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सोमवार, 31 दिसंबर 2018

अभी



      हमारी नातिन मैगी, और उसकी छोटी बहन केटी, दोनों छोटी बच्चियाँ, घर के पीछे आँगन में खेल रही थीं। खेलते हुए कुछ समय बीता था कि मैगी ने माँ को पुकारा, “माँ जल्दी से यहाँ आओ! मैं यीशु को अपने हृदय में बुलाना चाहती हूँ और इसके लिए मुझे आपकी सहायता की आवश्यकता है!” लगता है कि उस समय पर उसे यीशु की अपनी आवश्यकता का बोध हुआ, और वह यीशु में विश्वास करने के लिए तैयार थी।

      मैगी द्वारा यीशु में विश्वास करने में सहायता के लिए अपनी माँ को पुकारना, परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस द्वारा उद्धार के विषय 2 कुरिन्थियों 6 में लिखे गए शब्दों को स्मरण दिलाता है। पौलुस उस वास्तविकता की चर्चा कर रहा था कि यीशु मसीह पुनः आने वाला है – साथ ही उसके मारे जाने और पुनरुत्थान को – और बता रहा था कि यह समय “परमेश्वर की प्रसन्नता का समय” है। हम उस समय में रहते हैं जब परमेश्वर का अनुग्रह और उद्धार सँसार के सभी लोगों को उपलब्ध है। उसने कहा, “क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है” (पद 2)। उन सब के लिए, जिन्होंने अभी तक यीशु से सेंत-मेंत में मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार में विश्वास नहीं किया है, उन सब के लिए यह करने का समय अभी है; और यह अत्यावश्यक है।

      हो सकता है कि पवित्र आत्मा ने आपको आपकी इस आवश्यकत के विषय सचेत किया है, कि आप प्रभु यीशु में विश्वास ले आएँ। इसे टालें नहीं वरन तुरंत इस पर कार्यवाही करें, जैसे कि मैगी ने किया। अभी समय है; यीशु के पास आ जाएँ। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के परिवार का सदस्य बनने के लिए आज और अभी  से बेहतर कोई अन्य समय नहीं है।

वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए। - इब्रानियों 3:13

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:18-6:2
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है।
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो।
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।
2 Corinthians 6:1 और हम जो उसके सहकर्मी हैं यह भी समझाते हैं, कि परमेश्वर का अनुग्रह जो तुम पर हुआ, व्यर्थ न रहने दो।
2 Corinthians 6:2 क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • मलाकी 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 22



रविवार, 30 दिसंबर 2018

एकांत



      मैं चर्च के जिस कमरे में सहायता कर रही थी वहाँ बहुत कार्य और चहल-पहल थी। लगभग एक दर्जन बच्चे बातचीत कर रहे थे, खेल रहे थे। वहाँ इतनी अधिक गतिविधि हो रही थी कि कमरा गर्म होने लगा और मैंने दरवाज़े को थोड़ा सा खोल दिया। एक छोटे लड़के ने इसमें अपने बच निकलने का अवसर देखा, और जैसे ही उसे लगा कि उसे कोई नहीं देख रहा है, वह चुपचाप, दबे पाँव, दरवाज़े से बाहर निकल गया। मैं भी उसके पीछे-पीछे गई, और मुझे कोई अचरज नहीं हुआ यह देखकर कि वह सीधा अपने पिता की ओर जा रहा था।

      उस छोटे लड़के ने वह किया जो हमें करना चाहिए जब जीवन व्यस्त और अभिभूत करने वाला हो जाता है – अलग निकल कर पिता के पास चले जाएँ। प्रभु यीशु अपने स्वर्गीय पिता के साथ प्रार्थना में समय बिताने के अवसर ढूँढा करते थे। कोई यह कह सकता है कि उनकी शारीरिक ऊर्जा को कम करने वाली बातों का सामना और पूर्ति करने के लिए यही उनका तरीका था। परमेश्वर के वचन बाइबल में, मत्ती रचित सुसमाचार में, लिखा है कि प्रभु यीशु किसी एकांत स्थान की ओर जा रहे थे कि लोगों की भीड़ उनके पीछे हो ली। उनकी आवश्यकताओं को देखकर प्रभु ने चमत्कारिक रीति से उन्हें चंगाइयां दीं और उन्हें खिलाया भी। परन्तु यह सब करने के पश्चात वे “प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चला गया” (पद 23)।

      प्रभु यीशु ने अनेकों बार बहुतेरे लोगों की सहायता की, परन्तु उन्होंने अपने आप को थका हुआ और जल्दबाज़ी में पड़ा हुआ नहीं होने दिया। वे परमेश्वर के साथ अपने संबंध को प्रार्थना द्वारा पोषित करते थे। आप की क्या स्थिति है? क्या आप परमेश्वर के सामर्थ्य और भरपूरी का अनुभव करने के लिए उसके साथ एकांत में समय बिताएंगे? – जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हम जब परमेश्वर के निकट आते हैं तो हमारे मन तार-ओ-ताज़ा और हमारा बल नया हो जाता है।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह  40:31

बाइबल पाठ: मत्ती 14:13-23
Matthew 14:13 जब यीशु ने यह सुना, तो नाव पर चढ़कर वहां से किसी सुनसान जगह एकान्‍त में चला गया; और लोग यह सुनकर नगर नगर से पैदल उसके पीछे हो लिए।
Matthew 14:14 उसने निकलकर बड़ी भीड़ देखी; और उन पर तरस खाया; और उसने उन के बीमारों को चंगा किया।
Matthew 14:15 जब सांझ हुई, तो उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा; यह तो सुनसान जगह है और देर हो रही है, लोगों को विदा किया जाए कि वे बस्‍तियों में जा कर अपने लिये भोजन मोल लें।
Matthew 14:16 यीशु ने उन से कहा उन का जाना आवश्यक नहीं! तुम ही इन्हें खाने को दो।
Matthew 14:17 उन्होंने उस से कहा; यहां हमारे पास पांच रोटी और दो मछिलयों को छोड़ और कुछ नहीं है।
Matthew 14:18 उसने कहा, उन को यहां मेरे पास ले आओ।
Matthew 14:19 तब उसने लोगों को घास पर बैठने को कहा, और उन पांच रोटियों और दो मछिलयों को लिया; और स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया और रोटियां तोड़ तोड़कर चेलों को दीं, और चेलों ने लोगों को।
Matthew 14:20 और सब खाकर तृप्‍त हो गए, और उन्होंने बचे हुए टुकड़ों से भरी हुई बारह टोकिरयां उठाईं।
Matthew 14:21 और खाने वाले स्‍त्रियों और बालकों को छोड़कर पांच हजार पुरूषों के अटकल थे।
Matthew 14:22 और उसने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढ़ाया, कि वे उस से पहिले पार चले जाएं, जब तक कि वह लोगों को विदा करे।
Matthew 14:23 वह लोगों को विदा कर के, प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चढ़ गया; और सांझ को वहां अकेला था।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 13-14
  • प्रकाशितवाक्य 21



