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बुधवार, 1 नवंबर 2017

जल


   जैसे ही डेव म्यूलर ने नीचे की ओर झुक कर नल का हत्था घुमाया, नल के मूँह से स्वच्छ पानी निकलकर नीचे रखी नीली बाल्टी में गिरने लगा; और उसके आस-पास खड़े लोग उत्साहित होकर हर्ष से तालियाँ बजाने लगे। उन लोगों ने जीवन में पहली बार अपने इलाके में स्वच्छ जल बहते हुए देखा था। अफ्रीका के केन्या देश के इन लोगों में उस स्वच्छ जल के कारण बड़ा परिवर्तन आने वाला था। डेव और उनकी पत्नि जॉय ने उन लोगों की आवश्यकता - स्वच्छ जल को उन लोगों तक पहुँचाने के लिए बहुत मेहनत की थी। परन्तु उनकी यह मेहनत केवल नल से बहने वाले जल तक ही सीमित नहीं थी। डेव और जॉय न केवल पृथ्वी से निकलने वाले जल के बारे में वरन साथ ही अनन्त जीवन के जल के सोते, प्रभु यीशु मसीह के बारे में भी उन लोगों को बताते हैं।

   लगभग दो हज़ार वर्ष पूर्व यीशु नाम का एक मनुष्य सामारिया के एक कुएँ के निकट अपनी शारीरिक आवश्यकताओं के लिए उस कुएँ से जल लेने आई हुई एक स्त्री से बात कर रहा था। प्रभु यीशु ने उस स्त्री को बताया कि उसे कुएँ के उस जल के अतिरिक्त आत्मिक जीवन और स्वास्थ्य के लिए जीवन-जल की भी अत्याधिक आवश्यकता है।

   उस समय से इतिहास आगे बढ़ गया है, और मानवता अधिक आधुनिक हो गई है, परन्तु दो बातें अभी भी वैसी ही बनी हुई हैं जैसी तब थीं - हमें अपने शारीरिक जीवनों के लिए अभी भी स्वच्छ जल की उतनी ही आवश्यकता है, और आत्मिक जीवन के लिए प्रभु यीशु से मिलने वाले जीवन जल की अनिवार्यता है। क्योंकि हम आत्मिक रीति से अपने पापों के कारण मरे हुए हैं, इसलिए यदि इस शरीर में रहते हुए हम आत्मिक जीवन प्राप्त नहीं करेंगे तो शरीर छोड़ने के उपरांत पापों में मृतक दशा में ही अनन्त काल के लिए नर्क में चले जाएंगे।

   जल हमारे अस्तित्व - शारीरिक एवं आत्मिक दोनो ही के लिए, अनिवार्य है। क्या आपने जगत के उद्धारकर्ता तथा जीवन जल के एकमात्र स्त्रोत प्रभु यीशु से वह जीवन जल प्राप्त कर लिया है? - डेव ब्रैनन


हमारी आत्मिक प्यास को बुझाने के लिए 
केवल प्रभु यीशु के पास ही जीवन जल उपलब्ध है।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए। - यूहन्ना 3:16-17

बाइबल पाठ: यूहन्ना 4:1-15
John 4:1 फिर जब प्रभु को मालूम हुआ, कि फरीसियों ने सुना है, कि यीशु यूहन्ना से अधिक चेले बनाता, और उन्हें बपतिस्मा देता है। 
John 4:2 (यद्यपि यीशु आप नहीं वरन उसके चेले बपतिस्मा देते थे)। 
John 4:3 तब यहूदिया को छोड़कर फिर गलील को चला गया। 
John 4:4 और उसको सामरिया से हो कर जाना अवश्य था। 
John 4:5 सो वह सूखार नाम सामरिया के एक नगर तक आया, जो उस भूमि के पास है, जिसे याकूब ने अपने पुत्र यूसुफ को दिया था। 
John 4:6 और याकूब का कूआं भी वहीं था; सो यीशु मार्ग का थका हुआ उस कूएं पर यों ही बैठ गया, और यह बात छठे घण्टे के लगभग हुई। 
John 4:7 इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला। 
John 4:8 क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे। 
John 4:9 उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)। 
John 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता। 
John 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कूआं गहिरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया? 
John 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने हमें यह कूआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने ढोरों समेत उस में से पीया? 
John 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा। 
John 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा। 
John 4:15 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, वह जल मुझे दे ताकि मैं प्यासी न होऊं और न जल भरने को इतनी दूर आऊं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 24-26
  • तीतुस 2