मर्ले ट्रैविस द्वारा लिखित और टेनिसी अर्नी फोर्ड द्वारा रिकॉर्ड किया गया गीत "स्किस्टीन टन्स" १९५० के दशक के मध्य में अमेरिका में बहुत लोकप्रीय हुआ था, क्योंकि उस समय के लोगों ने इस गीत में अपनी दशा को देखा। यह गीत कोयले की खान में काम करने वाले मज़दूर का विलाप था जो परिस्थितियों में फंसा हुआ था और चाहे जितनी भी मेहनत करे, अपनी परिस्थितियों को बदलने में और कोयला कंपनी के चंगुल से निकल पाने में असमर्थ था। उन दिनों में कोयला खानों में काम करने वाले मज़दूर कोयला कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए गए घरों ही में रहते थे और कंपनी द्वारा चलाई जा रही दुकानों से ही अपनी आवश्यकता का सामान खरीद सकते थे क्योंकि उनका वेतन उन्हें कंपनी की पर्चीयों के रूप में दिया जाता था जो कंपनी की दुकानों पर ही वैध होती थीं। इस गीत में मज़दूर विलाप करते हुए कहता है कि यदि मुझे स्वर्ग से भी बुलावा आए तो मैं नहीं जा पाऊँगा क्योंकि मेरे प्राण की मालिक भी कंपनी ही है।
इस गीत में लिखी गई घोर निराशा को समझने के द्वारा हम उन इस्त्राएलियों के मनों के भाव को समझ सकते हैं जो ४०० वर्ष से मिस्त्र की गुलामी झेल रहे थे। जब मूसा ने उन इस्त्राएलियों को बताया कि परमेश्वर उन्हें गुलामी से छुड़ाने पर है तो वे इस बात पर विश्वास नहीं कर सके क्योंकि उनके मन गुलामी के अत्याचारों के कारण बेचैन थे (निर्गमन ६:९)। लेकिन जो इसत्राएली अपने लिए कर पाने में असमर्थ थे, उअनके लिए वह परमेश्वर ने कर दिखाया, और चमत्कारिक रीति से उन्हें मिस्त्र की गुलामी से छुड़ा लिया। इस्त्राएल का परमेश्वर के सामर्थ से इस प्रकार दासत्व से छुड़ाया जाना प्रभु यीशु द्वारा मनुष्यों को पाप से मिलने वाले छुटकारे का प्रतिरूप था, एक ऐसा छुटकारा जो कोई भी मनुष्य अपने आप अपनी किसी भी सामर्थ अथवा प्रयास से कभी प्राप्त नहीं कर सकता: "क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे?" (रोमियों ५:६, ९)
जब जीवन अपने सब से निचले स्तर पर हो और संसार में कहीं कोई आशा नज़र नहीं आ रही हो, परिस्थितियों से पार पाने का कोई मार्ग सूझ नहीं पड़ता हो, मसीही विश्वासी तब भी आशावान रह सकते हैं क्योंकि हमारे परमेश्वर पिता का अद्भुत अनुग्रह हमारे साथ सदा बना रहता है और वह उन्हें हर परिस्थिति में सुरक्षित रखने और उससे पार निकाल लाने में सक्षम और विश्वासयोग्य है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड
जिसकी आशा सच्चे और जीवते परमेश्वर पर है वह कभी आशारहित नहीं है।
इस कारण तू इस्राएलियों से कह, कि मैं यहोवा हूं, और तुम को मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकालूंगा, और उनके दासत्व से तुम को छुड़ाऊंगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर और भारी दण्ड देकर तुम्हें छुड़ा लूंगा - निर्गमन ६:६
बाइबल पाठ: निर्गमन ६:१-१३
Exodus 6:1 तब यहोवा ने मूसा से कहा, अब तू देखेगा कि मैं फिरौन ने क्या करूंगा; जिस से वह उन को बरबस निकालेगा, वह तो उन्हें अपने देश से बरबस निकाल देगा।।
Exodus 6:2 और परमेश्वर ने मूसा से कहा, कि मैं यहोवा हूं।
Exodus 6:3 मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर के नाम से इब्राहीम, इसहाक, और याकूब को दर्शन देता था, परन्तु यहोवा के नाम से मैं उन पर प्रगट न हुआ।
Exodus 6:4 और मैं ने उनके साथ अपनी वाचा दृढ़ की है, अर्थात कनान देश जिस में वे परदेशी हो कर रहते थे, उसे उन्हें दे दूं।
Exodus 6:5 और इस्राएली जिन्हें मिस्री लोग दासत्व में रखते हैं उनका कराहना भी सुनकर मैं ने अपनी वाचा को स्मरण किया है।
Exodus 6:6 इस कारण तू इस्राएलियों से कह, कि मैं यहोवा हूं, और तुम को मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकालूंगा, और उनके दासत्व से तुम को छुड़ाऊंगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर और भारी दण्ड देकर तुम्हें छुड़ा लूंगा,
Exodus 6:7 और मैं तुम को अपनी प्रजा बनाने के लिये अपना लूंगा, और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा; और तुम जान लोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुम्हें मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकाल ले आया।
Exodus 6:8 और जिस देश के देने की शपथ मैं ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से खाई थी उसी में मैं तुम्हें पहुंचाकर उसे तुम्हारा भाग कर दूंगा। मैं तो यहोवा हूं।
Exodus 6:9 और ये बातें मूसा ने इस्राएलियों को सुनाईं; परन्तु उन्होंने मन की बेचैनी और दासत्व की क्रूरता के कारण उसकी न सुनी।।
Exodus 6:10 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
Exodus 6:11 तू जा कर मिस्र के राजा फिरौन से कह, कि इस्राएलियों को अपने देश में से निकल जाने दे।
Exodus 6:12 और मूसा ने यहोवा से कहा, देख, इस्राएलियों ने मेरी नहीं सुनी; फिर फिरौन मुझ भद्दे बोलने वाले की क्योंकर सुनेगा?
Exodus 6:13 और यहोवा ने मूसा और हारून को इस्राएलियोंऔर मिस्र के राजा फिरौन के लिये आज्ञा इस अभिप्राय से दी कि वे इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल ले जाएं।
एक साल में बाइबल:
- गिनती १५-१६
- मरकुस ६:१-२९