शनिवार, 29 दिसंबर 2018

मुद्रिका



      जब विदेश से आए एक व्यक्ति से मेरी जान-पहचान हुई तो मेरा ध्यान उसके विशिष्ट अंग्रेज़ी उच्चारण और छोटे ऊंगली में पहनी हुई मुद्रिका पर गया। बाद में मुझे पता चला कि वह मुद्रिका मात्र आभूषण नहीं था, वह उसके परिवार के इतिहास का भी सूचक है, उस मुद्रिका पर बने पारिवारिक चिन्ह के द्वारा।

      यह परमेश्वर के वचन बाइबल में, हाग्गै की पुस्तक में उल्लेखित मुद्रिका के समान था। पुराने नियम के इस भविष्यद्वक्ता की इस संक्षिप्त सी पुस्तक में हाग्गै लोगों से परमेश्वर के मंदिर के पुनःनिर्माण को फिर से आरंभ करने का आह्वान करता है। उन लोगों को देश से निष्कासित कर दिया गया था, फिर वे लौट कर अपने देश आए और उन्होंने मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ किया। परन्तु शत्रुओं के विरोध के कारण मंदिर निर्माण का कार्य रुक गया था। हाग्गै के सन्देश में यहूदा के अगुवे जरूब्बाबेल के लिए भी प्रतिज्ञा थी कि उसे एक मुद्रिका के समान चुनकर अगुवा नियुक्त किया गया था।

      प्राचीन समय में मुद्रिका को पहचान के माध्यम के समान भी प्रयोग किया जाता था। अपने नाम का हस्ताक्षर करने के स्थान पर लोग अपनी मुद्रिका को गर्म मोम या नर्म मिट्टी पर दबाकर अपना चिन्ह बना देते थे। परमेश्वर की सन्तान होने के नाते हम मसीही भी सँसार पर अपनी छाप छोड़ते हैं – अपने कार्यों, व्यवहार, सुसमाचार प्रचार, आस-पास के लोगों के साथ प्रेम के व्यवहार, सँसार में शोषण की समाप्ति के लिए कार्य करने, आदि के द्वारा।

      हम में से प्रत्येक की अपने विशिष्ट छाप है जो दिखाती है कि हम कैसे परमेश्वर के स्वरूप में सृजे गए हैं और हमें परमेश्वर ने, उसके कार्यों के लिए, क्या-क्या वरदान, इच्छाएँ और बुद्धिमता प्रदान की है। अब यह हम पर है कि अपनी बुलाहट के अनुसार परमेश्वर के लिए इस सँसार में उसकी मुद्रिका का कार्य करें – लोगों पर उसके प्रेम और उद्धार की छाप छोडें। - एमी बाउचर पाई


हम परमेश्वर के वारिस और राजदूत हैं, संसार पर उसके प्रेम की छाप छोड़ने के लिए।

सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। - 2 कुरिन्थियों 5:20

बाइबल पाठ: हाग्गै 2:15-23
Haggai 2:15 अब सोच-विचार करो कि आज से पहिले अर्थात जब यहोवा के मन्दिर में पत्थर पर पत्थर रखा ही नहीं गया था,
Haggai 2:16 उन दिनों में जब कोई अन्न के बीस नपुओं की आशा से जाता, तब दास ही पाता था, और जब कोई दाखरस के कुण्ड के पास इस आशा से जाता कि पचास बर्तन भर निकालें, तब बीस ही निकलते थे।
Haggai 2:17 मैं ने तुम्हारी सारी खेती को लू और गरूई और ओलों से मारा, तौभी तुम मेरी ओर न फिरे, यहोवा की यही वाणी है।
Haggai 2:18 अब सोच-विचार करो, कि आज से पहिले अर्थात जिस दिन यहोवा के मन्दिर की नेव डाली गई, उस दिन से ले कर नौवें महीने के इसी चौबीसवें दिन तक क्या दशा थी? इसका सोच-विचार करो।
Haggai 2:19 क्या अब तक बीज खत्ते में है? अब तक दाखलता और अंजीर और अनार और जलपाई के वृक्ष नहीं फले, परन्तु आज के दिन से मैं तुम को आशीष देता रहूंगा।
Haggai 2:20 उसी महीने के चौबीसवें दिन को दूसरी बार यहोवा का यह वचन हाग्गै के पास पहुंचा, यहूदा के अधिपति जरूब्बाबेल से यों कह :
Haggai 2:21 मैं आकाश और पृथ्वी दोनों को कम्पाऊंगा,
Haggai 2:22 और मैं राज्य-राज्य की गद्दी को उलट दूंगा; मैं अन्यजातियों के राज्य-राज्य का बल तोडूंगा, और रथों को चढ़वैयों समेत उलट दूंगा; और घोड़ों समेत सवार एक दूसरे की तलवार से गिरेंगे।
Haggai 2:23 सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है, उस दिन, हे शालतीएल के पुत्र मेरे दास जरूब्बाबेल, मैं तुझे ले कर अंगूठी के समान रखूंगा, यहोवा की यही वाणी है; क्योंकि मैं ने तुझी को चुन लिया है, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 9-12
  • प्रकाशितवाक्य 20



शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

प्रेम



      जून 2015 में पैरिस शहर के अधिकारियों ने पदयात्रियों के प्रयोग के लिए बने पुल पोंट-डे-आर्ट्स के किनारों की सांकलों पर से पैंतालीस टन वजन के ताले हटाए। प्रेमी जोड़े, अपने प्रेम भाव के प्रदर्शन के तौर पर तालों पर अपने नाम खरोंच कर उसे पुल की सांकलों पर लगा देते हैं और चाबी को नीचे बह रही सीएन नदी में फेंक देते हैं। हज़ारों बार इस परंपरा के निर्वाह के कारण वह पुल उस “प्रेम” के भार से इतना बोझिल हो गया कि अधिकारियों को उसके बने रहने पर शंका होने लगी, और उन्हें वे “प्रेम के बंधन” वहाँ से हटाने पड़े।

      उन तालों का उद्देश्य चिर-स्थाई प्रेम को व्यक्त करना था, परन्तु मानवीय प्रेम सदा ही बना नहीं रहता है। अंतरंग मित्रों में परस्पर मतभेद हो जाते हैं, संभव है कि जिन्हें वे कभी नहीं सुलझाएं। परिवार के सदस्यों में वाद-विवाद हो जाते हैं और वे एक दूसरे को कभी क्षमा न करें। एक पति और पत्नि एक-दूसरे से अलग होकर अपने अपने रास्तों पर इतनी दूर चले जा सकते हैं कि उन्हें स्मरण ही न आए कि उन्होंने विवाह किया ही क्यों था। मानवीय प्रेम अस्थिर हो सकता है।

