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गुरुवार, 10 जनवरी 2013

आज्ञाकारिता


   मेरी जानकारों में से सबसे तीव्र तथा चतुर व्यक्तियों में से एक वह है जो कॉलेज के दिनों से मेरा मित्र रहा है। एक राज्य विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते हुए वह मसीही विश्वास में आया, उच्च स्थान के साथ अपनी स्नातक पढ़ाई पूर्ण करी फिर एक सम्मानित बाइबल कॉलेज में जाकर अध्ययन किया। उसके बाद उसने कई वर्षों तक एक छोटे से चर्च के पास्टर का कार्य किया, और फिर एक और छोटे चर्च में जाने का निमंत्रण स्वीकार करके वह अपने मित्रों और परिवार जनों से दूर के उस स्थान पर चला गया। उस चर्च में १२ वर्ष कार्य करने के पश्चात उसे लगा कि उस चर्च मण्डली को अब एक नए नेतृत्व की आवश्यकता है और उसने वहां से अपना त्यागपत्र दे दिया। ऐसा करते समय उसे ना तो किसी बड़े चर्च से कोई नया कार्य मिला था और ना ही किसी बाइबल कॉलेज से अध्यापक होने की कोई नौकरी। वास्तविकता तो यह है कि त्यागपत्र देते समय उसके पास कोई कार्य या नौकरी की प्रस्तावना भी नहीं थी। उसे बस इतना पता था कि परमेश्वर उसे किसी नई दिशा में ले कर जाना चाह रहा है और वह चल निकला।

   जब मैं उससे मिली और हम इस के बारे में चर्चा कर रहे थे तो मेरे उस मित्र ने कहा, "बहुत से लोग किसी कार्य के लिए बुलाए जाने के बारे में बात करते हैं, लेकिन मैंने शायद ही कभी किसी को किसी कार्य से बुलाए जाने के बारे में सुना है।"

बहुत सी बातों में मेरे मित्र की यह आज्ञाकारिता इस्त्राएल के मूल पिता इब्राहिम की आज्ञाकारिता के समान थी जो यह जाने बिना कि कहां जाना है परमेश्वर की बुलाहट पर निकल पड़ा (इब्रानियों ११:८-१०)। उसकी इस विश्वास यात्रा में अकाल, भय और पारिवारिक कलह जैसी बातों ने शक और कठिनाईयाँ तो उत्पन्न करीं किंतु इब्राहिम अपने विश्वास में डटा रहा और उसके इस विश्वास के कारण परमेश्वर ने उसे धर्मी कहा (गलतियों ३:६)।

   परमेश्वर की आज्ञाकारिता का जीवन सहज तो नहीं होता किंतु अनन्त काल के आशीषित अवश्य होता है (लूका ११:२८)। - जूली ऐकैरमैन लिंक


यदि आप इस बात में निश्चित हैं कि परमेश्वर आपका अगुवा और मार्गदर्शक है तो मार्ग तथा गन्तव्य स्थान के बारे में चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है।

इब्राहीम ने तो परमेश्वर पर विश्वास किया और यह उसके लिये धामिर्कता गिनी गई। - गलतियों ३:६

बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:८-१९
Heb 11:8  विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेने वाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया।
Heb 11:9  विश्वास ही से उसने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रह कर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया।
Heb 11:10  क्योंकि वह उस स्थिर नेव वाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचने वाला और बनाने वाला परमेश्वर है।
Heb 11:11  विश्वास से सारा ने आप बूढ़ी होने पर भी गर्भ धारण करने की सामर्थ पाई; क्योंकि उसने प्रतिज्ञा करने वाले को सच्चा जाना था।
Heb 11:12  इस कारण एक ही जन से जो मरा हुआ सा था, आकाश के तारों और समुद्र के तीर के बालू की नाईं, अनगिनित वंश उत्पन्न हुआ।
Heb 11:13 ये सब विश्वास ही की दशा में मरे; और उन्होंने प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं नहीं पाईं; पर उन्हें दूर से देखकर आनन्‍दित हुए और मान लिया, कि हम पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं।
Heb 11:14 जो ऐसी ऐसी बातें कहते हैं, वे प्रगट करते हैं, कि स्‍वदेश की खोज में हैं।
Heb 11:15  और जिस देश से वे निकल आए थे, यदि उस की सुधि करते तो उन्हें लौट जाने का अवसर था।
Heb 11:16 पर वे एक उत्तम अर्थात स्‍वर्गीय देश के अभिलाषी हैं, इसी लिये परमेश्वर उन का परमेश्वर कहलाने में उन से नहीं लजाता, सो उसने उन के लिये एक नगर तैयार किया है।
Heb 11:17  विश्वास ही से इब्राहीम ने, परखे जाने के समय में, इसहाक को बलिदान चढ़ाया, और जिसने प्रतिज्ञाओं को सच माना था।
Heb 11:18  और जिस से यह कहा गया था, कि इसहाक से तेरा वंश कहलाएगा; वह अपने एकलौते को चढ़ाने लगा।
Heb 11:19 क्योंकि उसने विचार किया, कि परमेश्वर सामर्थी है, कि मरे हुओं में से जिलाए, सो उन्‍हीं में से दृष्‍टान्‍त की रीति पर वह उसे फिर मिला।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति २५-२६ 
  • मत्ती ८:१-१७