित्रवत रहती थी; वह आगे बढ़कर लोगों की सहायता करती थी; और वह भजन गाती या गुनगुनाती रहती थी।

      जैनेट अपने आनन्द को लोगों के साथ बांटती रही और धीरे-धीरे करके स्कूल का वातावरण बदलने लगा। एक-एक करके लोग मुस्कुराने लगे और एक दूसरे की सहायता करने लगे। जब एक प्रशासनिक अधिकारी ने अपने दौरे के समय स्कूल के प्रधानाचार्य से पूछा कि उसका स्कूल औरों से इतना भिन्न क्यों है, तो उस प्रधानाचार्य ने, जो प्रभु यीशु में विश्वासी नहीं था, उत्तर दिया, “यीशु आनन्द लाता है।” जैनेट प्रभु यीशु के आनन्द से भरपूर थी और वह आनन्द उसके चारों ओर के लोगों पर छलक रहा था, प्रभु के द्वारा बदले हुए जैनेट के जीवने से प्रभु की गवाही दे रहा था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका रचित सुसमाचार हमें बताता है कि परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को साधारण चरवाहों के पास असाधारण समाचार को लेकर भेजा। स्वर्गदूत ने चकित कर देने वाली घोषणा की, कि वह नवजात शिशु “सबके लिए आनन्द लेकर आएगा” (लूका 2:10), और उसने ऐसा ही किया भी।

      तब से लेकर अब तक, सदियों से यह समाचार, प्रभु यीशु के अनुयायियों के द्वारा सारे सँसार के सभी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। प्रभु के लोगों में वास करने वाले परमेश्वर पवित्र आत्मा की अगुवाई में हम प्रभु यीशु के अनुयायी, प्रभु में मिलने वाले पापों की क्षमा और उद्धार के आनन्द के समाचार को दूसरों तक पहुंचाते हैं, और प्रभु के उदाहरण का अनुसरण करते हुए औरों की सेवा तथा सहायता करते हैं। - जूली एकरमैन लिंक


क्रिसमस के आनन्द को अपने साथ प्रतिदिन लेकर चलें।

तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। - लूका 2:10

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:16-24
John 16:16 थोड़ी देर तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे।
John 16:17 तब उसके कितने चेलों ने आपस में कहा, यह क्या है, जो वह हम से कहता है, कि थोड़ी देर में तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे? और यह इसलिये कि मैं पिता के पास जाता हूं?
John 16:18 तब उन्होंने कहा, यह थोड़ी देर जो वह कहता है, क्या बात है? हम नहीं जानते, कि क्या कहता है।
John 16:19 यीशु ने यह जानकर, कि वे मुझ से पूछना चाहते हैं, उन से कहा, क्या तुम आपस में मेरी इस बाते के विषय में पूछ पाछ करते हो, कि थोड़ी देर में तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे।
John 16:20 मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा: तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जाएगा।
John 16:21 जब स्त्री जनने लगती है तो उसको शोक होता है, क्योंकि उस की दु:ख की घड़ी आ पहुंची, परन्तु जब वह बालक जन्म चुकी तो इस आनन्द से कि जगत में एक मनुष्य उत्पन्न हुआ, उस संकट को फिर स्मरण नहीं करती।
John 16:22 और तुम्हें भी अब तो शोक है, परन्तु मैं तुम से फिर मिलूंगा और तुम्हारे मन में आनन्द होगा; और तुम्हारा आनन्द कोई तुम से छीन न लेगा।
John 16:23 उस दिन तुम मुझ से कुछ न पूछोगे: मैं तुम से सच सच कहता हूं, यदि पिता से कुछ मांगोगे, तो वह मेरे नाम से तुम्हें देगा।
John 16:24 अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं मांगा; मांगो तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • मीका 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 11