      परन्तु एक स्थिर और सदा बने रहने वाला प्रेम  है – परमेश्वर का प्रेम। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने भजन 106:1 में कहा है “याह की स्तुति करो! यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है!” समस्त पवित्र शास्त्र के प्रत्येक भाग में परमेश्वर के कभी न बदलने वाले और अटल प्रेम की प्रतिज्ञाएँ विद्यमान हैं। उसके इस प्रेम का सबसे महान प्रमाण है परमेश्वर द्वारा अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह का बलिदान देना ताकि जो कोई उसपर विश्वास करे वह नाश न हो परन्तु अनन्त जीवन पाए। साथ ही उसकी यह भी प्रतिज्ञा है कि ऐसी कोई भी बात, कोई भी वस्तु नहीं है जो हमें उसके प्रेम से अलग कर सके (रोमियों 8:38-39)।

      हम मसीही विश्वासी परमेश्वर के साथ उसके प्रेम के बंधन में सदा के लिए बन्ध गए हैं। - सिंडी हैस कैस्पर


मसीह यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान मेरे लिए परमेश्वर के प्रेम का माप हैं।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।  - यूहन्ना  3:16

बाइबल पाठ: रोमियों 8: 29-39
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों के समान गिने गए हैं।
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ्य, न ऊंचाई,
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 5-8
  • प्रकाशितवाक्य 19



गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

सादगी



      मेरे पिता का अस्पताल का कमरा उनसे मिलने आए मेहमानों के ठहाकों से गूंज उठा: दो वृद्ध ट्रक चालाक, एक भूतपूर्व लोक-गीत गायक, एक कारीगर, और पड़ौस के फ़ार्म से आई दो महिलाएँ तथा मैं, वहाँ पिताजी मिलने आए हुए थे। उस कारीगर ने अपनी कहानी को आगे बताते हुए कहा “...फिर वह उठा और बोतल को मेरे सर पर मारकर तोड़ दिया।”

      इस हास्यास्पद स्मृति को सुनकर कमरा हंसी से भर गया। पिताजी, जो कैंसर से लड़ रहे थे, ने साँस लेने के लिए संघर्ष करते हुए सब लोगों को स्मरण करवाया कि, “रैंडी अब एक मसीही प्रचारक है” उनका तात्पर्य था कि मेरी उपस्थिति में जो कहा जाए वह इस बात का ध्यान रखते हुए हो। उनके यह कहने पर दो सेकेंड के लिए तो कमरे में शान्ति रही, और मेरे विषय इस समाचार को सुनने के पश्चात कमरा फिर से और भी अधिक ऊँची आवाज़ में हंसी से भर गया।

      मिलने आए लगभग चालीस मिनिट हो चुके थे कि उस कारीगर ने अचानक ही अपना गला साफ़ करके मेरे पिता की ओर देखते हुए गंभीरता से कहा, “हॉवर्ड, मेरे लिए अब वह पीना और बार में लड़ाई करना समाप्त हो गया है। मेरे लिए वे दिन अब बीत चुके हैं। अब मेरे जीने का भिन्न कारण है, और मैं तुम्हें अपने उद्धारकर्ता के बारे में बताना चाहता हूँ।

      और फिर उसने यही किया भी, मेरे पिता के चकित करने वाले केवल हलके से विरोध के साथ। यदि सुसमाचार सुनाने का उससे मनोहर और कोमल कोई तरीका है, जैसा उन्होंने तब सुनाया, तो आज तक मैंने उस तरीके को कभी नहीं सुना है। मेरे पिताजी देखते और सुनते रहे, और कुछ वर्षों के पश्चात उन्होंने भी प्रभु यीशु में विश्वास कर लिया।

      वह एक मित्र के द्वारा, जो सादगी का जीवन जी रहा था, सादगी से दी गई जीवन की गवाही थी। उसने मुझे स्मरण करवाया कि सादगी का अर्थ भोला-भाला या मूर्ख होना नहीं है; वह स्पष्ट और आडंबर-रहित होता है। वैसे ही जैसे प्रभु यीशु मसीह थे, और उनके द्वारा सारे सँसार के लिए उप्ल्बध करवाया गया उद्धार आज भी है। - रैंडी किल्गोर


यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:19-20

बाइबल पाठ: 2 पतरस 1:12-21
2 Peter 1:12 इसलिये यद्यपि तुम ये बातें जानते हो, और जो सत्य वचन तुम्हें मिला है, उस में बने रहते हो, तौभी मैं तुम्हें इन बातों की सुधि दिलाने को सर्वदा तैयार रहूंगा।
2 Peter 1:13 और मैं यह अपने लिये उचित समझता हूं, कि जब तक मैं इस डेरे में हूं, तब तक तुम्हें सुधि दिला दिलाकर उभारता रहूं।
2 Peter 1:14 क्योंकि यह जानता हूं, कि मसीह के वचन के अनुसार मेरे डेरे के गिराए जाने का समय शीघ्र आने वाला है।
2 Peter 1:15 इसलिये मैं ऐसा यत्‍न करूंगा, कि मेरे कूच करने के बाद तुम इन सब बातों को सर्वदा स्मरण कर सको।
2 Peter 1:16 क्योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ्य का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था।
2 Peter 1:17 कि उसने परमेश्वर पिता से आदर, और महिमा पाई जब उस प्रतापमय महिमा में से यह वाणी आई कि यह मेरा प्रिय पुत्र है जिस से मैं प्रसन्न हूं।
2 Peter 1:18 और जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे, तो स्वर्ग से यही वाणी आते सुनी।
2 Peter 1:19 और हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा है और तुम यह अच्छा करते हो, कि जो यह समझ कर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अन्धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।
2 Peter 1:20 पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती।
2 Peter 1:21 क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जा कर परमेश्वर की ओर से बोलते थे।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 18



बुधवार, 26 दिसंबर 2018

प्रतीक्षा



      कभी-कभी मैं मजाक करती हूँ कि मैं एक पुस्तक लिखूंगी जिसका शीर्षक होगा “समय पर”; जो मुझे जानते हैं वे यह सुनकर मुस्कुराते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि मैं अकसर विलंबित रहती हूँ। मैं तर्क देती हूँ कि मेरा विलंब मेरी आशावान प्रवृत्ति का सूचक है, न कि मेरे प्रयास न करने का परिणाम। मैं अपेक्षा के साथ इस धारणा को थामे रहती हूँ कि “इस बार” मैं पहले की अपेक्षा कम समय में और अधिक करने पाऊँगी। परन्तु यह धारणा अकसर गलत ही होती है, और इसलिए मैं फिर से विलंबित हो जाती हूँ।

