ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 11 अगस्त 2017

श्रेय


   जब मेरे पति स्थानीय कॉलेज में लेखांकन सिखा रहे थे, तो मैं मज़े के लिए एक परीक्षा में बैठी, यह देखने के लिए कि मैं कितना जानती हूँ। परिणाम अच्छे नहीं थे; मैंने प्रत्येक प्रशन का गलत उत्तर दिया। मेरे गलत उत्तरों का मूल कारण था कि मैंने जमा और खर्च का लेखा रखने के बैंकिंग के बुनियादी सिद्धांत को ही गलत समझा था; मैंने अपने उत्तरों में जमा के स्थान पर खर्च और खर्च के स्थान पर जमा डाल दिया।

   कभी-कभी आत्मिक जीवन में भी हम अपने जमा और खर्च को लेकर ऐसे ही उलझनों में पड़ जाते हैं। जब हमारे साथ जो कुछ भी गलत हो रहा है, हम उस सब का श्रेय शैतान को देते हैं, चाहे वह खराब मौसम हो, या ठीक से काम नहीं कर रहा कोई उपकरण हो, या कोई आर्थिक समस्या हो, तो हम शैतान को वह देते हैं जिसके काबिल वह है ही नहीं। ऐसा करके हम उसे उस सामर्थ्य का श्रेय दे रहे हैं जो वह कभी कर नहीं सकता - हमारे जीवनों से संबंधित बातें और उन बातों की गुणवन्ता को निर्धारित करना। शैतान समय और स्थान की सीमाओं में बंधा हुआ है। बिना परमेश्वर से अनुमति लिए वह हम मसीही विश्वासियों को छू भी नहीं सकता है (अय्युब 1:12; लूका 22:31)।

   परन्तु इस संसार के सरदार और झूठ का पिता (यूहन्ना 8:44; 16:11) होने के नाते, शैतान भ्रम और उलझनें उत्पन्न कर सकता है। प्रभु यीशु ने चिताया था कि ऐसा समय आएगा कि जब लोग सही और गलत में भेद और पहिचान करने नहीं पाएंगे (16:2)। परन्तु प्रभु यीशु ने साथ ही आश्वसन भी दिया कि शैतान दोषी ठहराया जा चुका है (पद 11)।

   हमारे जीवनों के साथ समस्याएं तो लगी रहेंगी; वे हमें परेशान तो कर सकती हैं किंतु पराजित नहीं कर सकती हैं; क्योंकि जगत के उद्धाकर्ता, हमारे प्रभु यीशु ने संसार को जीत लिया है। इसलिए सारा श्रेय उस ही को जाता है; केवल वह ही इसका हकदार है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


शैतान चाहे दोष लगाए, भ्रम और उलझनें उत्पन्न करे; 
नियंत्रण और निर्धारण परमेश्वर ही के हाथों में है।

तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्‍वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है। - यूहन्ना 8:44

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:1-11
John 16:1 ये बातें मैं ने तुम से इसलिये कहीं कि तुम ठोकर न खाओ। 
John 16:2 वे तुम्हें आराधनालयों में से निकाल देंगे, वरन वह समय आता है, कि जो कोई तुम्हें मार डालेगा वह समझेगा कि मैं परमेश्वर की सेवा करता हूं। 
John 16:3 और यह वे इसलिये करेंगे कि उन्होंने न पिता को जाना है और न मुझे जानते हैं।
John 16:4 परन्तु ये बातें मैं ने इसलिये तुम से कहीं, कि जब उन का समय आए तो तुम्हें स्मरण आ जाए, कि मैं ने तुम से पहिले ही कह दिया था: और मैं ने आरम्भ में तुम से ये बातें इसलिये नहीं कहीं क्योंकि मैं तुम्हारे साथ था। 
John 16:5 अब मैं अपने भेजने वाले के पास जाता हूं और तुम में से कोई मुझ से नहीं पूछता, कि तू कहां जाता है? 
John 16:6 परन्तु मैं ने जो ये बातें तुम से कही हैं, इसलिये तुम्हारा मन शोक से भर गया। 
John 16:7 तौभी मैं तुम से सच कहता हूं, कि मेरा जाना तुम्हारे लिये अच्छा है, क्योंकि यदि मैं न जाऊं, तो वह सहायक तुम्हारे पास न आएगा, परन्तु यदि मैं जाऊंगा, तो उसे तुम्हारे पास भेज दूंगा। 
John 16:8 और वह आकर संसार को पाप और धामिर्कता और न्याय के विषय में निरूत्तर करेगा। 
John 16:9 पाप के विषय में इसलिये कि वे मुझ पर विश्वास नहीं करते। 
John 16:10 और धामिर्कता के विषय में इसलिये कि मैं पिता के पास जाता हूं, 
John 16:11 और तुम मुझे फिर न देखोगे: न्याय के विषय में इसलिये कि संसार का सरदार दोषी ठहराया गया है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 81-83
  • रोमियों 11:19-36