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बुधवार, 17 सितंबर 2014

अनुशासन


   लेरी गौटलिब, जो एक माँ भी हैं और चिकित्सक भी, कहती हैं कि वे माता-पिता जो अपने बच्चों को हर समय केवल खुश देखते रहने के प्रयास में लगे रहते है, वे वास्तव में अपने बच्चों को दुखी व्यसक बना रहे होते हैं। ऐसे अभिभावक बच्चों को अपने से चिपकाए रहते हैं, उन्हें संसार कि सच्चाईयों को अनुभव करने और उन सच्चाईयों का सामना करने की क्षमता विकसित करने से वंचित रखते हैं, जब उनके बच्चे गलती करते हैं तब वे उन्हें सुधारते नहीं वरन गलतियों को नज़रन्दाज़ कर देते हैं, उन्हें अनुशासित रहने और समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने से रोके रहते हैं। बड़े होने पर उन बच्चों को फिर कटु अनुभवों से वास्तविकता का सामना करना सीखना पड़ता है और उनका व्यवहार स्वयं उनके लिए तथा दूसरों के लिए भी दुखदायी हो जाता है; कई बार जिसकी भरपाई बहुत भारी पड़ती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी ऐसे ही एक पिता के बारे में उल्लेख है - वह परमेश्वर का महापुरोहित था, लेकिन अपने बच्चों को परमेश्वर के भय में बड़ा नहीं कर सका। बाइबल में पुराने नियम की पुस्तक 1 शमूएल में हम एली महायाजक के बारे में लिखा पाते हैं। वहाँ यह तो नहीं लिखा कि जब उसके बच्चे छोटे थे तो उनके प्रति वह कैसा पिता था, परन्तु यह अवश्य लिखा है कि जब वे बच्चे बड़े हो गए और परमेश्वर के मन्दिर में कार्य करने लगे तब उनका व्यवहार कैसा था तथा उनके पिता का उनके प्रति रवैया कैसा था। एली के लड़के बड़े होकर स्वार्थी, लुच्चे, झगड़ालु बन गए थे तथा परमेश्वर के वचन की शिक्षाओं एवं लोगों की आवश्यकताओं का ध्यान रखने वाले नहीं वरन अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए परमेश्वर के मन्दिर और संसाधनों का प्रयोग करने वाले हो गए थे। आरंभ में एली ने उन्हें टोका, परन्तु उन्होंने एली की नहीं सुनी और एली ने भी उनके दुर्व्यवहार की अन्देखी करना आरंभ कर दिया और उनके कुकर्म के भोजन में सम्मिलित होने लगा। क्योंकि एली ने अपने बच्चों को परमेश्वर, उसके मन्दिर तथा उसके वचन से अधिक आदर दिया इसलिए परमेश्वर ने इन बातों के कारण एली को चेतावनी दी कि एक भयानक विनाश उनके सामने रखा है, और एली तथा उसके के बेटे परमेश्वर की चेतावनी के अनुसार अपना प्राण गंवा बैठे (1 शमूएल 2:29, 34; 4:17-18)।

   हम मसीही विश्वासी माता-पिता को यह सदा ध्यान रखना चाहिए कि परमेश्वर से मिली बच्चों की आशीष की हम कैसे परवरिश कर रहे हैं? क्या हम उन्हें अनुशासन में रखकर तथा परमेश्वर के वचन के अनुसार शिक्षा देकर बड़ा कर रहे हैं, यदि आवश्यक हो तो प्रेम के साथ ताड़ना का प्रयोग करके भी (नीतिवचन 13:24; 29:17; इब्रानियों 12:9-11)। जब हम बच्चों को अनुशासन तथा परमेश्वर के भय में बड़ा करेंगे तो हम उन्हें ज़िम्मेदार तथा परमेश्वर के भय में रहने और समाज की भलाई के लिए कार्य करने वाले व्यसकों के रूप में देखने का सुख भी पाएंगे। - मार्विन विलियम्स


बच्चों को अनुशासनहीन बनाना उनके प्रति प्रेमहीन होने का सूचक है।

जो बेटे पर छड़ी नहीं चलाता वह उसका बैरी है, परन्तु जो उस से प्रेम रखता, वह यत्न से उसको शिक्षा देता है। - नीतिवचन 13:24