      इसकी तुलना में, परमेश्वर का कार्य सदा ही समय से होता है। हमें प्रतीत हो सकता है कि वह विलंब कर रहा है, परन्तु ऐसा होता नहीं है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम अनेकों स्थानों पर लोगों के विषय में पढ़ते हैं कि वे परमेश्वर के समय को लेकर अधीर हो गए। पवित्र शास्त्र हमें बताता है कि इस्राएली भी प्रतिज्ञा किए हुए मसीहा की प्रतीक्षा करत-करते अधीर हो गए और उनमें से कुछ ने तो आशा ही छोड़ दी। परन्तु प्रभु यीशु के जन्म से संबंधित वृतान्त में हम पढ़ते हैं कि मंदिर में रहकर सेवा करने वाले लोगों में से दो, हन्नाह और शमौन अधीर नहीं हुए। वे प्रतिदिन मंदिर में प्रार्थना और प्रतीक्षा करते रहे (लूका 2:25-26, 37)। उनके विश्वास को प्रतिफल मिला और उन्हें शिशु यीशु को देखने का अवसर मिला जब मरियम और यूसुफ यीशु को मंदिर में समर्पण के लिए लेकर आए (पद 27-32, 38)।

      हम जब भी इस बात को लेकर निराश अनुभव करें कि परमेश्वर हमारी समय-सारणी के अनुसार प्रतिक्रया नहीं दे रहा है, तो क्रिसमस के सन्देश को स्मरण करें कि “परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ। ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल ले कर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले” (गलातियों 4:4-5)। परमेश्वर का समय सदा सिद्ध होता है और उसके समय की प्रतीक्षा करना हमारे लिए लाभकारी। - जूली ऐकैर्मैन लिंक


परमेश्वर का समय ही सदा सही होता है – धैर्य के साथ उसकी प्रतीक्षा करें।

पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के। इन दिनों के अन्‍त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्‍तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्‍टि रची है। वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्‍व की छाप है, और सब वस्‍तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा। - इब्रानियों 1:1-3

बाइबल पाठ: लूका 2:25-38
Luke 2:25 और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्‍ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था।
Luke 2:26 और पवित्र आत्मा से उसको चितावनी हुई थी, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख ने लेगा, तक तक मृत्यु को न देखेगा।
Luke 2:27 और वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और जब माता-पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये व्यवस्था की रीति के अनुसार करें।
Luke 2:28 तो उसने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद कर के कहा,
Luke 2:29 हे स्‍वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्‍ति से विदा करता है।
Luke 2:30 क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है।
Luke 2:31 जिसे तू ने सब देशों के लोगों के साम्हने तैयार किया है।
Luke 2:32 कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो।
Luke 2:33 और उसका पिता और उस की माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आश्चर्य करते थे।
Luke 2:34 तब शमौन ने उन को आशीष देकर, उस की माता मरियम से कहा; देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाएगीं --
Luke 2:35 वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा-- इस से बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे।
Luke 2:36 और अशेर के गोत्र में से हन्नाह नाम फनूएल की बेटी एक भविष्यद्वक्तिन थी: वह बहुत बूढ़ी थी, और ब्याह होने के बाद सात वर्ष अपने पति के साथ रह पाई थी।
Luke 2:37 वह चौरासी वर्ष से विधवा थी: और मन्दिर को नहीं छोड़ती थी पर उपवास और प्रार्थना कर कर के रात-दिन उपासना किया करती थी।
Luke 2:38 और वह उस घड़ी वहां आकर प्रभु का धन्यवाद करने लगी, और उन सभों से, जो यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोहते थे, उसके विषय में बातें करने लगी।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • हाग्गै 1-2
  • प्रकाशितवाक्य 17



मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

आनन्द


      सिंगापुर में मसीही प्रकाशकों के एक सम्मलेन के अंतिम दिन, 50 देशों से भाग लेने आए 280 लोगों को होटल के प्रांगण में एकत्रित किया गया उनके समूह की तस्वीर खींचने के लिए। तस्वीर को खींचने के लिए फोटोग्राफर होटल की दूसरे मंजिल की बालकनी में गया और अलग अलग कोणों से तसवीरें लेने लगा, और फिर अन्त में उसने कहा, “काम हो गया।” एकत्रित भीड़ में से किसी की आवाज़ आई, “अच्छा है; खुश हो!” तुरंत ही किसी अन्य ने प्रत्युत्तर में गाना आरंभ किया “खुदावंद आया है।” और एक के बाद एक लोग उस क्रिसमस के गीत में सम्मिलित होते चले गए, और शीघ्र ही सारा समूह क्रिसमस के इस सुन्दर और परिचित गीत को गा रहा था। वह आनन्द और एकता का ऐसा अद्भुत प्रदर्शन था जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका रचित सुसमाचार में हम पाते हैं कि एक स्वर्गदूत ने यीशु के जन्म की घोषणा चरवाहों के एक झुण्ड को की थी, यह कहते हुए कि, “मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है” (लूका 2:10-11)।

      वह आनन्द का समाचार थोड़े से ही लोगों के लिए नहीं था, वरन सब के लिए था, “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए” (यूहन्ना 3:16)।

      जब हम यीशु के जीवन परिवर्तित करने वाले सुसमाचार को औरों के साथ बाँटते हैं, तब हम सँसार भर के मसीही विश्वासियों के साथ सम्मिलित होकर प्रभु यीशु मसीह की “धार्मिकता की महिमा और उसके प्रेम के आश्चर्य” को प्रकट करते हैं।

      “खुश हो खुदावंद आया है!” – डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु यीशु के जन्म का शुभ-सन्देश सभी लोगों के लिए आनन्द का स्त्रोत है।

प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं; - यशायाह 61:1

बाइबल पाठ: लूका 2:8-14
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे।
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए।
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा।
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे।
Luke 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया।
Luke 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • सपन्याह 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 16


सोमवार, 24 दिसंबर 2018

आनन्द और ज्योति



      हिटलर का खुला विरोध करने के कारण पास्टर मार्टिन निमोलर को आठ वर्ष नाट्ज़ी नज़रबंदियों के शिविर में बिताने पड़े। उन्होंने 1944 के क्रिसमस की पूर्व-संध्या को दिए गए अपने सन्देश में डकाऊ शिविर के अपने साथी बंदियों से आशा के ये शब्द कहे: “मेरे प्रिय मित्रों, इस क्रिसमस पर...हम बेतलेहम के शिशु में उसे खोजें जो हमारे साथ हर वह बात बाँटने आया था जो हम पर बोझ है...स्वयं परमेश्वर ने अपने और हमारे मध्य एक सेतू बनाया है! ऊपर से ज्योति हम तक पहुँची है!”

