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शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

पुनःस्थापित

 

          जुलाई 18, 1983 को अमेरिका की वायु-सेना का एक कप्तान न्यू-मेक्सिको में स्थिर एक वायु-सेना के अड्डे से, बिना किसी भी सुराग के, गायब हो गया। पैंतीस वर्ष के बाद अधिकारियों को वह कैलिफोर्निया में मिला। न्यू यॉर्क टाइम्स अखबार में उसके बारे में छपा कि वह अपने काम से निराश होकर यूँ ही सब कुछ छोड़कर भाग गया था। वह पैंतीस वर्ष तक भागता रहा! उसका आधा जीवन यही ध्यान रखने में निकल गया कि कहीं कोई उसे देखकर पहचान तो नहीं रहा है! मैं समझ सकता हूँ कि चिंता और भय इस व्यक्ति के साथ सदा बने रहते होंगे।

          लेकिन मुझे यह भी मानना पड़ेगा कि मैं भी भागते रहने के अनुभव को जानता हूँ। नहीं, ऐसा नहीं है कि मैं अपने जीवन में कभी भी सब कुछ छोड़कर कहीं भाग निकला हूँ – शारीरिक रीति से। लेकिन मैं जानता हूँ कि ऐसे अवसर भी होते हैं जब परमेश्वर चाहता है कि मैं कुछ करूं, या किसी बात का अंगीकार करूँ अथवा सामना करूं; किन्तु मैं वैसा नहीं करना चाहता हूँ। तो इस रीति से मैं भी परमेश्वर से भाग रहा होता हूँ।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में योना नबी परमेश्वर द्वारा उसे नीनवे नगर में जाकर प्रचार करने के सौंपे गए कार्य से भागने के लिए प्रसिद्ध है (देखिए योना 1:1-3)। लेकिन वह परमेश्वर से बचकर भाग नहीं सका। आपने संभवतः सब पढ़ा या सुना होगा कि आगे क्या हुआ (पद 4, 17): बड़ी आँधी, एक विशाल मछली, मछली द्वारा उसे निगल लिया जाना, फिर मछली के पेट में एक सामना करना और जवाबदेही, और योना के द्वारा परमेश्वर को सहायता करने के लिए पुकारना (2:2 )।

          योना कोई सिद्ध नबी नहीं था। लेकिन उसकी अद्भुत कहानी से मुझे दिलासा मिलती है, क्योंकि योना की ढिठाई के बावजूद, परमेश्वर ने उसे छोड़ा नहीं। प्रभु ने उसकी सहायता की पुकार का उत्तर दिया, और अपने अनुग्रह में अपने भगोड़े सेवक को पुनःस्थापित कर दिया – जैसा वह हमें भी करता है। - एडम होल्ज़

 

हे पिता मुझे भी क्षमा करें और अपने अनुग्रह के द्वारा पुनःस्थापित करें।


और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा। - भजन 50:15

बाइबल पाठ: योना 2:1-10

योना 2:1 तब योना ने उसके पेट में से अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर के कहा,

योना 2:2 मैं ने संकट में पड़े हुए यहोवा की दोहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तू ने मेरी सुन ली।

योना 2:3 तू ने मुझे गहिरे सागर में समुद्र की थाह तक डाल दिया; और मैं धाराओं के बीच में पड़ा था, तेरी भड़काई हुई सब तरंग और लहरें मेरे ऊपर से बह गईं।

योना 2:4 तब मैं ने कहा, मैं तेरे सामने से निकाल दिया गया हूं; तौभी तेरे पवित्र मन्दिर की ओर फिर ताकूंगा।

योना 2:5 मैं जल से यहां तक घिरा हुआ था कि मेरे प्राण निकले जाते थे; गहरा सागर मेरे चारों ओर था, और मेरे सिर में सिवार लिपटा हुआ था।

योना 2:6 मैं पहाड़ों की जड़ तक पहुंच गया था; मैं सदा के लिये भूमि में बन्द हो गया था; तौभी हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने मेरे प्राणों को गड़हे में से उठाया है।

योना 2:7 जब मैं मूर्छा खाने लगा, तब मैं ने यहोवा को स्मरण किया; और मेरी प्रार्थना तेरे पास वरन तेरे पवित्र मन्दिर में पहुंच गई।

योना 2:8 जो लोग धोखे की व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं, वे अपने करुणा निधान को छोड़ देते हैं।

योना 2:9 परन्तु मैं ऊंचे शब्द से धन्यवाद कर के तुझे बलिदान चढ़ाऊंगा; जो मन्नत मैं ने मानी, उसको पूरी करूंगा। उद्धार यहोवा ही से होता है।

योना 2:10 और यहोवा ने मगरमच्छ को आज्ञा दी, और उसने योना को स्थल पर उगल दिया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 38-40
  • प्रेरितों 16:1-21