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 2:12, 27-36; 4:17-22
1 Samuel 2:12 एली के पुत्र तो लुच्चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहिचाना। 
1 Samuel 2:27 और परमेश्वर का एक जन एली के पास जा कर उस से कहने लगा, यहोवा यों कहता है, कि जब तेरे मूलपुरूष का घराना मिस्र में फिरौन के घराने के वश में था, तब क्या मैं उस पर निश्चय प्रगट न हुआ था? 
1 Samuel 2:28 और क्या मैं ने उसे इस्राएल के सब गोत्रों में से इसलिये चुन नहीं लिया था, कि मेरा याजक हो कर मेरी वेदी के ऊपर चढ़ावे चढ़ाए, और धूप जलाए, और मेरे साम्हने एपोद पहिना करे? और क्या मैं ने तेरे मूलपुरूष के घराने को इस्राएलियों के कुल हव्य न दिए थे? 
1 Samuel 2:29 इसलिये मेरे मेलबलि और अन्नबलि जिन को मैं ने अपने धाम में चढ़ाने की आज्ञा दी है, उन्हें तुम लोग क्यों पांव तले रौंदते हो? और तू क्यों अपने पुत्रों का आदर मेरे आदर से अधिक करता है, कि तुम लोग मेरी इस्राएली प्रजा की अच्छी से अच्छी भेंटें खा खाके मोटे हो जाओ? 
1 Samuel 2:30 इसलिये इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, कि मैं ने कहा तो था, कि तेरा घराना और तेरे मूलपुरूष का घराना मेरे साम्हने सदैव चला करेगा; परन्तु अब यहोवा की वाणी यह है, कि यह बात मुझ से दूर हो; क्योंकि जो मेरा आदर करें मैं उनका आदर करूंगा, और जो मुझे तुच्छ जानें वे छोटे समझे जाएंगे। 
1 Samuel 2:31 सुन, वे दिन आते हैं, कि मैं तेरा भुजबल और तेरे मूलपुरूष के घराने का भुजबल ऐसा तोड़ डालूंगा, कि तेरे घराने में कोई बूढ़ा होने न पाएगा। 
1 Samuel 2:32 इस्राएल का कितना ही कल्याण क्यों न हो, तौभी तुझे मेरे धाम का दु:ख देख पड़ेगा, और तेरे घराने में कोई कभी बूढ़ा न होने पाएगा। 
1 Samuel 2:33 मैं तेरे कुल के सब किसी से तो अपनी वेदी की सेवा न छीनूंगा, परन्तु तौभी तेरी आंखें देखती रह जाएंगी, और तेरा मन शोकित होगा, और तेरे घर की बढ़ती सब अपनी पूरी जवानी ही में मर मिटेंगें। 
1 Samuel 2:34 और मेरी इस बात का चिन्ह वह विपत्ति होगी जो होप्नी और पीनहास नाम तेरे दोनों पुत्रों पर पड़ेगी; अर्थात वे दोनों के दोनों एक ही दिन मर जाएंगे। 
1 Samuel 2:35 और मैं अपने लिये एक विश्वासयोग्य याजक ठहराऊंगा, जो मेरे हृदय और मन की इच्छा के अनुसार किया करेगा, और मैं उसका घर बसाऊंगा और स्थिर करूंगा, और वह मेरे अभिषिक्त के आगे सब दिन चला फिरा करेगा। 
1 Samuel 2:36 और ऐसा होगा कि जो कोई तेरे घराने में बचा रहेगा वह उसी के पास जा कर एक छोटे से टुकड़े चान्दी के वा एक रोटी के लिये दण्डवत कर के कहेगा, याजक के किसी काम में मुझे लगा, जिस से मुझे एक टुकड़ा रोटी मिले।

1 Samuel 4:17 उस समाचार देने वाले ने उत्तर दिया, कि इस्राएली पलिश्तियों के साम्हने से भाग गए हैं, और लोगों का बड़ा भयानक संहार भी हुआ है, और तेरे दोनों पुत्र होप्नी और पीनहास भी मारे गए, और परमेश्वर का सन्दूक भी छीन लिया गया है। 
1 Samuel 4:18 ज्योंही उसने परमेश्वर के सन्दूक का नाम लिया त्योंही एली फाटक के पास कुर्सी पर से पछाड़ खाकर गिर पड़ा; और बूढ़े और भारी होने के कारण उसकी गर्दन टूट गई, और वह मर गया। उसने तो इस्राएलियों का न्याय चालीस वर्ष तक किया था। 
1 Samuel 4:19 उसकी बहू पीनहास की स्त्री गर्भवती थी, और उसका समय समीप था। और जब उसने परमेश्वर के सन्दूक के छीन लिये जाने, और अपने ससुर और पति के मरने का समाचार सुना, तब उसको जच्चा का दर्द उठा, और वह दुहर गई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ। 
1 Samuel 4:20 उसके मरते मरते उन स्त्रियों ने जो उसके आस पास खड़ी थीं उस से कहा, मत डर, क्योंकि तेरे पुत्र उत्पन्न हुआ है। परन्तु उसने कुछ उत्तर न दिया, और न कुछ ध्यान दिया। 
1 Samuel 4:21 और परमेश्वर के सन्दूक के छीन लिये जाने और अपने ससुर और पति के कारण उसने यह कहकर उस बालक का नाम ईकाबोद रखा, कि इस्राएल में से महिमा उठ गई! 
1 Samuel 4:22 फिर उसने कहा, इस्राएल में से महिमा उठ गई है, क्योंकि परमेश्वर का सन्दूक छीन लिया गया है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 43-45