      क्रिसमस पर हम परमेश्वर के सुसमाचार को गले लगाते हैं, कि परमेश्वर मसीह में हम तक आया है, हम चाहे जहाँ भी हों, और उसके तथा हमारे मध्य की दूरी को पाट दिया है। वह हमारे अन्धकार के कैदखाने में अपनी ज्योति में होकर आता है और हमें दबाने वाले दुःख, दोष, या अकेलेपन के बोझ को उठा लेता है।

      कैदखाने के अन्धकार में उस क्रिसमस की पूर्व-संध्या पर, निमोलर ने यह शुभ-सन्देश बाँटा: “चरवाहों को घेरने वाली उस ज्योति में से हमारे अन्धकार पर भी ज्योति की एक किरण पड़ेगी।” उनके शब्द हमें परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता के शब्दों का स्मरण करवाते हैं, जिसने भविष्यवाणी करते हुए कहा था: “जो लोग अन्धियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा; और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी” (यशायाह 9:2)।

      हम आज चाहे जहाँ भी हों, यीशु हमारे अंधकारमय सँसार में अपने आनन्द और ज्योति के साथ प्रवेश कर चुका है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


क्रिसमस का आनन्द यीशु है।

कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उन के पापों की क्षमा से प्राप्त होता है। यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा। कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए। - लूका 1:77-79

बाइबल पाठ: यशायाह 9:1-7
Isaiah 9:1 तौभी संकट-भरा अन्धकार जाता रहेगा। पहिले तो उसने जबूलून और नप्ताली के देशों का अपमान किया, परन्तु अन्तिम दिनों में ताल की ओर यरदन के पार की अन्यजातियों के गलील को महिमा देगा।
Isaiah 9:2 जो लोग अन्धियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा; और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी।
Isaiah 9:3 तू ने जाति को बढ़ाया, तू ने उसको बहुत आनन्द दिया; वे तेरे साम्हने कटनी के समय का सा आनन्द करते हैं, और ऐसे मगन हैं जैसे लोग लूट बांटने के समय मगन रहते हैं।
Isaiah 9:4 क्योंकि तू ने उसकी गर्दन पर के भारी जूए और उसके बहंगे के बांस, उस पर अंधेर करने वाले की लाठी, इन सभों को ऐसा तोड़ दिया है जेसे मिद्यानियों के दिन में किया था।
Isaiah 9:5 क्योंकि युद्ध में लड़ने वाले सिपाहियों के जूते और लोहू में लथड़े हुए कपड़े सब आग का कौर हो जाएंगे।
Isaiah 9:6 क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा।
Isaiah 9:7 उसकी प्रभुता सर्वदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शान्ति का अन्त न होगा, इसलिये वे उसको दाऊद की राजगद्दी पर इस समय से ले कर सर्वदा के लिये न्याय और धर्म के द्वारा स्थिर किए ओर संभाले रहेगा। सेनाओं के यहोवा की धुन के द्वारा यह हो जाएगा।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • हबक्कूक 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 15



रविवार, 23 दिसंबर 2018

क्या?



      एक वर्ष, जिन्हें क्रिसमस के लिए चर्च की सजावट करनी थी, उन्होंने निर्णय लिया कि सजाने के लिए वे पारंपरिक सुनहरे और चमकीले सजावटी सामान के स्थान पर “क्रिसमस सूची” का उपयोग करेंगे। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को एक लाल या हरे रंग का टोकन दिया, और कहा कि उसके एक ओर वे वह लिखें जो वे प्रभु यीशु से प्राप्त करना चाहेंगे, और दूसरी ओर वह लिखें जो वे प्रभु यीशु को, जिसका जन्मदिन वे मना रहे थे, देना चाहेंगे।

      यदि आपको ऐसा करना होता तो आप क्या उपहार माँगते, और क्या देने का प्रस्ताव रखते? परमेश्वर का वचन बाइबल हमें इनके विषय बहुत से सुझाव देती है। परमेश्वर की प्रतिज्ञा है कि वह हमारी प्रत्येक आवश्यकता को पूरा करेगा; इसलिए हम उससे कोई नया काम, या आर्थिक परिस्थतियों के लिए कुछ सहायता, या अपने या किसी और के लिए शारीरिक चंगाई, या किसी के साथ टूटे हुए संबंध का बहाल होना, इत्यादि माँग सकते हैं। हम अपने आत्मिक वरदानों के विषय भी सोच सकते हैं कि परमेश्वर की सेवकाई करने के लिए उसने हमें कौन सा वरदान दिया है? उन वरदानों में से अधिकांश हमें रोमियों 12, और 1 कुरिन्थियों 12 में लिखे मिलते हैं। या हम यह भी इच्छा रख सकते हैं कि हम में आत्मा के फल (गलातियों 5:22-23), प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वासयोग्यता, कोमलता, और संयम और भी अधिक दिखाई दें।

      जो सबसे महत्वपूर्ण उपहार हम प्राप्त कर सकते हैं वह है परमेश्वर का पुत्र, हमारा उद्धारकर्ता, प्रभु यीशु, और उसके साथ पापों से क्षमा, नया जीवन, और अनन्त आत्मिक जीवन – जो अभी यहाँ आरंभ होगा और मृत्योप्रांत भी अनन्तकाल तक चलता रहेगा, की प्रतिज्ञा। और जो सबसे महत्वपूर्ण उपहार हम प्रभु यीशु को दे सकते हैं वह है हमारा हृदय, हमारा जीवन – उसे समर्पित, उसके आज्ञाकारी, और उसके गवाह बनकर रहने के लिए। - मेरियन स्ट्राउड


यदि मैं बुद्धिमान व्यक्ति होती, तो मैं उसके लिए अपने कार्य करती; 
परन्तु मैं उसे क्या दे सकती – अपना हृदय दे देती। - क्रिस्टीना जी. रोज़ेटी

क्योंकि तू मेलबलि से प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता। टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता। - भजन 51:16-17

बाइबल पाठ: भजन 103:1-18
Psalms 103:1 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे!
Psalms 103:2 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना।
Psalms 103:3 वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है,
Psalms 103:4 वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है,
Psalms 103:5 वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब के समान नई हो जाती है।
Psalms 103:6 यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है।
Psalms 103:7 उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए।
Psalms 103:8 यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है।
Psalms 103:9 वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा।
Psalms 103:10 उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है।
Psalms 103:11 जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है।
Psalms 103:12 उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है।
Psalms 103:13 जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है।
Psalms 103:14 क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।
Psalms 103:15 मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल के समान फूलता है,
Psalms 103:16 जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है।
Psalms 103:17 परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती-पोतों पर भी प्रगट होता रहता है,
Psalms 103:18 अर्थात उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण कर के उन पर चलते हैं।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • नहूम 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 14



शनिवार, 22 दिसंबर 2018

उपहार



      उत्तरी इंग्लैण्ड में आयोजित की गई एक शीत-कालीन सभा में, एक व्यक्ति ने प्रश्न पूछा, “आपका सबसे पसंदीदा क्रिसमस उपहार क्या था?” खिलाड़ी दिखने वाला एक हट्टा-कट्टा व्यक्ति, इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए आतुर दिखाई दिया। उसने अपने साथ बैठे अपने मित्र की ओर देखते हुए कहा, “यह तो सरल है; कुछ वर्ष पहले मैंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और मैं सोच रहा था कि निश्चय ही मैं व्यावासायिक फुटबॉल का खिलाड़ी बन जाऊँगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मैं बहुत क्रोधित हो गया। कुंठा मुझे अन्दर से खाने लगी, और जो कोई भी मेरी सहायता करने के प्रयास करता, उसे मेरी इस कड़ुवाहट का सामना करना पड़ता।”

      उसने अपने मित्र की ओर संकेत करते हुए आगे कहा, “इससे अगले वर्ष और अगले क्रिसमस के समय, बिना फुटबॉल के दूसरे वर्ष में, मैं इस व्यक्ति के चर्च में क्रिसमस के नाटक को देखने के लिए गया। इसलिए नहीं क्योंकि मैं यीशु को चाहता था, परन्तु इसलिए क्योंकि वहाँ मेरी भांजी उस नाटक में भाग ले रही थी, और मैं उसे देखना चाहता था। इसके बाद जो हुआ उसका वर्णन करना तो कठिन है, क्योंकि वह मूर्खतापूर्ण लगता है, परन्तु वहाँ पर उस समय, उन बच्चों के नाटक के दौरान, मुझे लगा कि मुझे भी वहाँ उन चरवाहों और स्वर्गदूतों के साथ यीशु से मिलने वालों में होना चाहिए। जब उन लोगों ने क्रिसमस का भजन ‘सायलेंट नाईट’ गाना समाप्त किया, तब मैं वहाँ बैठ कर रो रहा था।”

      “मुझे मेरा सबसे अच्छा क्रिसमस उपहार वहाँ, उस रात्रि को तब मिला,” एक बार फिर अपने मित्र की ओर संकेत करते हुए वह बोला, “जब इसने अपने परिवार को तो घर भेज दिया परन्तु स्वयँ मेरे साथ वहीं रुक गया और मुझे बताया कि मैं यीशु से कैसे मिल सकता हूँ।” और तभी उसका वह मित्र भी उसकी ओर संकेत करते हुए बोल उठा, “और मित्रों, मुझे मिलने वाला भी वही सबसे अच्छा क्रिसमस का उपहार था।”

      इस क्रिसमस, आनन्द के साथ, प्रभु यीशु के जन्म की कहानी को हम औरों को सुनाने वाले बन सकें। - रैंडी किल्गोर


सर्वोत्तम क्रिसमस उपहार प्रभु यीशु द्वारा प्रदान किया जाने वाला, 
शान्ति, पाप क्षमा, और उद्धार के सुसमाचार का उपहार  है।

तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। - लूका 2:10-11

बाइबल पाठ: 1 पतरस 3:8-16
1 Peter 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो।
1 Peter 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो।
1 Peter 3:10 क्योंकि जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्‍छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे।
1 Peter 3:11 वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्‍न में रहे।
1 Peter 3:12 क्योंकि प्रभु की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु प्रभु बुराई करने वालों के विमुख रहता है।
1 Peter 3:13 और यदि तुम भलाई करने में उत्तेजित रहो तो तुम्हारी बुराई करने वाला फिर कौन है?
1 Peter 3:14 और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ।
1 Peter 3:15 पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ।
1 Peter 3:16 और विवेक भी शुद्ध रखो, इसलिये कि जिन बातों के विषय में तुम्हारी बदनामी होती है उनके विषय में वे, जो तुम्हारे मसीही अच्‍छे चालचलन का अपमान करते हैं लज्ज़ित हों।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 6-7
  • प्रकाशितवाक्य 13



शुक्रवार, 21 दिसंबर 2018

अवसर



      न्यू यॉर्क के एक चर्च के बाहर लगी क्रिसमस की झाँकी की चरनी में किसी ने एक कुछ ही घंटे के नवजात शिशु को रख दिया। एक जवान, परेशान माँ ने उसे अच्छे से लपेट कर जिससे वह गर्म रहे उसे ऐसे स्थान पर छोड़ दिया जहाँ वह दिखाई दे सके और उठा लिया जाए। यदि हम उस माँ पर कोई दोषारोपण करना चाहते हैं तो ऐसा करने के स्थान पर हमें धन्यवादी होना चाहिए कि उस शिशु के पास अब जीवन में अवसर होगा, वह बढ़ सकेगा।

      यह मेरे लिए व्यक्तिगत है, क्योंकि मैं भी एक गोद लिया गया बच्चा हूँ। मुझे अपने जन्म से संबंधित किसी भी बात की कोई भी जानकारी नहीं है; परन्तु मैंने कभी जीवन में अपने आप को त्यागा हुआ या असहाय महसूस नहीं किया है। मैं इतना जानता हूँ: मेरी दो माँ हैं, जो मुझे जीवन में अवसर प्रदान करना चाहती थीं। एक ने मुझे जीवन दिया, और दूसरी ने अपना जीवन मुझ में निवेश किया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम निर्गमन की पुस्तक में एक प्रेम करने वाली किन्तु परिस्थतियों से परेशान माँ के विषय पढ़ते हैं। मिस्र के राजा, फिरौन ने यहूदियों के घर जन्म लेने वाले सभी लड़कों को मार डालने की आज्ञा निकाली था (निर्गमन 1:22), इसलिए मूसा की माँ ने उसे तब तक छिपाए रखा जब तक संभव हुआ। जब मूसा तीन माह का हो गया, तो उसने मूसा को एक सुरक्षित टोकरी में रखकर उसे नील नदी में छोड़ दिया। यदि उसकी योजना थी कि वह शिशु एक राजकुमारी के द्वारा बचाया जाए, फिरौन के राजमहल में उसका पालन-पोषण हो, और अन्ततः वह अपने लोगों को उनके दासत्व से छुड़ाए, तो यह योजना भली-भांति पूरी हुई।

      जब एक परेशान माँ अपने बच्चे को अवसर प्रदान करती है, परमेश्वर वहाँ से उसे संभाल सकता है, आगे बढ़ा सकता है। यह परमेश्वर की प्रवृत्ति है – और वह ऐसा कल्पना से बढ़कर रचनात्मक विधियों से कर सकता है। - टिम गुस्ताफ्सन


मसीह यीशु के प्रेम को बाँटने वाले बनें।

मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा। - भजन 27:10

बाइबल पाठ: निर्गमन 1:22-2:10
Exodus 1:22 तब फिरौन ने अपनी सारी प्रजा के लोगों को आज्ञा दी, कि इब्रियों के जितने बेटे उत्पन्न हों उन सभों को तुम नील नदी में डाल देना, और सब बेटियों को जीवित रख छोड़ना।
Exodus 2:1 लेवी के घराने के एक पुरूष ने एक लेवी वंश की स्त्री को ब्याह लिया।
Exodus 2:2 और वह स्त्री गर्भवती हुई और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ; और यह देखकर कि यह बालक सुन्दर है, उसे तीन महीने तक छिपा रखा।
Exodus 2:3 और जब वह उसे और छिपा न सकी तब उसके लिये सरकंड़ों की एक टोकरी ले कर, उस पर चिकनी मिट्टी और राल लगाकर, उस में बालक को रखकर नील नदी के तीर पर कांसों के बीच छोड़ आई।
Exodus 2:4 उस बालक कि बहिन दूर खड़ी रही, कि देखे इसका क्या हाल होगा।
Exodus 2:5 तब फिरौन की बेटी नहाने के लिये नदी के तीर आई; उसकी सखियां नदी के तीर तीर टहलने लगीं; तब उसने कांसों के बीच टोकरी को देखकर अपनी दासी को उसे ले आने के लिये भेजा।
Exodus 2:6 तब उसने उसे खोल कर देखा, कि एक रोता हुआ बालक है; तब उसे तरस आया और उसने कहा, यह तो किसी इब्री का बालक होगा।
Exodus 2:7 तब बालक की बहिन ने फिरौन की बेटी से कहा, क्या मैं जा कर इब्री स्त्रियों में से किसी धाई को तेरे पास बुला ले आऊं जो तेरे लिये बालक को दूध पिलाया करे?
Exodus 2:8 फिरौन की बेटी ने कहा, जा। तब लड़की जा कर बालक की माता को बुला ले आई।
Exodus 2:9 फिरौन की बेटी ने उस से कहा, तू इस बालक को ले जा कर मेरे लिये दूध पिलाया कर, और मैं तुझे मजदूरी दूंगी। तब वह स्त्री बालक को ले जा कर दूध पिलाने लगी।
Exodus 2:10 जब बालक कुछ बड़ा हुआ तब वह उसे फिरौन की बेटी के पास ले गई, और वह उसका बेटा ठहरा; और उसने यह कहकर उसका नाम मूसा रखा, कि मैं ने इस को जल से निकाल लिया।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • मीका 4-5
  • प्रकाशितवाक्य 12



गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

आनन्द



      जब जैनेट अंग्रजी की शिक्षिका बनकर विदेश के एक स्कूल में गई तो उसने पाया कि वहाँ का वातावरण निराशाजनक और उदासीन था। लोग अपने कार्य तो करते थे परन्तु कोई प्रसन्न नहीं लगता था। वे न तो एक दूसरे को प्रोत्साहित करते थे और न ही एक दूसरे की सहायता करते थे। परन्तु जैनेट, परमेश्वर के प्रति उसके प्रावधानों के लिए अपनी कृतज्ञता को अपने प्रत्येक कार्य द्वारा व्यक्त करती थी। वह मुस्कुराती थी; वह मित्रवत रहती थी; वह आगे बढ़कर लोगों की सहायता करती थी; और वह भजन गाती या गुनगुनाती रहती थी।

      जैनेट अपने आनन्द को लोगों के साथ बांटती रही और धीरे-धीरे करके स्कूल का वातावरण बदलने लगा। एक-एक करके लोग मुस्कुराने लगे और एक दूसरे की सहायता करने लगे। जब एक प्रशासनिक अधिकारी ने अपने दौरे के समय स्कूल के प्रधानाचार्य से पूछा कि उसका स्कूल औरों से इतना भिन्न क्यों है, तो उस प्रधानाचार्य ने, जो प्रभु यीशु में विश्वासी नहीं था, उत्तर दिया, “यीशु आनन्द लाता है।” जैनेट प्रभु यीशु के आनन्द से भरपूर थी और वह आनन्द उसके चारों ओर के लोगों पर छलक रहा था, प्रभु के द्वारा बदले हुए जैनेट के जीवने से प्रभु की गवाही दे रहा था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका रचित सुसमाचार हमें बताता है कि परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को साधारण चरवाहों के पास असाधारण समाचार को लेकर भेजा। स्वर्गदूत ने चकित कर देने वाली घोषणा की, कि वह नवजात शिशु “सबके लिए आनन्द लेकर आएगा” (लूका 2:10), और उसने ऐसा ही किया भी।

      तब से लेकर अब तक, सदियों से यह समाचार, प्रभु यीशु के अनुयायियों के द्वारा सारे सँसार के सभी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। प्रभु के लोगों में वास करने वाले परमेश्वर पवित्र आत्मा की अगुवाई में हम प्रभु यीशु के अनुयायी, प्रभु में मिलने वाले पापों की क्षमा और उद्धार के आनन्द के समाचार को दूसरों तक पहुंचाते हैं, और प्रभु के उदाहरण का अनुसरण करते हुए औरों की सेवा तथा सहायता करते हैं। - जूली एकरमैन लिंक


क्रिसमस के आनन्द को अपने साथ प्रतिदिन लेकर चलें।

तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। - लूका 2:10

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:16-24
John 16:16 थोड़ी देर तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे।
John 16:17 तब उसके कितने चेलों ने आपस में कहा, यह क्या है, जो वह हम से कहता है, कि थोड़ी देर में तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे? और यह इसलिये कि मैं पिता के पास जाता हूं?
John 16:18 तब उन्होंने कहा, यह थोड़ी देर जो वह कहता है, क्या बात है? हम नहीं जानते, कि क्या कहता है।
John 16:19 यीशु ने यह जानकर, कि वे मुझ से पूछना चाहते हैं, उन से कहा, क्या तुम आपस में मेरी इस बाते के विषय में पूछ पाछ करते हो, कि थोड़ी देर में तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे।
John 16:20 मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा: तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जाएगा।
John 16:21 जब स्त्री जनने लगती है तो उसको शोक होता है, क्योंकि उस की दु:ख की घड़ी आ पहुंची, परन्तु जब वह बालक जन्म चुकी तो इस आनन्द से कि जगत में एक मनुष्य उत्पन्न हुआ, उस संकट को फिर स्मरण नहीं करती।
John 16:22 और तुम्हें भी अब तो शोक है, परन्तु मैं तुम से फिर मिलूंगा और तुम्हारे मन में आनन्द होगा; और तुम्हारा आनन्द कोई तुम से छीन न लेगा।
John 16:23 उस दिन तुम मुझ से कुछ न पूछोगे: मैं तुम से सच सच कहता हूं, यदि पिता से कुछ मांगोगे, तो वह मेरे नाम से तुम्हें देगा।
John 16:24 अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं मांगा; मांगो तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • मीका 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 11



बुधवार, 19 दिसंबर 2018

प्रेम



      जब 1950 में कोरिया में युद्ध छिड़ गया, तो पन्द्रह वर्षीय किम चिन-क्युंग ने दक्षिणी कोरिया की सेना में भर्ती ली कि अपने गृहभूमि की रक्षा करे। परन्तु उसने शीघ्र ही जान लिया कि वह युद्ध के विभीषिका के लिए तैयार नहीं था। अपने चारों ओर अपने युवा साथियों को मरते हुए देखकर उसने परमेश्वर से अपने प्राणों को बचाने की विनती की और प्रतिज्ञा की, कि यदि उसे जीने दिया जाता है, तो वह अपने शत्रुओं से भी प्रेम करना सीखेगा।

      पैंसठ वर्ष पश्चात, डॉ० किम ने उस उत्तर पाई हुई प्रार्थना के विषय विचार किया। दशकों से अनाथों की देखभाल करने तथा उत्तरी कोरिया एवँ चीन के युवाओं की शिक्षा में सहायक होने ने उन्हें उन लोगों में अनेकों मित्र दिए हैं, जिन्हें वे कभी अपने शत्रु समझते थे। आज वे किसी भी राजनितिक उपनाम से बच कर रहते हैं, और अपने आप को केवल प्रेम करने वाला कहा जाना पसन्द करते हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में योना भविष्यद्वक्ता ने एक भिन्न प्रकार की स्मृति छोड़ी है। एक विशाल मछली के पेट से नाटकीय रीति से बचाए जाने ने भी उसके हृदय को नहीं बदला। यद्यपि उसने अन्ततः परमेश्वर की आज्ञा को मान लिया परन्तु फिर भी उसका कहना था कि वह प्रभु द्वारा उसके शत्रुओं को दया दिखाते हुए देखने के स्थान पर मरना अधिक पसन्द करेगा (योना 4:1-2, 8)।

      हम केवल अनुमान ही लगा सकते हैं कि क्या कभी योना ने निनवे के लोगों के प्रति प्रेम करना सीखा भी कि नहीं। परन्तु हमें अपने विषय भी विचार करना चाहिए – जिनसे हम भय रखते हैं या घृणा करते हैं, उनके प्रति कहीं हमारा भी योना के समान रवैया तो नहीं है? क्या हम डॉ० किम के समान परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हम अपने शत्रुओं के प्रति वैसे ही प्रेम दिखा सकें जैसा प्रेम प्रभु परमेश्वर ने हमारे प्रति दिखाया है? – मार्ट डीहॉन


प्रेम सब पर विजयी होता है।

यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखते हैं। - लूका 6:32

बाइबल पाठ: योना 3:10-4:11
Jonah 3:10 जब परमेश्वर ने उनके कामों को देखा, कि वे कुमार्ग से फिर रहे हैं, तब परमेश्वर ने अपनी इच्छा बदल दी, और उनकी जो हानि करने की ठानी थी, उसको न किया।
Jonah 4:1 यह बात योना को बहुत ही बुरी लगी, और उसका क्रोध भड़का।
Jonah 4:2 और उसने यहोवा से यह कह कर प्रार्थना की, हे यहोवा जब मैं अपने देश में था, तब क्या मैं यही बात न कहता था? इसी कारण मैं ने तेरी आज्ञा सुनते ही तर्शीश को भाग जाने के लिये फुर्ती की; क्योंकि मैं जानता था कि तू अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है, विलम्ब से कोप करने वाला करूणानिधान है, और दु:ख देने से प्रसन्न नहीं होता।
Jonah 4:3 सो अब हे यहोवा, मेरा प्राण ले ले; क्योंकि मेरे लिये जीवित रहने से मरना ही भला है।
Jonah 4:4 यहोवा ने कहा, तेरा जो क्रोध भड़का है, क्या वह उचित है?
Jonah 4:5 इस पर योना उस नगर से निकल कर, उसकी पूरब ओर बैठ गया; और वहां एक छप्पर बना कर उसकी छाया में बैठा हुआ यह देखने लगा कि नगर को क्या होगा?
Jonah 4:6 तब यहोवा परमेश्वर ने एक रेंड़ का पेड़ लगा कर ऐसा बढ़ाया कि योना के सिर पर छाया हो, जिस से उसका दु:ख दूर हो। योना उस रेंड़ के पेड़ के कारण बहुत ही आनन्दित हुआ।
Jonah 4:7 बिहान को जब पौ फटने लगी, तब परमेश्वर ने एक कीड़े को भेजा, जिसने रेंड़ का पेड़ ऐसा काटा कि वह सूख गया।
Jonah 4:8 जब सूर्य उगा, तब परमेश्वर ने पुरवाई बहा कर लू चलाई, और घाम योना के सिर पर ऐसा लगा कि वह मूर्च्छा खाने लगा; और उसने यह कह कर मृत्यु मांगी, मेरे लिये जीवित रहने से मरना ही अच्छा है।
Jonah 4:9 परमेश्वर ने योना से कहा, तेरा क्रोध, जो रेंड़ के पेड़ के कारण भड़का है, क्या वह उचित है? उसने कहा, हां, मेरा जो क्रोध भड़का है वह अच्छा ही है, वरन क्रोध के मारे मरना भी अच्छा होता।
Jonah 4:10 तब यहोवा ने कहा, जिस रेंड़ के पेड़ के लिये तू ने कुछ परिश्रम नहीं किया, न उसको बढ़ाया, जो एक ही रात में हुआ, और एक ही रात में नाश भी हुआ; उस पर तू ने तरस खाया है।
Jonah 4:11 फिर यह बड़ा नगर नीनवे, जिस में एक लाख बीस हजार से अधिक मनुष्य हैं, जो अपने दाहिने बाएं हाथों का भेद नहीं पहिचानते, और बहुत घरेलू पशु भी उस में रहते हैं, तो क्या मैं उस पर तरस न खाऊं?
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • योना 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 10